गोमर्डा अभ्यारण्य में “शेर” की आहट से ग्रामीणो में दहशत का माहौल?
बरमकेला के धौरादरहा के जंगलो में शेर आने की सुगबुगाहट,
4 पालतू पशुओ पर हमला कर शिकार,
वनांचल के ग्रामीणो में दहशत का माहौल,
गांव-गांव में जंगल नही जाने की मुनादी,
वन विभाग ने गांवों में जारी किया अलर्ट
गोमर्डा कें जंगलो में हिंसक जानवर के पद चिन्ह मिलने से ग्रामीणों में दहशत
सारंगढ़,
सारंगढ़ अंचल की शान कहे जाने वाले गोमर्डा अभ्यारण्य में बरमकेला के धौरादरहा के जंगलो में “शेर” की सुगबुगाहट से दशहत का आलम है। वन विभाग ने ऐतिहातन मुनादी कराकर ग्रामीणो को जंगल की ओर नही जाने की निर्देश दिया है। वही शेर के द्वारा 4 पालतू पशुओ का शिकार करने का दावा ग्रामीण कर रहे है। इस मामले मे वन विभाग के अधिकारियो को जंगल में हिंसक जानवर के पदचिन्ह मिले है किन्तु अभी शेर की पुष्टी नही हुई है। वही दो माह पहले तेदुआ की सक्रिय उपस्थिति के बाद अब शेर के सुगबुगाहट से वनांचल के गांवो में सन्नाटा छाया हुआ है। उड़ीसा के आमाभौना जंगल से शेर के आने की संभावना ग्रामीण जता रहे है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार सारंगढ़ जिले में स्थित गोमर्डा अभ्यारण्य क्षेत्र में कुछ दिन पहले तेंदुए जैसे हिंसक जानवर की सक्रियता की पुष्टि हुई थी। उसके बाद से वन विभाग और जंगल से लगे गांवों में सतर्कता बरती जाने लगी। अब वन परिक्षेत्र बरमकेला के पैकिन बीट क्षेत्र में हिंसक जानवर तेंदुए जैसे बड़े जानवर का पदचिन्ह मिले हैं। ऐसे में आसपास के गांवों को अलर्ट कर दिया गया है और वन अधिकारियों ने ग्रामीणों को बेवजह जंगल की तरफ जाने पर मनाही कर दी गई है। कुछ दिन पहले से ही पूरे क्षेत्र में जंगल में शेर आने की सुगबुगाहट चल रही थी। लेकिन स्पष्ट नहीं हो रहा था। दो दिन पहले सारंगढ़ वन विभाग के रेंजर राजेश तिवारी, बरमकेला डिप्टी रेंजर अर्जुनलाल मेहर इसी मामले में जानकारी जुटाने धौंरादरहा की तरफ जा रहे थे तो कुछेक स्थानीय ग्रामीणों ने जंगल में हिंसक जानवर आने की बात कही और जलाकोना गांव और धौंरादरहा गांव के बीच एक किसान के खेत पर इसके पदचिन्ह दिखाया गया। इसकी पुष्टि डिप्टी रेंजर मेहर ने भी की। उनका कहना था कि पदचिन्ह तेंदुए या बाघ का ही है लेकिन पुरानी है। ताज़ा चिन्ह की तलाश की जा रही है। इसके लिए आसपास के बीट गार्डों को भेजा गया है। साथ ही ग्रामीणों को जंगल में अकेला जाने अथवा बकरी जैसे पालतू मवेशी लेकर न जाने का मुनादी कराई गई है। ऐसे में इस क्षेत्र के आसपास गांवों में जंगल में हिंसक जानवर तेंदुआ या बाघ आने की चर्चा है और दहशत मचा हुआ है। हालांकि किसी ने नहीं देखा है मगर पदचिन्ह मिलने से शाम होते ही लोग घर में दुबक जा रहे हैं।
दो दिनों से खोज रहे ताज़ा पदचिन्ह
वन विभाग बरमकेला की टीम दो दिनों से उक्त जानवर का पदचिन्ह खोजने में निकली थी। लेकिन ताजा पदचिन्ह नहीं मिल रहें हैं। ऐसे में दो दिन पहले मिले पदचिन्ह का मैप ट्रेस कर लिया गया है। इसका प्रतिवेदन भेजा जा रहा है। गांवों में मुनादी करा दी गई है।
अफवाह ऐसी कि कुत्ते को बाघ समझ रहे ग्रामीण
इस क्षेत्र के गांवों में बाघ जैसे हिंसक जानवर को लेकर काफी डरे सहमे हुए है। बीती रात को आमापाली गांव में रात को बाहरी पागल कुत्ते को देख गांव के कुत्तों ने घेरकर भौंकने लगे तो ग्रामीण हिंसक जानवर समझ सभी ने दरवाजा बंद कर लिया था। जबकि वन अधिकारियों का कहना है कि हिंसक जानवर एक जगह में नहीं रहते हैं। सम्भावना जताई जा रही है कि उक्त जानवर गोमर्डा क्षेत्र के सेंचुरी तरफ बढ़ गया होगा या फिर ओडिशा की ओर आगे बढऩे की बात कह रहे हैं।
आखिर कहा पर धौरादरहा के जंगल
सारंगढ़ जिला के बरमकेला विकासखंड़ के किंकारी बांध के पीछे का घने जंगल को धौरादरहा का जंगल कहा जाता है। वही पैकिन बीट लेन्ध्रा के बाद से प्रारंभ हो जाता है जो कि किंकारी बांध के पास तक क्षेत्र मे आता है। गोमर्डा अभ्यारण्य के इस जंगल का एक ओर का क्षेत्र उड़ीसा के आमाभौना के क्षेत्र से सटा हुआ है तो दूसरा क्षेत्र गोमर्डा अभ्यारण्य के सारंगढ़ क्षेत्र का है। वही इस क्षेत्र मे तेदुआ और शेर की उपस्थिति से इंकार नही किया जा सकता है। साथ ही पूर्व में इसी जंगल में हाथियो का झुंड का भी आवागमन हो चुका है। ऐसे में गोमर्डा अभ्यारण्य के जंगलो में हिंसक वन्यप्राणियो की सक्रियता से वनांचल के गांवो में दशहत का माहौल बन रहा है।
क्या कहते हैं डिप्टी रेंजर
दो दिन पहले हिंसक जानवर का पदचिन्ह मिला है। पदचिन्ह बाघ का ही है यह कन्फर्म है। मैप ट्रेस कर लिया गया है। गांवों में मुनादी कराकर अलर्ट करा दिए हैं।
नूतन बंजारे, डिप्टी रेंजर लेन्धरा, बरमकेला, जिला- सारंगढ़ (छ.ग.)