सालर मंडल अध्यक्ष रवीन्द्र पटेल की लोकप्रियता से जिलाध्यक्ष चुनाव में आ सकता है नया मोड़
सारंगढ़
भारतीय जनता पार्टी में संगठन चुनाव चल रहा है जिसमें बुथ अध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक का चुनाव सम्पन्न होना है। इस क्रम में सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला में सक्रिय भाजपाई चेहरों पर भी सबकी नजरें टिकी हुई हैं कि आखिर जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी किस चेहरे को मिल सकती है। सभी तरफ कयासों का दौर चल रहा है खासकर विधानसभा चुनाव के दोनो ही सीटों पर पार्टी की दुगर्तिपुर्ण स्थिति के बाद इस जिले में नये और युवा चेहरे को कमान देने की बात सामने आ रही है। विगत विधानसभा चुनाव में जिस प्रकार से संगठन के प्रभावशाली चेहरों ने अपना जेब भरा और जिनके अव्यवहारिक कार्यशैली की वजह से दोनो ही विधानसभा में बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा वह किसी से छिपा नही है। जिस प्रकार से जिले में युवा चेहरे को कमान देने की मांग बलवती होती जा रही है
उससे आने वाले समय में सालर मंडल के वर्तमान मंडल अध्यक्ष और अनुभवी भाजपा नेता रवीन्द्र पटेल का नाम युवाओं के लिए बेहद सकारात्मकता का संदेश देने वाला हो सकता है। 6 नवम्बर 1973 की जन्मतिथि वाले 51 वर्षीय रवीन्द्र पटेल ग्रामीण परिवेश के पले बढे और भाजपा के कर्मठ कार्यकर्ता तथा उर्जावान नेता के रूप में जाने जाते हैं। समाजशास्त्र में एम.ए की डिग्री के साथ उन्होने अपनी उच्चशिक्षा प्राप्त की है। सामाजिक पटल पर गायत्री परिवार के सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में जाने जाते हैं, इसके अलावा सरस्वती शिक्षा संस्थान विद्या भारती से जुडकर भी लगातार सामाजिक कार्य कर रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के आनुशांगिक संगठन विद्या भारती में संकुल समंवयक, तहसील समंवयक के दायित्व पर 2000 से 2016 तक उन्होने पुर्णकालिक सेवाकार्य किया है। भाजपा में 2010 में शक्ति केन्द्र संयोजक और 2017 से मंडल उपाध्यक्ष के रूप में रवीन्द्र पटेल ने कार्य किया है। वर्तमान में रवीन्द्र पटेल सालर मल्दा मंडल अध्यक्ष के रूप में जनता और पार्टी की सेवा कर रहे हैं। कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले उक्त क्षेत्र में अपने मंडल पदाधिकारियों के सहयोग से रवीन्द्र पटेल का कार्यकाल संगठन के दृष्टिकोण से बेहद सकारात्मक रहा है। विधानसभा चुनाव में भी जहां दिन रात रवीन्द्र पटेल ने एक कर दिया तो वहीं लोकसभा चुनाव के दौरान भी मंडल पदाधिकारियों के सहयोग से राधेश्याम राठिया को बढ़त दिलाने में जमकर मेहनत की। एक कार्यकर्ता के रूप में रवीन्द्र पटेल ने हमेशा पार्टी के आदेशों का पालन किया है
और एक नेता के तौर पर अपने कार्यकर्ताओं के लिए हमेशा मुखर रहे हैं। उनकी सबसे बडी खासियत रही है कि कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलते हैं। जिला बनने के बाद सुभाष जालान को पहला जिलाध्यक्ष और पुर्व पार्षद अजय गोपाल को जिला महामंत्री की महत्ती जिम्मेदारी संगठन के द्वारा सौंपी गई थी लेकिन जिला संगठन के अथक प्रयासों के बाद भी दुर्भाग्य से दोनो ही सीटों पर भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा। पिछली बार सामान्य वर्ग से जिलाध्यक्ष बनाया गया था इस बार सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिछडा वर्ग को मौका मिल सकता है। ऐसे में युवा चेहरे के रूप में रवीन्द्र पटेल एक दमदार उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं। सुत्र बताते हैं कि विधानसभा चुनावों के परिणामों के साथ साथ जिलाध्यक्ष की दौड़ में शामिल चेहरों के कर्मठता और राजनितिक जीत/हार पर भी, मंथन के साथ आगामी ’’जिलाध्यक्ष’’ का ताज सक्रिय चेहरे के सिर पर सजेगा। बहरहाल रवीन्द्र पटेल के नाम की चर्चा जिलाध्यक्ष दावेदार के रूप में होने से युवाओं वर्ग में उत्साह देखने को मिल रहा है