सारंगढ़ टाईम्स.
मामला ग्राम पंचायत बडे गंतुली से जुडा हुआ है जहां हरिप्रताप श्रीवास और धोनो बरेठ को नाई-धोबी दुकान योजना के तहत भाजपा के पुर्ववर्ती सरकार द्वारा अपना जीवन यापन करने हेतु प्रदान किया गया था लेकिन ग्राम के सरपंच और बीडीसी के द्वारा बलात कब्जा कर उन्हे उनके दुकान से बाहर निकाल दिया गया। दोनो ही व्यक्यिों को भाजपा सरकार में दुकान प्रदान किया गया था लेकिन जैसे ही कांग्रेस सरकार में आयी तब कांग्रेसी सरपंच और बीडीसी के द्वारा अपने बाहुबल का प्रयोग करते हुए दोनो ही सेवादारों को दुकान से निकाल दिया गया। दुर्भाग्य का विषय यह भी है कि कांग्रेस सरकार के दौरान प्रार्थियों के द्वारा कई बाद आवेदन देने के बाद भी कोई कार्यवाही नही हो पायी है और आज 3 वर्ष बीत जाने के बाद भी दुकान दार अपने हक से वंचित है। इस मामले में मिली जानकारी के अनुसार बडे गंतुली के सरपंच राधेश्याम चंद्रा और बीडीसी के द्वारा तानाशाही करते हुए शासन से प्रदत्त दोनो दुकानों पर कब्जा कर लिया गया है इस मामले में ग्राम पंचायत सचिव की भुमिका भी संदिग्ध है। चुंकि दुकान को शासन ने अपनी योजना के तहत दोनो को प्रदान किया था ऐसे में शासन की नजर से स्वयं को बचाने के लिए दोनो दुकानों पर जबरन जेसीबी चलवाकर उसे सरपंच द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिया गया ताकि शासन के आंखों में धुल झोंक सके। सारंगढ़ कलेक्टर को प्रार्थियों के द्वारा तीन से ज्यादा बार आवेदन दिया जा चुका है लेकिन शासन प्रशासन के कानों में जुं नही रेंग रही है जिसके कारण बाहुबली सरपंच और सचिव का मनोबल दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। 2021 से लगातार अपने हक के लिए लगातार लड़ रहे दोनो दुकानदारों को उनका हक मिल पाएगा या नही, यह तो आने वाला वक्त ही बता पाएगा लेकिन जिस प्रकार से ग्राम पंचायत सचिव , सरपंच और बीडीसी की दबंगई अपने चरम में है उससे आने वाले दिनों में ऐसे ही कई शासकिय योजनाओं का जनाजा निकलना तय है। कांग्रेसी सरपंच के द्वारा जिस प्रकार से भाजपा शासन में प्रदत्त योजनाओं को धत्ता बताकर बलपुर्वक कब्जा किया जा रहा है वह सारंगढ़ जिला के कानुन व्यवस्था के लिए शुभ संकेत नही है।
तीन वर्ष से कार्यालय के चक्कर काट कर थक गया – हरि प्रसाद श्रीवास
इस विषय में पीड़ित दुकानदार हरिप्रताप से जब बात की गई तो उन्होने बताया कि तीन सालों से लगातार मैं कई बार आवेदन दे चुका हंु लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नही हुई। मुझ पर परिवार चलाने की जिम्मेदारी भी है लेकिन सरपंच और बीडीसी की राजनितिक ताकत के सामने मैं बेबस हुं। मुझे लगा था कि मेरे आवेदन पर जिला प्रशासन के द्वारा कोई ना कोई कार्यवाही जरूर होगी लेकिन बाहुबली नेताओं के सामने सभी विभाग नतमस्तक हैं। तीन साल तक लगातार प्रयास करने के बाद चार दिन पहले पुनः मैने इस विषय में कलेक्टर महोदय को आवेदन दिया है। भाजपा सरकार के द्वारा ही उक्त योजना को प्रारंभ किया गया था इसलिए भाजपा सरकार में न्याय की आशा है।
जिला प्रशासन को लेना चाहिए संज्ञान- मयूरेश केशरवानी
इस मामले में भाजपा नेता मयूरेश केशरवानी ने कहा कि ऐसे विषयों में जिला प्रशासन को संज्ञान लेने की आवश्यकता है। भाजपा सरकार के द्वारा नाई धोबी योजना के तहत जीविकोत्पार्जन के लिए दोनो प्रार्थियों को दुकान आबंटन किया गया था लेकिन कांग्रेसी सरपंच और बीडीसी के द्वारा जिस प्रकार से दुकान में बलपुर्वक कब्जा किया गया वह निंदनीय है। कांग्रेस के कार्यकाल में कांग्रेस नेताओं के द्वारा इसी प्रकार के हजारों घटनांए हुई है जिसे बकायदा कांग्रेस नेताओं के द्वारा खुलकर संरक्षण दिया जाता रहा है लेकिन अब कांग्रेस सरकार नही है और विष्णु देव जी का सुशासन है, ऐसे में कलेक्टर महोदय को संज्ञान लेते हुए पीड़ितों को उनका हक दिलवाना चाहिए साथ ही साथ 3 सालों का क्षतिपुर्ति भी इन दोनो प्रार्थी को मिलना चाहिए। प्रार्थियों के द्वारा दिये गए आवेदन पर कोई कार्यवही नही होने की स्थिति में सिलसिलेवार जानकारी प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री माननीय विष्णुदेव साय जी को प्रदान की जाएगी व संबंधित चेहरों की वृहद शिकायत की जाएगी। उक्त बातें नगर पालिका पार्षद और जिला मिडिया प्रभारी मयूरेश केशरवानी के द्वारा कही गई।