मुर्गी फार्म में बन रहा था प्रसाद का इलायची दाना
देश में तिरुपति मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी का मामला सामने आने के बाद देशभर में अब बड़े मंदिरों में मिलने वाले प्रसाद को लेकर लोगों में इसकी शुद्धता और गुणवत्ता को लेकर संशय की स्थिति है। इसी बीच, छत्तीसगढ़ प्रदेश के खास खबर डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वर मंदिर परिसर में बिकने वाले इलायची दाने को लेकर एक नया बवाल खड़ा हो गया है। यहां श्री प्रसाद नाम से मिलने वाला इलायची दाना क्षेत्र के ही एक मुर्गी फार्म में बनाए जाने का मामला सामने आया है। इसके बाद इसकी शुद्धता और गुणवत्ता को लेकर खाद्य विभाग में शिकायत हुई और विभाग ने बुधवार को छापामार कार्रवाई करते हुए इसकी गुणवत्ता जचने के लिए सैंपल रायपुर भेजा है।
डोंगरगढ़ क्षेत्र के ग्राम राका के एक पोल्ट्री फार्म में बनने वाले इस इलायची दाने की बिक्री मां बमलेश्वरी
मंदिर के सामने दुकानों में होती है और यही इलायची दाना प्रसाद के रूप में मां बमलेश्वरी को चढाया जाता है। कई बार भक्तों के द्वारा चढ़ाए गए इस इलायची दाने को मंदिर में प्रसाद के रूप में दर्शनार्थियों के बीच वितरण भी किया जाता है। पैकेट पर लिखा है साफ एवं पवित्र-पोल्ट्री फार्म में बनाये जा रहे इस इलायची दाने में संचालक मजहर खान द्वारा पैकेट पर ही साफ एवं पवित्र वातावरण में निर्मित इलायची दाना लिखा है जबकि इसका निर्माण उनके द्वारा अपने पोल्ट्री फार्म में किया जा रहा था। ऐसे में इसकी स्वच्छता और पवित्रता को समझा जा सकता है।
छापा मारने के बाद फूड सेफ्टी लाइसेंस
मामले की शिकायत के
बाद बुधवार को जब खाद्य विभाग की टीम ने यहां छापे मार कार्रवाई की उसके बाद फर्म के संचालक मजहर खान ने 25 सितंबर की शाम लगभग 7:09 मिनट पर ऑनलाइन माध्यम से एफएसएसएआई से भी लाइसेंस प्राप्त किया है। यानी इससे पहले फैक्ट्री संचालक के पास वैध लाइसेंस ना होते हुए इलायची दाने का निर्माण किया जा रहा था। इसमें विभागीय अफसरों की भूमिका संदिग्ध हो गयी है। पैकेट पर सिर्फ वजन और रेट का जिक्र पोल्ट्री फार्म में जिस इलायची दाने के निर्माण की शिकायत की गई है। उसके पैकेट में महज वजन और रेट का ही जिक्र है। पैकेट पर वजन 1 किलो और रेट 70 रूपये लिखा हुआ है। वहीं बैच नंबर और पैकिंग डेट यहां प्रिंट नहीं किया गया है।