
सारंगढ़ : नाबालिक से रेप के आरोपी भीमदास को 20 साल सश्रम कारावास की सजा

नाबालिक बालिका को शादी का झांसा देकर बहला-
फुसलाकर बलात्कार करने वाले आरोपी भीमदास
महंत पाया गया दोषी,
फास्ट ट्रेक स्पेशल कोर्ट (पॉक्सो एक्ट) न्यायाधीश श्री
अमित राठौर ने दिया फैसला-?
सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
नाबालिक बालिका को शादी का झांसा देकर बहला-फुसलाकर बलात्कार करने 8वाला आरोपी भीमदास महंत को फास्ट ट्रेक स्पेशल कोर्ट (पॉक्सो एक्ट) न्यायाधीश श्री अमित राठौर ने 20 सजा सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
इस संबंध मे मिली जानकारी के अनुसार आज दिनांक 28/10/2025 को निर्णय माननीय अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रेक स्पेशल कोर्ट (पॉक्सो एक्ट) सारंगढ़ श्री अमित राठौर के न्यायालय में पुलिस चौकी कनकबीरा थाना सारंगढ के अपराध में जो किपॉक्सो प्रकरण क्रमांक 12/2024 है जिसमें आरोपी भीमदास महंत पिता स्व० अलेखदास महंत उम्र 22 वर्ष निवासी सालर के द्वारा 17 वर्षीय पीडित
नाबालिक बालिका को शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया था जिससे पीडिता गर्भवती हो गई थी और सारंगढ़ अस्पताल मेंगर्भपात से मृत शिशु को जन्म दिया था जिस पर चौकी कनकबीरा थाना सारंगढ़ के द्वारा अपराध
पंजीबद्ध कर न्यायालय के समक्ष अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था। जिसमें पीड़िता द्वारा गर्भपात से जन्म दिये गये शिशु का डीएनए परीक्षण कराया गया था जिसमें मृत शिशु को पीड़िता एवंअभियुक्त का जैविक संतान होना न्यायालयिक
विज्ञान प्रयोगशाला द्वारा प्रतिवेदत किया गया था,
पीडित बालिका नाबालिक होने से प्रकरण लैंगिग अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का पाये जाने से माननीय अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रेक स्पेशल कोर्ट सारंगढ़ के द्वारा मामले का त्वरित विचारण कर सभी साक्ष्यों एवं गवाहों के बयान पर विचारण करने के बाद आज आरोपी को 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं जुर्माने से दण्डित किया गया है। अदालत के द्वारा मामले की संवेदनशीलता को खते हुये पीड़ित के शारीरिक एवं मानसिक क्षति एवं पुनर्वास हेतु राज्य शासन से प्रतिकर भुगतान किये जाने की अनुसंशा की गई है यह फैसला बाल सुरक्षा एवं यौन अपराधों के खिलाफ राज्य शासन एवं न्यायपालिका की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है 2साथ ही लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के प्रभावी कार्यान्वयन को प्रभावित करता है, इस प्रकरण में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक श्री प्रफुल्ल कुमार तिवारी ने अभियोजन का पक्ष रखते हुये पैरवी की।



