निवासी मृतक संतोष जायसवाल की मौत हत्या या दुर्घटना?
बाईक और संतोष बैराज के रोलिंग में लटके मिले?
टक्कर या दुर्घटना के स्थान पर मारपीट कर के लटकाने जैसे क्राईम सीन की चर्चा़?
पुलिस कप्तान से इस मामले मे भी सूक्ष्म जांच कराने की आशा,
भाठागांव में मकान बनाने का प्रयासरत संतोष की मौत छोड़ गई कई सवाल?
सारंगढ़/कोसीर,
कोसीर अंचल के कोसीर के रहने वाले 46वर्ष के संतोष जायसवाल की 4 दिसंबर की रात को मिरौनी बैराज से टकराकर मौत होने की घटना सामने आई है किन्तु इस संबंध में सोशल मिडिया मे वायरल हो रहे घटना स्थल के फोटो और विड़ियो कई रहस्यमय सवालो को जन्म दे रहे है। जिसके कारण से पूरे मामले की सूक्ष्म जांच की आवश्यकता महसूस किया जा रहा है। आम तौर पर बैराज के रोलिंग से टकराने पर बाईक और घायल संतोष सड़क पर मिले होते किन्तु दोनो ही मिरौनी बैराज के रोलिंग में लटके हुए थे। आखिर कैसा दुर्घटना हुआ जिसमें बाईक और संतोष दोनो पुल के रोलिंग पर लटक गये? क्या किसी बड़ी वाहन ने टक्कर मारा है? या किसी ने मारकर ऐसा लटकाया है? ऐसे कई सवाल है जो अभी क्षेत्र में रहस्यमय बना हुआ है और कई प्रकार से अफवाहो का बाजार गर्म है?
04 दिसम्बर को संतोष जायसवाल उम्र 46 वर्ष कोसीर गांव का निवासी है बस में कंडक्टर का काम करता था। परिवार से जानकारी अनुसार वह मिरौनी से करीब हर रोज 8 बजे आस पास अपने अस्थाई घर भाठागांव में आ जाता था। इस दिन उनकी पत्नी ने अपने पति को लगभग 7 बजे आस पास फोन किया तब वह बस को मिरौनी बैराज के उस पार छोड़कर रोज की तरह आने की तैयारी में था अपने परिवार से बोला कि आ रहा हूँ। उसकी पत्नी ने फिर 10 मिनट बाद फोन किया तब इंगेज बताय। ऐसा उनके करीबी लोग बताया। वही 04 दिसम्बर की रात 7 से 8 बजे के दौरान 112 को फोन आया कि कोई आदमी का बैराज में दोपहिये वाहन डिवाइडर में घुसने से एक्सीडेंट हो गया है और दोपहिये मोटर सायकिल और आदमी दोनों डिवाइडर में लटके है यह सूचना किसने दिया पर कोसीर पुलिस की 112 को सूचना पर वह तत्काल सिंघनपुर के बैराज पहुंचकर सहयोग में जुट गई और रात्रि 9 बजे आस पास बैराज से सारंगढ़ हास्पिटल ले गया जहा ईलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। उसकी पहचान सन्तोष जायसवाल के रूप में किया गया। परिवार को अवगत कराया गया सुबह सन्तोष की पोस्टमार्डम किया गया। फोटो और वीडियो जो वायरल हो रहे हैं वह लोगों को सोंचने में मजबूर कर रहे हैं कि कहीं सन्तोष की दुर्घटना हुई है या कुछ और? पर यह बात स्पष्ट डॉक्टर की रिपोर्ट पर निर्भर करती है? पर यह कई विषय को जन्म देती है। कहीं सन्तोष के साथ कोई अनहोनी तो नहीं हो गई? पर यह जांच का विषय है? आखिर सन्तोष इस दिन अपने घर सही सलामत क्यो नहीं पहुंच सका? सन्तोष अपने परिवार का मुखिया था उनके दो लड़की एक लड़का है उनके परिवार का मुखिया अब नहीं रहा। उनके परिवार में यह बड़ी घटना है। बताया जा रहा है कि कोसीर का रहने वाला संतोष का खुद का घर नही था तथा कुछ दिनो से वह भाटागांव मे घर बनाने के लिये जुटा हुआ था? वही सूत्र दावा कर रहे कि संतोष की मृत्यु संदेहास्पद स्थिति में हुई है इस कारण से उसका मोबाईल डिटेल निकालकर पूरे मामले की सूक्ष्म जांच की आवश्यकता महसूस हो रही है। वही सूत्रो की माने तो संतोष को मारपीट करते हुए अधमरा करके पुल के रोलिंग में लटका दिया गया तथा मोटर सायकल को भी ऐसा लटकाया गया है कि ऐसा लगे कि तेज गति से मोटर सायकल चलाने से संतोष दुर्घटना का शिकार हुआ है तथा उसी के कारण से उसकी मौत हुई है। वही जानकारो की माने तो संतोष को जब 112 की टीम द्वारा पुल के रोलिंग से निकालकर सारंगढ़ हस्पताल ले जाया जा रहा था तब तक संतोष की सांस चल रही थी किन्तु हस्पताल पहुंचने के पूर्व उसकी जान निकल गई।
बताया जा रहा है कि संतोष जायसवाल कुछ दिन पूर्व भाठागांव में अपने लिये आवास बनाने के लिये प्लानिंग कर रहा था किन्तु भाठागांव मे किसी ने उसे आवास नही बनाने की धमकी दिया था। इन सब के कारणो को देखते हुए संतोष के मौत को सामान्य मौत नही मानते हुए इसी सूक्ष्म जांच की जरूरत महसूस किया जा रहा है। संवेदनशील पुलिस कप्तान इस मामले में पहल करते हुए पूरे मामले की सूक्ष्म जांच भी करा सकते है।