
ऐतिहासिक और गौरवशाली शहर सारंगढ़ में नही है एक भी पब्लिक लाईब्रेरी,
नवीन जिला बना सारंगढ़-बिलाईगढ़ में लाईब्रेरी का अभाव,
वर्षो पहले संचालित होती थी नगर पालिका में लाईब्रेरी
विभिन्न अखबारो और पत्र-पत्रिकाओ का था विशाल संग्रह,
मासिक सदस्य बनाकर करते थे बुक इश्यू,
अब बंद हो गया है शहर का लाईब्रेरी !
सारंगढ़,
पान,पानी और पालगी की गौरवशाली नगरी सारंगढ़ अब जिला मुख्यालय का स्वरूप धारण कर लिया है। यहा पर लगभग 100 वर्ष पुरानी नगरीय निकाय नगर पालिका भी संचालित है किन्तु यहा पर वर्षो से संचालित होते आ रही लाईब्रेरी नया भवन मे शिफ्ट होने के बाद से बंद पड़ा है। इस लाईब्रेरी को खुलवाने के लिये कोई आज तक उचित पहल नही हुई है। जबकि इस सावर्जनिक लाईब्रेरी में काफी ऐतिहासिक महत्व की पुस्तको के अलावा दैनदिनी समसामायिक घटनाओ के लिये अखबारो का संग्रहण तथा पत्र-पत्रिकाओ का संग्रहण काफी बेहतरीन थे। भारतमाता चौक के पास से पुरानी नगर पालिका भवन से नवीन नगरीय निकाय भवन में शिफ्ट होने के बाद से ही सार्वजनिक लाईब्ररी बंद पड़ी हुई है।
किसी भी शहर की पहचान उनकी सांस़्कृतिक विरासत तो होती है साथ ही बौद्धिक विचारो को कुशाग्र बनाने वाला साहित्यिक संग्रह भी प्रभावशाली होती है। आसपास के नगरीय निकायो मे सबसे पुराना नगरीय निकाय सारंगढ़ नगर पालिका में सारंगढ़ नगर के लिये कुछ इस प्रकार के सुविधाओ की उपलब्धता थी कि सारंगढ़ शहर एक विशिष्ट पहचान बनाये रखता था। इन्ही विशेषताओ में से एक विशेषता सारंगढ़ नगर पालिका के द्वारा संचालित लाईब्रेरी हुआ करता था। सारंगढ़ नगर पालिका की स्थापना 1919 में हुई थी तथा लगभग 100 वर्ष से अधिक पुरानी सारंगढ़ नगर पालिका के पुराने भवन में सभाकक्ष में एक विशिष्ट लाईब्रेरी का संचालन होता था। नगर पालिका भवन के प्रथम तल पर स्थापित इस लाईब्रेरी का संचालन नगर पालिका परिषद के द्वारा किया जाता था तथा यहा पर लाईब्रेरी पुस्तके ईश्यू कराने के लिये मासिक सदस्य बनना पड़ता था तथा इसके लिये कुछ रूपये का सदस्यता शुल्क लिया जाता था। शेष अन्य पाठको के लिये जो कि यहा पर प्रतिदिन आकर दैनिक समाचार पत्रो का पाठन कर सकते थे तथा पत्र-पत्रिकाओ का भी अध्ययन कर सकते थे उनके लिये यह लाईब्रेरी नि:शुल्क था। 90 के दशक में सारंगढ़ की लाईब्रेरी में प्रतियोगी परिक्षाओ की तैयारी करने वाले महाविद्यालीन छात्र-छात्राओ का भी काफी आनाजाना होता था। साथ ही इस लाईब्रेरी में रियासतकालीन पुस्तको का भी संग्रह था। किन्तु समय के पहिया ने गति पकड़ा और नगर पालिका सारंगढ़ में संचालित लाईब्रेरी बंद हो गई। कई बार इस लाईब्रेरी के प्रारंभ होने की आवाज उठती रही और इसके लिये आश्वासन मिलता रहा किन्तु 12 वर्ष पूर्व नगर पालिका का पुराना भवन को छोड़कर नगरीय निकाय नया भवन सिविल लाईन एसडीएम बंगला के पास आ गया जिसके बाद लाईब्रेरी की ऐतिहासिक पुस्तके और विभिन्न पत्र-पत्रिकाओ की क्या स्थिति है इसकी जानकारी नही मिल पाई है। अब सारंगढ़ जिला मुख्यालय का स्वरूपधारण कर लिया है तथा हर वर्ष काफी संख्या में युवा प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी कर रहे है ऐसे मे उन्हे एक पब्लिक लाईब्रेरी की सुविधा प्रदान करने से सारंगढ़ अंचल में प्रतियोगी परीक्षाओ को लेकर उचित माहौल बनेगा।
चुनावी वादो में ही जिंदा रहती है नगर पालिका की लाईब्रेरी
सारंगढ़ नगर पालिका के द्वारा संचालित होने वाली लाईब्रेरी के प्रारंभ वर्ष तथा समापन वर्ष की विस्तृत जानकारी तो नही मिल पाई है किन्तु 1975 से 1998 तक यह लाईब्रेरी शहर की शान के रूप में जाना जाता था। हर शाम को पाठको की अनुशासित और संयमित भीड़ लाईब्रेरी की शान होती थी। 1990 के दशक में तात्कालिक राज्य मध्यप्रदेश से प्रकाशित होने वाली समाचार पत्रो का रायपुर संस्करण तथा डाक से पहुंचने वाले विभिन्न समाचार पत्रो के संस्करण को उत्सुकता के साथ पाठक पढ़ते थे। वही उस समय प्रकाशित होने वाली मासिक और साप्ताहिक पत्र-पत्रिकाओ को भी लेकर पाठको के मन में उत्साह बना रहता था। इन सभी पत्र-पत्रिकाओ और समाचार पत्रो के साथ साथ विभिन्न अलमारियो मे रखा हुआ 10 हजार से अधिक की पुस्तको का महत्व अपने आप में बड़ी विशेषता थी। इस विशाल लाईब्रेरी को संचालित करने के लिये नगर पालिका सारंगढ़ के द्वारा कर्मचारियो को दायित्व प्रदान किया जाता था तथा यहा पर उपस्थित होकर अध्ययन-अध्यापन करने वाले पाठको के लिये दैनिक पंजी का भी संधारण किया जाता था जो कि प्रतिदिन आने का समय और जाने का समय और अध्ययन करने वाले पत्र-पत्रिकाओ का भी विवरण लिखते थे। वही महज 5 रूपये में मासिक सदस्य बनाया जाता था जो कि पुस्तको का ईश्यू कराकर घर ले जाते थे तथा अगले दिन वापस करते थे। किन्तु लगभग 20 वर्ष पूर्व से यह लाईब्रेरी बंद हो गया है। पुराने भवन को छोड़कर नगर पालिका सारंगढ़ जब से नया भवन मे शिफ्ट हुआ है तब से यहा पर संचालित लाईब्रेरी का अता-पता नही है। चुनावी घोषणा पत्र मे हर बार सारंगढ़ नगर पालिका के द्वारा संचालित लाईब्रेरी का पुन: संचालन की बाते रहती है कि चुनाव संपन्न होने के बाद कचरे के ढ़ेर में खोये रहती है।
जिला बनने के बाद पब्लिक लाईब्रेरी को लेकर उम्मीद जगी
सारंगढ़-बिलाईगढ़ नवीन जिला का गठन 1सितंबर 2022 को हुआ है पुरातत्व तथा ऐतिहासिक और गौरवशाली घटनाओ को अपने इतिहास में समेटे सारंगढ़ रियासत की ऐतिहासिक जानकारी को संरक्षित करने के लिये एक उच्च स्तरीय लाईब्रेरी की स्थापना महसूस किया जा रहा है। नगर पालिका सारंगढ़ के पुराने भवन को ही पुरातत्व विभाग का संग्रहालय और सार्वजनिक लाईब्रेरी के लिये उपयुक्त भवन के रूप में जीर्णोद्धार कर सारंगढ़ अंचल में आधुनिक संचार साधनो से युक्त लाईब्रेरी का भी निमार्ण किया जा सकता है। साथ ही लेजर शो के द्वारा सारंगढ़ रियासत की गौरवशाली घटनाओ को भी चित्रण किया जाता सकता है ताकि आने वाली पीढी सारंगढ़ के इतिहास रूबरू हो सकें।
इस संबंध में शीघ्र ही सारंगढ़ के संवेदनशील कलेक्टर डा.फरिहा आलम सिद्धिकी से मिलकर नगर पालिका की सार्वजनिक लाईब्रेरी का पुन: संचालन और पुरातत्व विभाग का संग्रहालय का संचालन को लेकर पहल करते हुए मांग करने के लिये एक प्रतिनिधि मंडल मिलेगा और सारंगढ़ जिला में सार्वजनिक लाईब्रेरी की मांग को पूरा कराने के लिये विशेष पहल करने की मांग भी करेगा।