व्यवस्था शिक्षक के भरोसे दो साल से चल रहा खैरट स्कूल, पांच कक्षाओं के लिए एक शिक्षक! विकासखंड बरमकेला में शिक्षा विभाग की लापरवाही से सरकारी स्कूलों में शिक्षकों व स्कूल भवनों की कमी बना हुआ है। ऐसे में गांवों के बच्चों को अध्ययन अध्यापन प्रभावित हो रहा है।
साल्हेओना,
सरकारी प्रायमरी स्कूल खैरट में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा पिछले दो साल से दूसरे स्कूलों के शिक्षकों को व्यवस्था के रुप में बुलाकर चलाया जा रहा है। जबकि इस स्कूल में पदस्थापना शिक्षकों की संख्या तीन है। फिर भी यहां एक भी शिक्षक नियमित रुप से पदस्थ नहीं है। ऐसे में विभाग ने बगल गांव के स्कूल में पदस्थ शिक्षक को व्यवस्था के रुप में भेजा गया है। इसके बाद भी खैरट स्कूल में एक शिक्षक पांच कक्षाओं को संचालित कर रहा है।
विकासखंड बरमकेला से 40 किमी दूर ग्राम पंचायत खैरट में प्रायमरी स्कूल में बच्चों की दर्ज संख्या 19 है। दो साल पहले बच्चों की उपस्थिति व दर्ज संख्या बेहतर था। लेकिन नवम्बर 2022 में खैरट स्कूल के दो शिक्षक त्रिलोचंद बरीहा व श्याम सुंदर साहू का पदोन्नत अन्यत्र स्कूलों में हो जाने के बाद शिक्षक विहीन हो गया। इसकी शिकायत गांव के पालकों और पंचायत पदाधिकारियों ने उच्च अधिकारियों से की। ऐसे में शिक्षण सत्र 2023-24 में निकट स्कूल सहजबहाल के शिक्षक रमेश सिदार को व्यवस्था के रुप में भेजा गया। फिर शिक्षण सत्र 2024-25 हेतु कोई शिक्षक नहीं होने से पुनः शिक्षक विहीन की बात कहते हुए नये शिक्षकों की मांग होने लगा। किंतु नया पद स्थापना नियुक्ति नहीं देकर एक बार फिर से व्यवस्था के भरोसे बिरनीपाली स्कूल के एक शिक्षक सुंदर साय मिंज को भेज दिया गया है। ऐसे में अकेले शिक्षक पांच कक्षाओं के बच्चों को पढाने रहे है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक शिक्षक कैसे पांच कक्षाओं और अन्य बैठकों को संभाल पाते होगा। इसी को लेकर बच्चों की पालकों को चिंता रहती है।
अतिरिक्त भवन में संचालित है स्कूल
खैरट स्कूल का भवन जर्जर होने के बाद वहां पर पढाई बंद कर दिया गया। वर्ष 2010-11 में बना अतिरिक्त भवन में ही स्कूल का संचालन किया जा रहा है। अतिरिक्त भवन में दो कमरा है और बरामदा को आफिस बनाया गया है। एक कमरे में तीन कक्षा के बच्चे और एक अन्य कमरे में दो कक्षा के बच्चों को बैठाया जा रहा है।
गांव पहुंचने के लिए उखडे हुए गिट्टी – बोल्डर की सड़क
बरमकेला – सोहेला मुख्य मार्ग पर गौरडीह तक चमचमाती सड़क है। किंतु परधियापाली से 12 किमी में खैरट गांव तक पहुंच मार्ग वर्षों पहले द्वितीय श्रेणी का सड़क बना हुआ है। इस सड़क की बडे़ बडे़ बोल्डर व गिट्टी उखड़ गए है। इस दुर्गम सड़क पर कोई अधिकारी खैरट स्कूल तक जाने से कतराते है। इस वजह से स्कूल की दशा नहीं सुधर पा रही है।
क्या कहती है सरपंच
“खैरट स्कूल में दो साल से एक व्यवस्था शिक्षक भेज कर काम चलाया जा रहा है। ऐसी व्यवस्था से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होना लाजिमी है। हमने कई बार शिक्षा अधिकारियों को शिक्षकों की मांग कर चुके है लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा है।“