सारंगढ़ की आर्या नंदे ने दिया चक्रधर समारोह
में प्रस्तुति,
सारंगढ़ की आर्या नंदे ने दिया चक्रधर समारोह
में प्रस्तुति,त्रिधारा ओडिसी नृत्य से दर्शकों को शिव
भक्ति से रामभक्ति तक ले गए,
सारंगढ़,
नयी पीढ़ी के,ओडिसी नर्तकों के डायनेमिक कला गुरु गजेन्द्र पंडा, प्रख्यात ओडिसी गुरू, देव प्रसाद-परम्परा के संवाहक हैं। भुवनेश्वर में संचालित,ओडिसी नृत्य संस्थान ‘त्रिधारा’ द्वारा वरिष्ठ कलाकारों सहित ओडिसी नर्तकों को नई पौध तैयार करते है। गुरु गजेन्द्र कुमार पंडा हर वर्ष ‘देवधारा के नृत्य आयोजन से नये एवं स्थापित कलाकारों को साझा मंच उपलब्ध कराते हैं। अनेक राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय सम्मानों से नवाजे गये गुरु श्री गजेन्द्र कुमार पंडा ओडिसी नृत्य के अनेक समवेत घुंघरूओं को समुद्र पार के अनेक देशों में ले जाने का गौरव प्राप्त है।
उन्होंने 39 देशों में अपनी प्रस्तुति दी है साथ ही साहित्य अकादमी पुरुस्कार सहित देश विदेश के नामचीन पुरुस्कारों से सम्मानित हो चुके है। इसके साथ ही ओडिय आकाश की बेहद दमकती हुई युवा तारिका सारंगढ़ की सुश्री आर्या नन्दे की में विशिष्ट सहभागिता दी. गौरतलब है की ओडिसी नृत्य का घर है और भारतीय शास्त्रीय नृत्य के अनेक रूपों में से एक है। इंद्रीय और गायन के रूप में ओडिसी प्रेम और भाव, देवताओं और मानव से जुड़ा, सांसारिक और लोकोत्तर नृत्य है। नाट्य शास्त्र में भी अनेक प्रादेशिक विशेषताओं का उल्लेख किया गया है। दक्षिणी-पूर्वी शैली उधरा मगध शैली के रूप में जाती है, जिसमें वर्तमान ओडिसी को प्राचीन अग्रदूत के रूप में पहचाना जा सकता है। ओडिसी नृत्य श्री विष्णु के आठवें अवतार एवं महाप्रभु जगन्नाथ की भक्ति पर आधारित
होती है।