जिला- सारंगढ़

सारंगढ़-चंद्रपुर-रायगढ़ मार्ग : हादसा, निमार्ण और भीड़ के “जाम” से अंचलवासी त्रस्त!

सारंगढ़-चंद्रपुर-रायगढ़ मार्ग : हादसा, निमार्ण और भीड़ के “जाम” से अंचलवासी त्रस्त!

सारंगढ़-चंद्रपुर-रायगढ़ मार्ग : हादसा, निमार्ण और भीड़ के
“जाम” से अंचलवासी त्रस्त!

वैकल्पिक मार्ग पुसौर-सरिया-बरमकेला की सकरी सड़क से दुर्घटना का भय, अंतिम विकल्प छोटा वाहनो के लिये कलमा बैराज?
तीन जिलो के अंतिम छोर होने के कारण से नही दे रहे है कोई भी ध्यान, मरीज लेकर जा रहे एंबुलेंस के लिये भी कोई रास्ता नही?

सारंगढ़,
नाम नेशनल हाईवे-153 (पुराना नाम 216) किन्तु सारंगढ़-चंद्रपुर-रायगढ़ की दूरी अगर सबकुछ़ सही रहा तो 3 घंटे नही तो 6 से 8 घंटे लग सकता है। जी हां यह वास्तविक स्थिति सारंगढ़- चंद्रपुर-रायगढ़ नेशनल हाईवे की बदहाली की है। अभी ना तो सड़क बदहाल है और ना ही बाढ़- पानी का दौर है दौर है तो सिर्फ अव्यवस्था का है जिसके कारण से इस मार्ग पर आवागमन करने वाले स्वयं को कोसते है कि आखिर इस रोड़ पर वे आये क्यों। क्योकि दो घंटे से लेकर चार घंटे तक का भी जाम लगने के बाद भी सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला, सक्ती जिला और रायगढ़ जिला के प्रशासन और पुलिस को इस रोड पर लगने वाले जाम और परेशानी से कोई मतलब नही है क्योकि सभी जिले को अंतिम छोर का संगम क्षेत्र नाथलदाई से चंद्रपुर नगर होते हुए मांड़ नदी का पुल है जहा पर आये दिन जमकर जाम लग रहा है और आम पब्लिक को अपनी समस्या खुद सुलझाने के लिये छोड़ दिया गया है।

नवरात्र खत्म होने के बाद आज रविवार को सारंगढ़-रायगढ़ नेशनल हाईवे-153 सुबह 10 बजे से जाम में इस कदर फंसा कि शाम 6 बजे तक किस्मतवाले ही इस रोड़ से आवागमन पार कर पाये है। यहा पर आज ना तो कोई हादसा हुआ है और ना ही गौरवपथ का

निमार्ण को लेकर कोई दिक्कत थी और ना ही भारी वाहनो को लेकर कोई रोक लगी थी फिर भी यहा पर का जाम का सवाल का कोई जवाब नही था। लंबी छुट्टी के बाद कोई परिवार के साथ इस रोड़ के माध्यम से गंतव्य स्थान जा रहा था तो कोई एम्बुलेंस से मरीज को लेकर मेड़िकल कालेज रायगढ जा रहा था तो कोई रिश्तेदारो के पास मिलने चंद्रपुर-डभरा जा रहा था। किन्तु सुबह 10 बजे से शुरू हुआ जाम देर शाम तक जारी था। यह जाम चंद्रपुर में महानदी पर बना हुआ उच्चस्तरीय पुल पर हुआ जहा पर कोई हादसा भी नही हुआ था। यह पुल सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला के अंतिम छोर तथा सक्ती जिला के अंतिम छोर पर स्थित है। तथा लापरवाही का हद देखिये कि एक भी पुलिस का जवान इस पुल पर उपस्थित नही था। सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले की पुलिस टीम नदारद थी। वही चंद्रपुर पुलिस तो भगवान भरोसे चलती है उसका भी अता-पता नही था। ऐसे में दोनो छोर से दोनो साईड में वाहनो का रेलमपेल ऐसा था कि जाम की स्थिति आ गई और इस स्थिति को नियंत्रित करने वाले और व्यवस्था को सुचारू बनाने वाले ड्यूटी से नदारद थे। इस अव्यवस्था का सबसे बड़ा कारण सकरी पुलिया पर हजारो की भीड़ और हजारो वाहनो का आवागमन था और उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण वीआईपी बता रहे वाहनो का ओव्हरटेक करके जाम से मुक्ति पाने का लालसा था

जिससे दोनो तरफ के वाहन पहले मै-पहले मैं के चक्कर में जाम में फंसे रहे। खास बात यह रहा कि दोनो ओर के दोनो साईड में आवागमन करने वाले वाहनो की लंबी लाईन पहले मैं के नारो के साथ खड़ी हो गई और आमने- सामने की टकराहट और अहम की लड़ाई में यहा पर जाम की स्थिति निर्मित हो गई। इस लंबे जाम का कारण बना अव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिये कुछ उत्साही युवाओ ने प्रयास किया किन्तु हजारो की संख्या में वाहनो की रेलमपेल के कारण से वे भी असफल हो गये और स्थिति को छोड़ दिया। प्रत्यदर्शियो ने बताया कि सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक यातायात सामान्य नही हो पाई थी। बड़ी मुश्किल से छोटे वाहनो को निकाला जा रहा था उसमे भी समय काफी लग रहा था। माड़ नदी के पास से टिमरलगा जाने के लिये मोटरसायकल सवारो को लगभग 1 घंटे से भी अधिक समय लग रहा था वही श्रद्धांलुओ की बड़ी फौज पैदल ही महानदी के पुल पर आवागमन कर रही थी। जिससे भयावह स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। मरीज लेकर जा रहे एंबुलेंस के लिये भी कोई रास्ता नही? सारंगढ़-चंद्रपुर-रायगढ़ की 50 किलोमीटर की लंबी दूरी के लिये एक मात्र चंद्रपुर मार्ग होने से मेड़िकल कालेज या निजी अस्पताल जाने वाले मरीज भी इस जाम में लगभग हर दिन फंस रहे है। मरीजो को लेकर संवेदनशील रहने वाले लोग भी एंबुलेंस को रास्ता नही दे पा रहे थे। सारंगढ़ से रायगढ़ के लिये जाने वाले मरीजो को चंद्रपुर मार्ग से जाने से बचने की सलाह जानकर दे रहे है तथा इसके लिये एम्बुलेंस को सूरजगढ़ पुल से होकर रायगढ़ जाने का सलाह दे रहे है।

नेशनल हाईवे होने के बाद भी वाहन का समय पर नही पहुंचना प्रशासनीक लापरवाही का नायब नमूना है। संकरा है सूरजगढ़ पुल का सड़क मार्ग, कलमा बैराज छोटा वाहन के लिये विकल्प? सारंगढ़-चंद्रपुर-रायगढ़ को 50 किलोमीटर दूरी तय करने के लिये वर्तमान में सारंगढ़ की तरफ से जाने वाले वाहन सूरजगढ़ पुल का उपयोग करके रायगढ़ जा रहे है। सारंगढ़ से बरमकेला-सरिया- सूरजगढ़-पुसौर-कोड़ातराई होकर रायगढ़ पहुंचा जा सकता है इसके लिये लगभग 15 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ेगी, किन्तु रायगढ़ पहुंचने की गारंटी है। लेकिन महज 5 मीटर चौड़ी सड़क और हैवी ट्रेफिक के कारण से यह सड़क भी काफी व्यवस्त सड़क में गिना जा रहा है। मालवाहन वाहने भी इसी रोड़ का उपयोग कर रही है। वही छोटा वाहन के लिये इमरजेंसी मे कलमा बैराज का रास्ता उपयोग कर सकते है। टिमरलगा के पास से बरमकेला मार्ग पर बरगांव के अंदर से कलमा बैराज के पुल का उपयोग किया जा सकता है। किन्तु यहा पर सिर्फ छोटा वाहन की चल सकता है। यह मांड़ नदी के पुल के बाद बिलाईगढ़ गांव में निकलता है।

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