जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़

सारंगढ़-सरसीवां रोड़ : 16 किलोमीटर का सफर 1 घंटे का? छिंद गांव के पास रोड़ की हालत बदत्तर?

सारंगढ़-सरसीवां रोड़ : 16 किलोमीटर का सफर 1 घंटे का? छिंद गांव के पास रोड़ की हालत बदत्तर?

सारंगढ़-सरसीवां रोड़ : 16 किलोमीटर का सफर 1 घंटे का? छिंद गांव के पास रोड़ की हालत बदत्तर?

नेशनल हाईवे 130बी में मरम्मत तक नही?
सड़क पर गड्‌ढ़े या गड्‌ढ़े पर सड़क?
फोर लेन बनने के पहले सड़क की बदहाली से
क्षेत्रवासी परेशान?

सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला के लाईफ लाईन सड़क यानि सारंगढ़-सरसीवां-भटगांव-बिलाईगढ़ सड़क की स्थिति लगातार बद से बदहाल हो रहा है। सारंगढ़ जिला मुख्यालय से सरसीवां तक की 16 किलोमीटर की सड़क छिंद गांव के पास बद से बदत्तर स्थिति में पहुंच गई है। यहा पर 16 किलोमीटर का सफर लगभग 1 घंटे का हो रहा है। कहने को तो यह मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग 130बी हो गया है तथा इसी रोड़ को फोरलेन बनाये जाने के लिये जिले के 58 गांवो की जमीन खरीदी बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है किन्तु अभी जो बदहाली और परेशानी है उसको दूर करने के लिये कोई पहल तक नही हो रही है। बरसात के पानी से सड़क के गड्ढ़े डूबे हुए है और हालत बद से बदत्तर होते जा रहा है।

दरअसल सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला की लाईफ लाईन सारंगढ़-सरसीवां सड़क जो कि
अब नेशनल हाईवे 130बी है इसको फोरलेन सड़क की घोषणा कर यहा पर 58 गांव की भूमि की खरीदी- बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है किन्तु सड़क पर सामान्य संधारण भी नेशनल हाईवे नही कर रहा है। सारंगढ़ के रानीसागर गांव से शुरू होने वाला जर्जर सड़क की स्थिति चंदाई और छिंद के पास सर्वाधिक जर्जर है। यहा पर छिंद गांव के पास तो चापपहिया वाहन का चलना रिस्की हो गया है। बताया जा रहा है यहा पर बने आधा दर्जन से अधिक गहरे गड्‌ढ़े मे छोटे चार पहिया वाहन फंस ना जाये इसका डर बना रहता है। बरसाती पानी सड़क को डूबा कर रखे हुए है। वही सड़क के दोनो छोर पर मिट्‌टी ऊचा हो गया है जिससे पानी की निकासी नही हो रही है और सड़क बद से बदत्तर हो गया है।

बताया जा रहा है कि सन् 2000 मे जब छत्तीसगढ़ का निमार्ण हुआ था तब से लेकर आज 2025 तक सारंगढ़ से सरसीवां सड़क के जीर्णोद्धार की बात भाषणो मे खूब होती है किन्तु धरातल पर कुछ नही होता है। इन 25 वर्षो में करोड़ो रूपये का फर्जी मरम्मत दर्शाकर पीडब्लू के अधिकारी मालामाल हो गये किन्तु महज 16 किलोमीटर की दूरी वाली सड़क बद से बदत्तर हो गई है। 15 जून को जब मानसून आया और हल्की बौछार हुई तथा जुलाई में जब अंतिम सप्ताह मे ही जब बारिश ने रौद्र रूप धारण किया तब तक सारंगढ़ से सरसीवां रोड़ की हालत इस बदर बदहाल हो गई है कि लोग अब इस मार्ग का उपयोग नही करना चाह रहे है। इस बदहाली का एक मात्र कारण अधिकारियो की मनमानी और क्षेत्रीय
जनप्रतिनिधियो की रहस्यमय चुप्पी के कारण से करोड़ो रूपये के खर्च कर बनी सड़क का गड्‌ढ़ो मे तब्दील हो जाना। सारंगढ़ के रानीसागर के पास से शुरू होता है इस सड़क की बदहाली की कहानी जो कि परसदा बड़े की सीमा के खत्म होने के बाद ही समाप्त होता है। इस बीच 12 किलोमीटर की लंबाई मे ऐसा कोई भी स्थान नही है जहा पर गहरे गड्‌ढ़े ना हो। हर 10 मीटर ऐसे चौड़े और बड़े गहरे गड्‌ढ़े हो गये है कि चारपहिया वाहन और दुपहिया वाहन भी चलाना यहा पर काफी मुश्किल भरा हो जा रहा है। सारंगढ़ से परसदा की दूरी 12 किलोमीटर है किन्तु इसके लिये सामान्य ढंग से एक घंटे का समय लग रहा है जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि रोड़ किस कदर बदहाल है। कहने को कागजो पर यह रोड़ नेशनल हाईवे हो गया है किन्तु रोड़ की दशा को देखकर तो यही लगता है कि यह कोई खेत की पगडंडी है। सारंगढ़-सरसीवा रोड़ को सारंगढ़ अंचल की लाईफ-लाईन माना जाता है किन्तु यहा पर सांसद और विधायक को इस रोड़ की बदहाली से कोई मतलब नही है। इस रोड़ के लिये कोई मजबूत कार्ययोजना नही बनाई गई है। वही अधिकारी इस कदर से बेपरवाह हो गये है कि सड़क पर बने गड्ढ़े को भरने तक के लिये रूचि नही ले रहे है। सड़क के जीर्णोद्धार कराने मे असफल रहने वाले विधायक और सांसद मरम्मत तक कराने मे भी असफल साबित हो रहे है जिससे साबित हो रहा है कि सारंगढ़ के विकास की बाते सिर्फ कोरी कल्पना है और कुछ भी नही है।

रायपुर जाने का प्रमुख मार्ग बना सारंगढ़-सरसीवा मार्ग?

सारंगढ़-सरसीवा मार्ग के बदहाली का सबसे बड़ा कारण इस मार्ग पर चलने वाली ओव्हरलोड़ भारी वाहन है। बताया जा रहा है कि इंडस्ट्रिसल एरिया रायगढ़ का प्लांटो का बड़ी मालवाहन गाड़िया राजधानी रायपुर जाने के लिये सारंगढ़-सरसीवा मार्ग का उपयोग कर रही है। इस रोड़ मे बलौदाबाजार जिला की सीमा शुरू होने के बाद शानदार स़ड़क मिलती है जो कि बलौदाबाजार होते हुए राजधानी रायपुर पहुंचाती है। इस रोड़ पर टोल टैक्स का कोई झंझट नही होने के कारण से प्रति दिन 300 से अधिक भारी वाहन इस रोड़ का उपयोग आवागमन मे करते है। बताया जा रहा है कि 14 चक्का की एक हाईवा को
सरायपाली फोर लेने से होकर रायपुर जाने पर एक तरफ का 3000 रूपये का टोल गेट का टैक्स लगता है। जिसको बचाने के लिये भारी वाहन सारंगढ़-सरसीवा होकर रायपुर का रोड़ से आवागमन कर रहे है। इस रोड़ की बदहाली का सबसे बड़ा कारण स्तरहीन निमार्ण और ओव्हरलोड़ भारी वाहने है। जिसके कारण से रोड़ बदहाल हो गया है वही देखरेख मरम्मत नही होने से गड्‌ढ़ो में तब्दील हो गया

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