बरमकेला ब्लाक के सुखापाली ग्राम पंचायत में सरपंच-सचिव की मिलीभगत से लाखों की हेरा-फेरी?
15वां वित्त आयोग मद की राशी का है मामला?
सारंगढ़,
सुखापाली ग्राम पंचायत में 15वें वित्त आयोग की लाखों रुपए की हेरा-फेरी का गंभीर मामला सामने आया है। ग्रामीणों द्वारा लगाए गए आरोपों के अनुसार, सरपंच संजुक्ता साहू और सचिव बसंत सिदार की मिलीभगत से सरकारी धन का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। दोनों पर आरोप है कि इन्होंने अपने परिवार और रिश्तेदारों के नाम पर फर्जी आहरण कर, ग्राम पंचायत के विकास कार्यों के लिए आवंटित धनराशि का गबन किया है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच और सचिव ने मिलकर गांव में विकास कार्यों के नाम पर कई फर्जी आहरण किए हैं। इसमें प्रमुख रूप से सुनील कुमार साहू और कृष्ण चंद साहू के नाम सामने आए हैं, जिनके नाम से लाखों रुपए का आहरण किया गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि ये आहरण वास्तविक कार्यों के लिए नहीं, बल्कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर किए गए हैं। इस घोटाले के
उजागर होने के बाद ग्रामवासियों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि सरकार द्वारा गांव के विकास के लिए भेजी गई राशि का दुरुपयोग हो रहा है। कई ग्रामीणों ने प्रशासन से शिकायत भी की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे लोगों में गुस्सा और बढ़ गया है।
अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप?
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि इस हेरा-फेरी में स्थानीय अधिकारियों की भी भूमिका संदिग्ध है। अधिकारियों द्वारा इस मामले की अनदेखी करने से सरपंच और सचिव के हौसले बुलंद हो गए हैं। यह आरोप लगाया जा रहा है कि अधिकारियों की मिलीभगत से ही सरपंच और सचिव को ऐसा करने की हिम्मत मिली है। इस कारण शासन के धन का भारी दुरुपयोग हो रहा है, और गांव के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
रिश्तेदारों पर विशेष कृपा
गांव के लोगों का कहना है कि सरपंच और सचिव बसंत सिदार अपने रिश्तेदारों पर विशेष कृपा कर रहे हैं। इनके परिवार और नजदीकी रिश्तेदारों के नाम पर ही अधिकतर फर्जी आहरण किए जा रहे हैं। इन नामों के माध्यम से लाखों रुपए की धनराशि विकास कार्यों के नाम पर निकाली जा रही है, जबकि जमीनी स्तर पर कोई वास्तविक कार्य नहीं हो रहा है।
प्रशासन से कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों ने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उनका कहना है कि अगर इस घोटाले की ठीक से जांच की जाए, तो और भी बड़े घोटाले सामने आ सकते हैं। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया है कि सरपंच और सचिव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की हेरा-फेरी को रोका जा सके और गांव के विकास कार्य सुचारु रूप से चल सकें। सुखापाली ग्राम पंचायत में सामने आया यह मामला यह दर्शाता है कि कैसे स्थानीय प्रशासन और पंचायत स्तर पर भ्रष्टाचार बढ़ रहा है। सरकारी धन का गलत इस्तेमाल और विकास कार्यों की अनदेखी से ग्रामीणों का विश्वास शासन पर से उठता जा रहा है। यदि इस मामले में त्वरित और कड़ी कार्रवाई नहीं की जाती, तो यह अन्य क्षेत्रों में भी भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे सकता है। ग्रामीणों की मांग है कि इस घोटाले की जल्द से जल्द जांच हो और दोषियों को सजा दी जाए।