कांग्रेस राज में कर्मचारियों का आदोलन लगातार जारी- भारत भुषण जोल्हे
सारंगढ। पुर्व जनपद अघ्यक्ष, अधिवक्ता संघ के पुर्व अध्यक्ष एवं भाजपा विधि प्रकोष्ठ के जिला संयोजक, मिलनसार भाजपा नेता भारत भुषण जोल्हे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कांग्रेस सरकार के 4.5 वर्षों के कार्यकाल में जमकर निशाना साधा है और कहा कि कांग्रेस के राज मे पुरे 4.5 सालों तक अधिकारियों- कर्मचारियों के द्वारा धरना प्रदर्शन आंदोलन किये जाते रहे हैं। इससे पता चलता है कि आखिर भुपेश बघेल जी का कार्यकाल कितना असंतोषप्रद है। धरना प्रदर्शनों के क्रम में जहां बीते दिनों पटवारी संघ, सचिव संघ, आंगनबाडी कार्यकताओं समेत दर्जनों संगठनों ने धरना प्रदर्शन किया वहीं मिली जानकारी के अनुसार आने वाले कुछ दिन के भीतर छत्तीसगढ़ में शासकीय सेवक पुनः एक बार फिर अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन की तैयारी में हैं। बताया गया है कि छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के नेतृत्व में प्रदेशभर के जिला मुख्यालयों में चार सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम मे ज्ञापन सौंप जा रहे हैं। 30 मई तक जिला स्तर पर आंदोलन की भूमिका तैयार होने के बाद राज्यस्तर पर आंदोलन किया जाएगा। बताया गया है कि राज्य के शासकीय सेवकों की चार मांगें लंबे समय से लंबित हैं। इनमें डीए, महंगाई भत्ता, पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट और चार स्तरीय वेतनमान की मांग प्रमुख है। इन मांगों के लेकर पहले भी कर्मचारी आंदोलन कर चुके हैं, लेकिन अब तक राज्य सरकार ने इन मांगों को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की प्रांतीय बैठक में फेडरेशन से जुड़े विभिन्न संगठनों के प्रांत अध्यक्षों ने कर्मचारियों की मांगों को लेकर पूर्व में किए आंदोलनों की समीक्षा करते हुए। आगामी रणनीति की रूपरेखा तैयार की। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा, प्रांतीय प्रवक्ता चंद्रशेखर तिवारी, बीपी शर्मा एवं संजय सिंह ने बताया कि फेडरेशन से जुड़े संगठनों के प्रांत अध्यक्षों ने सर्व सम्मति से मुख्यमंत्री से भेंट मुलाकात कर कर्मचारियों की लंबित मांगों के समाधान के लिए एक रास्ता निकालने का निर्णय लिया है। इस मामले में जो जानकारी मिल रही है कि प्रदेश के विधायकों, सांसदों, जिला पंचायत अध्यक्षों, जनपद अध्यक्षों, महापौर एवं अन्य महत्वपूर्ण पदों पर आसीन जनप्रतिनिधियों को सीएम, सीएस के नाम से ज्ञापन सौंपा जाएगा। इस रणनीति पर काम किया जा रहा है। फेडरेशन ने तीन सितंबर 2021 को 14 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेशव्यापी कलम बंद, काम बंद आंदोलन किया था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा इन मांगों को लेकर सीएम हाउस में फेडरेशन के प्रतिनिधियों के साथ 3 सितंबर को हुए समझौते के बाद 17 सितंबर 2021 को पिंगुआ कमेटी गठित की थी। फेडरेशन निरंतर उक्त कमेटी की रिपोर्ट शासन को यथाशीघ्र सौंपने की मांग कर रहा है। लेकिन इस सरकार की मंशा ही कर्मचारियों के हित की नही दिख रही है जिसके कारण फिर से कर्मचारी वर्ग आंदोलन हेतु बाध्य होता दिख रहा है। आने मिली जानकारी के अनुसार आने वाले दिनों में और भी बहुत से कर्मचारी संगठन आंदोलन करने दिशा में हैं। उक्त बातें विधि प्रकोष्ठ के जिला संयोजक और भाजपा के अनुभवी नेता भारत भुषण जोल्हे के द्वारा प्रेस के माध्यम से कही गई।