सारंगढ़ के गणतंत्र मेला को लेकर प्रशासन और शहरवासियो में हो सकता है टकराव?
सारंगढ़ में लगने वाला गणतंत्र मेला को लेकर प्रशासन ने नही दिया अब तक अनुमति?
23 दिसंबर से दिया गया है आवेदन,
मेला समिति ने आज किया कलेक्टर और एसडीएम से मुलाकात
जिला प्रशासन नही कर पा रहा है निर्णय
मेला समिति ने किया विधायक उत्तरी जांगड़े और जिलाध्यक्ष अरूण मालाकार से मुलाकात
सारंगढ़,
आजादी के बाद से सारंगढ़ मे लगते आ रहा गणतंत्र मेला को लेकर जिला प्रशासन ने आज तक अनुमति प्रदान नही किया है जिसके कारण से शहरवासी और प्रशासन के बीच टकराव देखने को मिल सकती है। गत 2 वर्षो से कोविड़ के कारण से सारंगढ़ में आयोजित होने वाले मेले को अनुमति नही देने के बाद इसस वर्ष उम्मीद थी कि अमर शहीदो की याद मे आयोजित होने वाला इस गणतंत्र मेला को अनुमति मिल सकता है किन्तु 10 दिसंबर तक कोविड़ की स्थिति को देखने के बाद इस संबंध में निर्णय लेने की बात कहने वाली एसडीएम मोनिका वर्मा अभी तक असमंजस की स्थिति में है। वही आज भी मेले की अनुमति नही मिलने से मेला समिति सारंगढ़ के प्रतिनिधिमंडल ने आज कलेक्टर डां.फरिहा आलम सिद्धिकी ने मुलाकात कर मेला के इतिहास के बारे में जानकारी देते हुए इस ऐतिहासिक और गौरवशाली मेले की अनुमति देने की मांग किया है जिस पर कलेक्टर ने आश्वासन प्रदान किया है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार सारंगढ़ में जवाहर भवन मेला मैदान पर आजादी के बाद से ही श्री विष्णु महायज्ञ और अमर शहीदो के याद मे गणतंत्र मेला का आयोजन होते आ रहा है किन्तु 2021 और 2022 मे कोविड़ के कारण से मेला की अनुमति प्रशासन के द्वारा नही दिया गया। लेकिन आसन्न वर्ष 2023 मे मेला की अनुमति को जिला प्रशासन के द्वारा जानबूझकर नही दिया जा रहा है जिसको लेकर अब शहरवासियो और प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति बन सकती है। 1950 से लेकर अब तक लगते आ रहा गणतंत्र मेला का यह 73वां वर्ष होगा जिसमे 2021 और 2022 मे सिर्फ श्री विष्णु महायज्ञ का ही आयोजन किया गया था कोविड़ प्रोटोकाल को ध्यान मे रखते हुए गणतंत्र मेला की अनुमति नही दिया गया था किन्तु अब जब पूरी स्थिति सामान्य हो गई है तब भी सारंगढ़ के प्रसिद्ध गणतंत्र मेला को अनुमति जिला प्रशासन के द्वारा नही दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि कोविड़ के लहर को देखते हुए एसडीएम मोनिका वर्मा ने 10 जनवरी को गणतंत्र मेला और श्री विष्णु महायज्ञ के लिये स्थिति का जायजा लेने की बात कही थी किन्तु आज जब श्री विष्णु मेला समिति के प्रतिनिधिमंडल ने एसडीएम मोनिका वर्मा से अनुमति के संबंध मे चर्चा किया तो देखने और कलेक्टर मैडम से चर्चा करने की बात कही। जिसके बाद मेला समिति के प्रतिनिधि मंडल कलेक्टर डां.फरिहा आलम सिद्धीकी से मुलाकात कर 7 दिवसीय मेला के आयोजन के लिये अनुमति प्रदान करने की मांग किया जिस पर शीघ्र ही निर्णय लेने का आश्वासन कलेक्टर डां.फरिहा आलम ने प्रदान किया है। वही बताया जा रहा है जिला प्रशासन के इस रवैये को देखते हुए मेला समिति और शहरवासी काफी आक्रोशित है तथा सारंगढ़ की ऐतिहासिक और गौरवशाली गणतंत्र मेला को तत्काल अनुमति प्रदान किये जाने की मांग को लेकर विधायक श्रीमती उत्तरी जांगड़े और जिला कांग्रेस अध्यक्ष अरूण मालाकार से भी मुलाकात कर शीघ्र ही अनुमति प्रदान करने के लिये पहल करने का निवेदन किया।
जिला कलेक्टर और एसडीएम के साथ साथ विधायक और जिलाध्यक्ष से मुलाकात करने के बाद मेला समिति सारंगढ़ के द्वारा अब इस मामले को लेकर आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बनाया जा रहा है बताया जा रहा है कि इस संबंध में 12 जनवरी को जवाहर भवन मैदान विशाल बैठक का आयोजन किया जा रहा है जिसमें श्री विष्णु महायज्ञ और गणतंत्र मेला को अनुमति प्रदान करने के लिये जनआंदोलन करने के लिये आगे की रणनिति पर विचार विमर्श किया जायेगा। बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन के इस प्रसिद्ध गणतंत्र मेला के अनुमति को लेकर किया जा रहा उदासीन रवैये से शहरवासियो मे आक्रोश की स्थिति पनप रही है। वही शहरवासी इस गणतंत्र मेला को लेकर आंदोलन करने पर भी उतारू हो सकते है। इस संबंध मे अब आगे की रणनिति 12 जनवरी को बैठक में तय होगा किन्तु एक बात तय दिख रहा है कि गणतंत्र मेला को लेकर जिला प्रशासन और शहरवासी फिर एक बार आमने-सामने हो गये है।
आखिर क्या है सारंगढ़ का गणतंत्र मेला मे विवाद?
रिसायतकालीन शहर सारंगढ़ आजादी के पूव स्वतंत्र रिसायत था। आजादी के पश्चात अमर शहीदो के याद मे यहा पर 26 जनवरी 1950 से गणतंत्र मेला का आयोजन होते आ रहा है। यहा शहर के हृदय स्थल पर स्थित जवाहर भवन के मेला मैदान मे हर वर्ष 9 दिवसीय गणतंत्र मेला का आयोजन निरंतर होते आ रहा है। यहा पर श्री विष्णु महायज्ञ का भी आयोजन उल्लास और उत्साह के साथ संपन्न होते आ रहा था किन्तु 2015 से लगभग हर वर्ष सारंगढ़ राजपरिवार के द्वारा जवाहर भवन की जमीन पर स्वामित्व का दावा कर गणतंत्र मेला लगाये जाने का विरोध करते आ रहे है। इस संबंध में जब जांच और रिकार्ड का अवलोकन किया गया तो गणतंत्र मेला की जमीन को तात्कालिन एसडीएम एम.एल.साहू ने शासकीय भूमि घोषित करते हुए मेला स्थल का सीमांकन रिर्पोट प्रस्तुत किया। किन्तु इसके बाद आये एसडीएम बी.आर.ठाकुर ने मेला स्थल पर नया रिर्पोट प्रस्तुत कर इसे निजी भूमि मौखिक तौर पर बताया इस संबंध मे कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नही किया जिसके कारण से 2015 से ही इस मेला के आयोजन को लेकर प्रशासन और शहरवासी आमने सामने होते रहे है। बताया जा रहा है कि इस गणतंत्र मेला को 2021 और 2022 मे कोविड़ के कारण से आयेाजन की अनुमति नही मिली किन्तु धार्मिक आस्था का केन्द्र श्री विष्णु महायज्ञ के पूजा अर्चना के लिये अनुमति प्रदान किया। आसन्न वर्ष कोरोना की संभावना नही के समान है तथा हर गांव-अंचल मे धड़ल्ले से मेला का आयोजन हो रहा है जिसके कारण से शहरवासी इस बात को लेकर आश्वास्त थे कि सारंगढ़ में गणतंत्र मेला का आयोजन इस वर्ष 26 जनवरी को होगा किन्तु अभी तक प्रशासन के द्वारा अनुमति नही दिये जाने से शहरवासी और प्रशासन इस मेले को लेकर आमने सामने की स्थिति मे आ गये है।
मुख्यमंत्री के मंशा के विपरीत कार्य हो रहा यहा?
प्रदेश में 2018 मे कांग्रेस की सरकार आने के बाद भी गणतंत्र मेला का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हो रहा था किन्तु 2021 और 2022 मे कोरोना काल के कारण से गणतंत्र मेला की अनुमति प्रदान नही किया गया। लेकिन इस वर्ष मेला की अनुमति तय दिख रही थी। किन्तु जिला प्रशासन अभी तक निर्णय नही ले पाया है। वही मेला समिति के पदाधिकारियो ने आरोप लगाया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ की संस्कृति और सभ्यता के धरोहर को सहेज कर रखने की मंशा रखे हुए है वही 72 वर्षा से लगते आ रहा मेला को यहा पर नही लगने दिया जा रहा है। जिससे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की छबि को धक्का लग रहा है। हर तरफ के मेला आदि मे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पूरे उत्साह और उमंग के साथ हिस्सा ले रहे है किन्तु सारंगढ़ में मेला को विरोध कर अनुमति नही देने का दबाव बनाने वाले खुद को स्वयं भू नेता बता रहे है। उनके कारण से 9 दिन का लगने वाला गणतंत्र मेला को लेकर अभी तक तस्वीर साफ नही हो पाई है।
जिला बनने के बाद मेला के संरक्षण की है उम्मीद?
किसी भी राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को सहजने मे प्रदेश की राज्य सरकार की महती भूमिका रहती है। सारंगढ़-बिलाईगढ़ नया जिला बनने के बाद उम्मीद थी कि सारंगढ़ को प्रसिद्ध गढ़ उत्सव और गणतंत्र मेला को संरक्षित करने की दिशा मे विशेष पहल होगी और प्रदेश के पर्यटन के नक्शे पर इसका नाम होगा किन्तु जमीन संबंधी दावा-आपत्ति में प्रसिद्ध गणतंत्र मेला को रोक देना जनभावनाओ का अपमान है। ऐसे में सारंगढ़ का प्रसिद्ध गणतंत्र मेला को लेकर आने वाले दिनो मे कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है। प्रदेश सरकार को सारंगढ़ जिले के गढ़ उत्सव और गणतंत्र मेला को विशेष संरक्षण प्रदान करने की आवश्यकता है।
जनआंदोलन की हो रही है तैयारी?
बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन के द्वारा सारंगढ़ के प्रसिद्ध गणतंत्र मेला की अनुमति प्रदान नही करने से जनआंदोलन जैसे स्थिति पैदा हो सकती है। सारंगढ़ का मेला महज एक मेला नही है यह संपूर्ण सारंगढ़ के लिये गौरव की बात है किन्तु जिस प्रकार से अभी तक प्रशासन के द्वारा अनुमति नही दिया गया है उससे जनआंदोलन होने की संभावना बन रही है। बताया जा रहा है कि इसके लिये बैठक का आयोजन किया जा रहा है जहा पर धरना प्रदर्शन के साथ साथ चक्काजाम और सारंगढ़ बंद जैसे आंदोलन प्रारंभ हो सकता है जो जिला प्रशासन के लिये मुसीबत का कारण बन सकता है।
मीना बाजार की अनुमति जारी?
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार सारंगढ़ के आर्दश पेट्रोल पंप के पास रिक्त भू-खंड़ पर 15 जनवरी से 15 दिवसीय मीना बाजार का आयोजन किया जा रहा है। लगभग 3 एकड़ से अधिक की भूमि पर आयोजित होने वाले इस मीना बाजार में लगभग प्रतिदिन 2 हजार से अधिक लोगो का जमावड़ा होगा। इस आयोजन को लेकर प्रशासन के द्वाार अनुमति प्रदान करने की जानकारी सूत्र दे रहे है। वही दूसरी ओर कोविड़ की स्थिति और अन्य बातो को लेकर सार्वजनिक रूप से आयोजित होते आ रही गणतंत्र मेला और श्री विष्णु महायज्ञ को अभी तक अनुमति प्रदान नही किया गया है। इन्ही सभी बातो को लेकर सारंगढ़ अंचल धीरे-धीरे गर्म हो रहा है।
12 जनवरी को बैठक का आयोजन
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार 12 जनवरी को सारंगढ़ के जवाहिर भवन मैदान मे मेला आयोजन के संबंध में प्रशासन के उदासीन रवैया को देखते हुए बैठक का आयोजन मेला समिति के द्वारा रखा गया है। बताया जा रहा है कि इस बैठक मे आगे की रणनिति बनाया जायेगा और जनआंदोलन को लेकर चर्चा-परिचर्चा होगी।
विहिप, धर्मजागरण मंच, बजरंग दल जैसे संगठन नदारद?
सारंगढ़ में सक्रिय हिन्दूवादी संगठन विश्व हिन्दू परिषद, धर्मजागरण मंच और बजरंग दल जैसे संगठनो की सारंगढ़ मेंला को लेकर सुस्ती समझ से परे है। आजादी के बाद से ही श्री विष्णु महायज्ञ के आयोजन और गणतंत्र मेला के आयोजन को लेकर आम जनता प्रशासन के पास निवेदन-आवेदन लेकर पहुंच रही है किन्तु हिन्दूत्व वादी संगठन अभी तक नदारद है। सारंगढ़ के आस्था का प्रतीक इस प्रसिद्ध गणतंत्र मेला को लेकर अभी तक इन संगठनो के द्वारा सक्रियता नही दिखाना कई सवालो को जन्म दे रहा है।