नेशनल हाईवे की बदहाल स्थिति से जनाक्रोश की आशंका : दो जिले के कलेक्टरो ने उच्चाधिकारियो को लिखा पत्र,
मरम्मत की तृतीय निविदा भी हो सकती है निरस्त?
इस साल भी बिना मरम्मत का रहेगा एनएच?
सारंगढ़ और महासमुंद कलेक्टर ने तत्काल पहल करने लिखा पत्र
सारंगढ़ टाईम्स की खबर का असर
सारंगढ़,
सारंगढ़ अंचल की सबसे बड़ी मुसीबत बनी रायगढ़-सरायपाली रोड़ को लेकर जनाक्रोश की स्थिति पैदा ना हो इसके लिये सारंगढ़ और महासमुंद जिला के कलेक्टर अभी से सक्रिय हो गये है। नेशनल हाईवे के मुख्य अभियंता को पत्र लिखकर दोनो जिले के कलेक्टरो ने तत्काल पहल कर मरम्मत कराने का अनुरोध किया है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस नेशनल हाईवे के सड़क का मरम्मत तक का निविदा तीसरी बार भी निरस्त हो रहा है जिसके कारण से पूरा साल बिना मरम्मत के ही चलाना होगा। ऐसी स्थिति मे क्षेत्र मे नेशनल हाईवे को लेकर गहरा आक्रोश व्याप्त हो सकता है।
सारंगढ़ अंचल में सबसे ब़ड़ी मुसीबत के रूप मे उभरकर सामने आई रायगढ़-सारंगढ़-सरायपाली की 90 किलोमीटर लंबी नेशनल हाईवे सड़क है। इस सड़क के लिये क्रेन्द सरकार के द्वारा 2016 में 496 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान किया था किन्तु आज तक यह सड़क 50 फीसदी भी नही बन पाया है। इस सड़क की स्थिति को देखते हुए क्षेत्र मे लगातार आक्रोश पनपते जा रहा है। इसी बात को विगत दिनो सारंगढ़ टाईम्स के द्वारा प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था जिसके बाद जिला प्रशासन भी हरकत में आया और नेशनल हाईवे के प्रमुख अभियंता को पत्र लिखकर जल्द ही पहल करने की मांग किया। सारंगढ़ जिले के कलेक्टर डां फरिया आलम सिद्धिकी ने मुख्य अभियंता को लिखे पत्र में इस बात की जानकारी दिया कि नये जिले बने सारंगढ़-बिलाईगढ़ में टिमरलगा से लेकर कलगीडीपा तक की सड़क नेशनल हाईवे में आती है। लगभग 45 किलोमीटर लंबी इस सड़क का काम आज भी अधूरा है तथा कई स्थान पर अधूरा काम छोड़ दिया गया है। इस सड़क की बदहाली को लेकर क्षेत्र मे जनाक्रोश की स्थिति को देखते हुए तत्काल पहल करने के लिये मुख्य अभियंतो को अनुरोध किया गया है। साथ ही इस बात की भी जानकारी कलेक्टर सारंगढ़-बिलाईगढ़ ने दिया है कि इस मार्ग के मरम्मत का तृतीय निविदा भी तकनिकी कारणो से स्वीकृत नही हो पायेगा। जिसके बाद लगभग तय दिख रहा है कि चुनावी साल 2023 मे यह रोड़ चुनावी मुद़्दा बन जायेगा। वही सारंगढ़-बिलाईगढ़ कलेक्टर के पहले के साथ ही महासमुंद जिला के कलेक्टर निलेश क्षीरसागर नें भी इस दिशा मे पहल किया तथा कलगीडीपा से सरायपाली तक का 20 किलोमीटर की लंबी सड़क की स्थिति बद से बदत्तर होने का हवाला देकर मुख्य अभियंता नेशनल हाईवे से तत्काल इस दिशा मे पहले करने के लिये अनुरोध किया है। एक साथ दो जिले के कलेक्टरो के द्वारा नेशनल हाईवे के एक ही सड़क के लिये पहल करना तथा मुख्य अभियंता को पत्र लिखकर पहले करने का अनुरोध करने से एनएचआई के भी अधिकारी उच्चाधिकारियो को पूरी जानकारी भेजकर मरम्मत का विकल्प तलाशने मे लगे है।
दुर्घटना को आमंत्रण देता नेशनल हाईवे?
अधूरा निमार्ण और बदहाल सड़क के नाम से मशहूर सारंगढ़ से रायगढ़ और सारंगढ़ से सरायपाली की सड़क को दुर्घटना को आमंत्रित करने वाला सड़क के नाम से जाना जाता है। सारंगढ़ से टिमरलगा तक हर दिन सड़क दुर्घटना हो रही है। वही टिमरलगा से चंद्रपुर जाने के लिये सड़क नही बनाये जाने से हर दिन वहा पर जाम लग रहा है। इसी प्रकार से बाईपास रोड़ भी आज तक पूरा नही हो पाने तथा कई स्थान पर अधूरा सड़क छोड़ने के कारण से स्थिति खतरनाक हो गया है। वही सारंगढ़ की सीमा खत्म होने के बाद सरायपाली जाना तो और भी खतरनाक हो गया है। इस कारण से राजधानी आवागमन करने वाले सारंगढ़ से सरसीवां होकर बसना होते हुए राजधानी का सफर कर रहे है। इस बदहाल रोड़ के कारण से यहा पर आये दिन दुर्घटना हो रही है।
मरम्मत तक का काम ठप्प?
नेशनल हाईवे मे वर्षो से पदस्थ अधिकारियो के कारण से ठेकेदारो के पौ-बारह है। यहा पर मरम्मत तक का काम ठप्प पड़ा हुआ है। 496 करोड़ के प्रोजेक्ट में 6 साल बीतने के बाद भी काम पूरा नही होने के कारण के बाद भी एक भी अधिकारी पर कार्यवाही तक नही होना?इस रोड़ के बदहाली का सबसे बड़ा कारण है। खराब और स्तरहीन रोड़ बनाये जाने के बाद भी अधिकारियो को शाबासी दिये जाने से पेटी कान्ट्रेक्टरो का और भी मनोबल बढ़ा हुआ है। ऐसे मे इस रोड़ के बदहाली और लेट-लतीफी को लेकर जांच होना आवश्यक है।