छत्तीसगढ़ में कानफोड़ू डीजे पर बैन, संचालकों में मची खलबली
- कई जिलों के डीजे संचालकों ने कलेक्टर के नाम एसडीएम को सौपा ज्ञापन
रायपुर। छत्तीसगढ़ में डीजे बजाने को लेकर बवाल मचा हुआ है। दरअसल हाईकोर्ट के आदेश के बाद डीजे संचालकों में खलबली मची हुई है। डीजे बजाने की अनुमति को लेकर डीजे संचालकों ने जांजगीर कलेक्टर के नाम एसडीएम को लिखित ज्ञापन सौंपा है। डीजे में पूर्ण प्रतिबंध लगाए जाने से डीजे संचालकों में हड़कंप मच गया है। इससे रोजी रोटी समस्या उत्पन्न होने की बात को लेकर डीजे बजाने की अनुमति देने की मांग की गई है।
SDM को सौपा ज्ञापन: प्रदेश में ध्वनि यंत्रों के लिए बनाए गए नियमों के बाद में बिना अनुमति के डीजे बजाने पर प्रशासन ने रोक लगा दी है। उन्होंने अनुमति लेने के बाद कम आवाज में चलाने को कहा है। इस आदेश के बाद शुक्रवार को छत्तीसगढ की कई जिलों के डीजे संचालकों ने एसडीएम ऑफिस अपनी मांगों को लेकर कलेक्टर के नाम एसडीएम को एक ज्ञापन सौंपा।
डीजे से ही चलता है घर: उन्होंने बताया कि आगे अनंत चतुर्दशी व नवरात्री का त्यौहार आ रहा है। डीजे संचालकों ने बताया कि लोन लेकर उन्होंने डीजे का कारोबार शुरू किया है। इसी से उनका घर चल रहा है, हाल में नए आदेश जारी किया है, इसके बाद जिले के अधिकारी बैठक लेकर डीजे संघ को दिहायत दी गई है कि किसी भी समारोह में डीजे नहीं बजा सकते
पूर्ण प्रतिबंध की बात कही जा रही: साथ ही बहुत कम आवाज में बजाना होगा। पूर्ण प्रतिबंध की बात कही जा रही है। ऐसे में हमारा व्यवसाय पूर्ण रूप से बंद हो जाएगा। व्यवसाय बंद होने से घर परिवार चलाने में परेशान होगी। इसी से घर परिवार चलाया जा रहा है। डीजे संचालकों की मांग है कि त्यौहारी सीजन में व्यवसायियों को लिखित आदेश व कार्रवाई नहीं करते हुए कुछ छूट प्रदान करते हुए अपने डीजे साउंड व्यवसाय को चलाने की प्रशासनिक अनुमति प्रदान किया जाए।