1 नवंबर राज्योत्सव से छत्तीसगढ़ में शुरू होगी बड़ी योजनाएं, सीएम साय करेंगे ऐलान
रायपुर: 1 नवंबर राज्योत्सव के दिन प्रदेश में कई बड़ी योजनाओं की शुरूआत होने वाली है। इन सभी योजनाओं की घोषणा 1 नवंबर को मुख्यंमत्री विष्णुदेव साय करेंगे। इन नई योजनाओं में श्रमिक, हेल्थ, फूड और शिक्षा पर फोकस दिया जा रहा है। श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने इन योजनाओं को लेकर नवा रायपुर के मण्डल कार्यालय में संचालक मंडल की बैठक ली है। इस बैठक में सभी योजनाओं पर अनुमोदन हो गया है या कहे की एक तरह से स्वीकृति दे दी गई है।
अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना
प्रदेश सरकार ने शिक्षा पर जोर देते हुए श्रमिकों के बच्चों के लिए अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना की शुरूआत करने वाली है। इस योजना से श्रमिकों के बच्चे बड़े और प्राइवेट शिक्षण संस्थान में शिक्षा प्राप्त कर पाएंगे। वहीं इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन प्रक्रिया 1 नवंबर से शुरू की जाएगी।
नि:शुल्क कोचिंग योजना
मजदूर परिवार सशक्तिकरण योजना, रजिस्टर्ड निर्माण श्रमिकों के बच्चों को आईआईटी, जेईई, नीट, सीए की परीक्षा के लिए नि:शुल्क कोचिंग योजना की शुरुआत होगी। विभाग के उच्च अधिकारियों ने इन सभी योजनाओं की जानकारी श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन को बैठक में विस्तृत रूप से दी है।
श्रम अन्न योजना
मंडल की बैठक में श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन (1 November Rajyotsav will start schemes) ने बताया कि हाल ही में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने श्रमिक सम्मेलन में घोषणा की थी कि शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना सभी जिलों में लागू होगी। तो इसे भी शुरू किया जा रहा है। इसके तहत 5 रुपए में श्रमिकों को पौष्टिक भोजन की सुविधा मिलेगी।
नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण
इस बैठक में श्रमिकों और उनके परिवारजनों के नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कराएं जाने पर विस्तृत चर्चा हुई जिसके बाद इस योजना पर भी मुहर लग गई। स्वास्थ्य विभाग, ईएसआईसी से भी परीक्षण कराएं जाने का निर्णय लिया गया। इससे 26 लाख से अधिक श्रमिकों और उनके परिवारजनों को इसका फायदा मिलेगा।
सहायता राशि
मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना के तहत बूथ पंजीकृत निर्माण श्रमिक को काम के दौरान किसी दुर्घटना में मृत्यु होने पर 5 लाख रूपए, स्थाई दिव्यांगत में ढाई लाख, सामान्य मृत्यु पर उनके वैध उत्तराधिकारी को एक लाख रूपए की राशि दी जाती है।
लेकिन ऐसे मजदूर जो रजिस्टर्ड नहीं हैं से उन्हें कोई राशि नहीं मिलती है। अब परिवार को भी इस योजना के माध्यम से सहायता राशि मिलेगी। बोर्ड की बैठक में निर्णय लिया गया कि ऐसे श्रमिक की काम के दौरान अगर मृत्यु होती है तो उनके परिवार को एक लाख की सहायता राशि दी जाएगी।