बिलाईगढ़ अंचल में जोरों से चल रही है अवैध उत्खनन?
अवैध उत्खनन के खनिज विभाग को अनेको शिकायत के बाद भी कानो में जू तक नहीं- डॉ .हेमचन्द्र जांगडे
भटगांव,
डॉ.हेमचन्द्र जांगडे ने अवैध पत्थर खनन पर आवाज उठाते हुए बताया है कि बिलाईगढ़ विकासखंड क्षेत्र के अनेको ग्राम पंचायत में अवैध रूप से पत्थर निकालने का काम जोरो पर चल रहा है जानकारी हो कि धान कटाई के बाद दिसम्बर माह से इस क्षेत्र के सभी पत्थर खदानों में पत्थर तोड़ाई का काम शुरू हो गया है और अब जून – जुलाई जब तक बरसात नही आती तब तक खदानों में पत्थर तोड़ाई सप्लाई का काम जोरो पर चलता रहेगा।
बताया जा रहा है कि बिलाईगढ़ अंचल के सोहागपुर, शुक्ला- भाटा, बमहनपुरी,जोगेसरा, सालेओना, पचपेड़ी, तथा बिलाईगढ़ क्षेत्र के दुमहानी, बेलटिकरी, छापोरा,धारासिवा, पथरिया, बिसनपुर सहित क्षेत्र के अनेकों ग्राम में लगातार पत्थरों का अवैध उत्खनन का कार्य दिन रात जारी है । इन खदानों में सबसे बड़ा खदान दुमहनी है जहाँ रोजाना सैकड़ो,टेक्टर बोल्डर पत्थर की अवैध परिवाहन किया जा रहा है ।
वही सबसे आश्चर्य की बात यह कि यहा पर कुल 9 लोगो ने पत्थर उत्खनन के लिए माइनिग विभाग से लिया है लीज किन्तु अवैध रूप से 50 से अधिक खदान संचालित हो रही है। डॉक्टर जांगडे ने कहा कि हमे पता चला है कि पूरे बिलाईगढ़ ब्लाक में केवल 9 लोगो ने पत्थर उत्खनन के लिए माइनिग विभाग से लीज में पत्थर निकालने का विभाग से परमिशन लिये है। बाकी जितने भी इस क्षेत्र के खदान में पत्थर खनन किया जा रहा है । वे सभी अवैध तरीके से चल रहा है। जबकि क्षेत्र में सैकड़ो लोग अवैध रूप से पत्थर निकाल कर बिक्री करने का काम जोरों से कर रहे है। आपको बता दे कि पत्थर के व्यापारी गरीब किसान के जमीन को कम दाम में खरीद लेते हैं और उस जमीन से माइनिग विभाग के लीज लिये बिना जेसीबी मशीन को खदान में लगा कर ऊपर के मिट्टी निकाल कर उसमें छीनी -घन और सब्बल से मजदूर से सुरग बना कर उस छेदे में बारूद भर कर अवैध विस्फोट कर पत्थर तोड़ा जाता हैं।
बताया जाता है कि क्षेत्र में पत्थर खदानों में सुबह 4 बजे से खदानों में में पत्थर तुड़ाई कर टैक्टर- ट्रको में लोडिंग का काम चालू हो जाता है। और टेक्टर और ट्रक मालिक पत्थरो को अपने अपने गाड़ियों मे लोड कर बिना परिवहन पास के धड़ल्ले से क्षेत्र के गांव – गांव में पहुचा कर पत्थरो के बिक्री जोरो से कर रहे हैं। बतलाया जाता है कि रात्रि 2 बजे तक लोडिंग का काम खदान के अंदर चलते रहता है सूत्रों ने आगे जानकारी देते हुए बताया है कि एक ट्रैक्टर बोल्डर पत्थर को 20 से 25 किलो मीटर की दूरी तक पहुंचाने का दाम 25000 रुपये लिया जाता है। वही एक ट्रैक्टर फरसी पत्थर को पहुंचाने का दाम 15000 रुपये से 20000 र रुपिये तक पहुँचा कर बिक्री किया जाता है।
पत्थर माफिया का टेक्टर दंबगई से पुलिस के सामने से होता है पार?
जानकारी हो की इस क्षेत्र के पत्थर माफिया का टेक्टर दंबगई से पुलिस के सामने से पार होता हैं ,कोई परिवहन पास पूछता तक नही है। चुकी पत्थर माफिया के तरफ से माइनिग विभाग, पुलिस विभाग ,राजस्व विभाग,से लेकर अनेको विभाग के अधिकारी से कर्मचारियो तक हर महीने लिफाफा पहुचाया जाता है जिसके कारण पत्थर ढुलाई करने वाले बिना डर भय के पत्थर ढुलाई के काम खुले आम करते है । इनका पहुँच प्रदेश के कद्दावर नेताओ से राहत है सरकार किसी के हो, सरकार बनते ही ये पत्थर मम्फिया अपना सम्बन्ध बना लेते है।
नया जिला प्रशासन से कार्यवाही की उम्मीद?
नए जिला के बाद कुछ लगा था कि कार्यवाही होगी किन्तु हाल वही की वही हो गया। यदि शासन -प्रशासन समय के रहते अवैध पत्थर व्यापारियो के खिलाप सख्त कार्यवही करते हुऐ अवैध खनन पर तुरंत रोक नही लगाया तो बिलाईगढ़ क्षेत्र के पूरे पत्थर निकाल कर पत्थर माफिया बिक्री कर देगे। और माफिया दिनों दिन मालदार बनते रहेंगे। और शासन खोखला होता नजर आयेगा । जिस अनुपात में पत्थर के अवैध खनन के साथ अवैध परिवहन से शासन को एक सीजन में करोड़ो का टैक्स की चोरी हो रही हैं उससे खनन माफिया लाल हो रहे है। फिर भी शासन के आला अधिकारी की चुप्पी समझ से परे है?