जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़

रायपुर-सारंगढ़-झारसुगड़ा रेल लाईन के लिये केन्द्रीय बजट में मिला “शून्य”!

रायपुर-सारंगढ़-झारसुगड़ा रेल लाईन के लिये केन्द्रीय बजट में मिला “शून्य”!
नही काम आया सांसद गोमती साय की पहल,
स्वीकृत हो चुकी रेल लाईन के लिये बड़ी राशी की थी उम्मीद,
बिलासपुर रेल्वे जोन को बीत साल के मुकाबले मिला 35 फीसदी ज्यादा बजट
लेकिन रायपुर-सारंगढ़-झारसुगड़ा रेल लाईन के लिये नही है कोई प्रावधान

सारंगढ़,
सारंगढ़ अंचलवासियो को केन्द्रीय बजट में निराशा हाथ लगी है। राज्य सरकार के द्वारा सारंगढ़ को जिला बनाये जाने के बाद उम्मीद जगी थी कि रेल विभाग के द्वारा स्वीकृत नई रेल लाईन रायपुर-सारंगढ़-झारसुगड़ा रेल लाईन के लिये आसन्न सत्र के केन्द्रीय बजट मे भारी भरकम राशी की स्वीकृति मिल सकती है किन्तु लगभग 2163 करोड़ रूपये की इस परियोजना के लिये केन्द्रीय बजट में शून्य मिला है। जबकि बिलासपुर रेल्वे जोन को बजट में इस बार 35 प्रतिशत का ईजाफा हुआ है। ऐसे मे सारंगढ़ अंचलवासी ठगे हुए रह गये।
1 सितंबर को अस्तित्व मे आया सारंगढ़ जिला के सर्वागीण विकास के लिये क्षेत्रवासियो के बीच रेल्वे लाईन की मांग एक बड़ी मांग के रूप मे सामने आ रही है। क्षेत्रवासी लगातार इसकी मांग कर रहे है कि रेल्वे विभाग के द्वारा स्वीकृत नया रेल लाईन रायपुर-सारंगढ़-झारसुगड़ा रेल लाईन को अस्तित्व मे लाने के लिये इस वर्ष के केन्द्रीय बजट मे मतबूत राशी की स्वीकृति हो तथा इस तारतम्य मे रायगढ़ लोकसभा की सांसद श्रीमती गोमती साय तथा भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष अरूण साव के सारंगढ़ आगमन पर यही एक सूत्रीय मांग को सामने रखा गया था। भाजपा कार्यकर्ताओ और पदाधिकारियो ने भी इस मांग को प्रमुखता से सामने रखते हुए प्रदेशाध्यक्ष के समक्ष इस बात को रखा और साफ शब्दो मे सारंगढ़ में रेल सुविधा को पूर्ण कराने के लिये प्रबलता से अपनी भावनाओ को प्रदेशाध्यक्ष अरूण साव को अवगत कराया। इस दिशा मे भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अरूण साव तथा क्षेत्रीय सांसद गोमती साय ने केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से पहल कर स्वीकृत परियोजना के लिये राशी प्रदान करने की मांग भी किया था किन्तु बीते दिनो आया केन्द्रीय बजट मे रेल्वे को जबरदस्त प्राथमिकता देते हुए भारी-भरकम बजट प्रदान किया गया। इससे आशा और उम्मीद बढी थी कि रायपुर-सारंगढ़-झारसुगड़ा रेल परियोजना के लिये भी बड़ी राशी की स्वीकृति इस वर्ष के बजट मे हुई होगी किन्तु दक्षिण पूर्व रेल्वे के द्वारा जारी रेल बजट के लेखा जोखा मे नये रेल लाईन के लिये स्वीकृत रायपुर-सारंगढ़-झारसुगड़ा रेल लाईन के लिये आसन्न वित्तीय वर्ष के लिये एक रूपये भी स्वीकृत नही किये जाने का उल्लेख है जिससे सारंगढ़ अंचलवासी अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहे है। वही नई रेल लाईन मे बरवाडीह-चिरमिरी रेल लाईन के लिये 500 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान किया गया है। इस प्रकार से केन्द्रीय बजट से सारंगढ़वासी निराश दिख रहे है।

भाजपा के लिये दिखी उम्मीद जमीन पर धराशयी?

राजनितिक रूप से कांग्रेस ने सारंगढ़ जिला की मांग को पूरा कर भाजपा को चुनौती दिया था कि सारंगढ़ रेल सुविधा की मांग को पूर्ण कर क्षेत्र के विकास मे अपना योगदान देवे। वही विधानसभा चुनाव का चुनावी वर्ष होने के कारण से भाजपा के बड़े-छोटे नेताओ को उम्मीद थी कि रेल परियोजना के लिये बड़ी राशी की स्वीकृति मिलने से कांग्रेस के जिला के मुकाबले सारंगढ़ मे रेल का मुद्दा को मजबूती से जनता के सामने रख विधानसभा चुनाव मे विपक्षी दल से दो-दो हाथ करेगें। किन्तु ऐसा नही हो पाया और जो भाजपा नेता रेल के बहाने सारंगढ़ अंचल में भाजपा के लिये उम्मीद का दीया जलाये रखना चाहते थे उनकी उम्मीदो को तगड़ा झटका लगा है तथा विधानसभा मे अपनी पीठ थपथपाने की उम्मीद जमीन पर धराशयी हो गई है।

सांसद गुहाराम अजगल्ले और सांसद गोमती साय का प्रयास कागज तक?

नवीन जिला बना सारंगढ़ में दो लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व होता है। रायगढ लोकसभा और जांजगीर लोकसभा का क्षेत्र सारंगढ़ जिला मे दो सांसद के रूप मे जांजगीर सांसद गुहाराम अजगल्ले तथा रायगढ़ सांसद श्रीमती गोमती साय का क्षेत्र आ रहा है। दोनो ही सांसद ने रायपुर-सारंगढ़-झारसुगड़ा रेल लाईन के लिये बड़ी राशी की स्वीकृति का मामला को केन्द्रीय मंत्री के समक्ष पहल किया था तथा पत्र लिखकर इस परियोजना के लिये बड़ी राशी जारी करने हेतु पहल किया था किन्तु केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के सामने दोनो सांसदो का प्रयास कागज तक ही समित रह गया। इस मामलें में केन्द्रीय बजट मे कुछ भी हासिल नही हुआ।

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