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डाक टिकट और सेंगॉल का विशेष महत्तव- डॉ. दिनेश लाल जांगडे

डाक टिकट और सेंगॉल का विशेष महत्तव- डॉ. दिनेश लाल जांगडे

बिलाईगढ़। एमबीबीएस, एमडी शिशु रोग विशेषज्ञ, प्रदेश भाजपा विशेष आमंत्रित सदस्य एवं सह प्रभारी जगदलपुर अजा मोर्चा डॉ. दिनेश लाल जांगड़े ने आज प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से नवीन संसद के तथ्यों के बारे में अपनी बात रखी। डॉ. दिनेश ने कहा कि इस ऐतिहासिक पल में पीएम मोदी जी ने एक विशेष स्मारक डाक टिकट और 75 रुपए का सिक्का जारी किया। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के तहत आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, सिक्के का वजन 34.65 ग्राम से 35.35 ग्राम के बीच है। सिक्के के एक तरफ बीच में अशोक स्तंभ की छवि है, जिसके एक ओर देवनागरी लिपि में ’भारत जबकि दूसरी ओर अंग्रेजी में ’इंडिया लिखा है।
वहीं उदघाटन के दिन प्रधानमंत्री जी ने ’सेंगोल (राजदंड) को दंडवत प्रणाम किया और हाथ में पवित्र राजदंड लेकर तमिलनाडु के विभिन्न अधीनमों के पुजारियों का आशीर्वाद लिया। इसके बाद ’नादस्वरम् की धुनों के बीच प्रधानमंत्री मोदी सेंगोल. को नए संसद भवन लेकर गए और इसे लोकसभा कक्ष में अध्यक्ष के आसन के दाई ओर एक विशेष स्थान में स्थापित किया। अगर गौर किया जाए तो स्वनिर्मित संसद भवन हर भारतीय का गौरव का मंदिर है। भारतीय लोकतंत्र की गौरवशाली यात्रा में 28 मई का विशेष महत्तव बनता है। यह आकांक्षी भारत का नया मील का पत्थर है। आजादी के 75 वर्ष के बाद राष्ट्र का स्वनिर्मित संसद भवन का सपना पूरा हुआ है। नई इमारत गुलामी की प्रतीकों से मुक्ति भी है। नए संसद भवन को बनाने में भारत की सांस्कृतिक व शिल्पी विविधताओं का पूरा ध्यान रखा गया है, आधुनिक हाइटेक व सिटिंग जरूरतों का भी ख्याल रखा गया है। भारत की विशालता और परिसीमन के बाद संसदीय क्षेत्र के बढ़ने के बाद बड़े संसद भवन की जरूरत थी। साथ ही पुराने भवन को सौ साल हो चुके हैं, जिससे माननीयों की सुरक्षा का प्रश्न खड़ा हो गया था, इसकी सिटिंग क्षमता भी कम है। नवीन भवन में ’अखंड भारत’ के भित्ति चित्र भी है, जो भारत के संकल्पों को दर्शाता है। नए संसद भवन में विरासत भी है, वास्तु भी है, शिल्प कला भी है, कौशल भी है, संस्कृति भी है और संविधान के स्वर भी .हैं। लोकसभा अध्यक्ष की पीठ के निकट ’राजदंड’ (सॅगोल) को स्थापित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए भारत की आकांक्षा का मंदिर ’नया संसद भवन’ राष्ट्र को समर्पित किया है। समूचे देशवासी इस एतिहासिक स्वर्णिम पल के गवाह बने हैं। यह सचमुच स्वतंत्र भारत के लिए गौरव का अविस्मरणीय दिन है। एक संवैधानिक संप्रभु राष्ट्र का स्वर्निमित संसद भवन करीब एक सौ बयालीस करोड़ भारतीय के सपनों को पूरा करने का केंद्र बनेगा। नए संसद भवन के निर्माण का फैसला एक चुनी हुई सरकार का निर्णय है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि संसद की नई इमारत देशवासियों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतिबिंब है। पीएम का कहना सही हैैै। प्रधानमंत्री ने नए संसद भवन में सबसे पहले संबोधन का इतिहास रचते हुए यह भी कहा कि भारत को ’विकसित’ बनाने के लिए सबको जी जान से जुटना होगा यह स्वनिर्मित नया संसद भवन हर भारतीय का गौरव है।नवीन संसद भवन के बारे में उक्त बातें प्रेस के माध्यम से बिलाईगढ़ विधानसभा के युवा भाजपा नेता डॉ. दिनेश लाल के द्वारा कही गई।
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