शाम होते ही मच्छरो के आतंक से परेशान हो रहे है सारंगढ़वासी?
नालियो की सफाई ठप्प, मुख्य मार्ग की बड़ी नाली में मलबा भराया
फागिंग मशीन और दवाओ का छिड़काव अर्से से बंद?
सारंगढ़,
सारंगढ़ शहर मे शाम होते ही मच्छरो के आतंक सिर चढ़कर बोल रहा है। ठंड़ के मौसम में बजबजाती नालिया के कारण से हर वार्ड में मच्छरो का आतंक बढ़ गया है। इस मच्छरो को मारने के लिये चलाया जाने वाला फागिंग मशीने नगर पालिका मे धूल खाती पड़ी है। वही नालियो की साफ-सफाई नही होने से मच्छरो का संख्या दिन-दुनी, रात-चौगुनी बढ़ रही है। मच्छरो के इस आतंक के कारण से शहरवासी परेशान हो गये है।
नगर पालिका सारंगढ़ में अक्टूबर माह में बरसात के बाद से अब मच्छरों का प्रकोप कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है।जिससे लोगों का जीना हराम हो गया है। जानकारी के अनुसार इस समय दिन में हो रही धूप के बावजूद भी मच्छरों का आतंक बढ़ गया है।मौसम ठंडा है फिर भी मच्छरों का आतंक दिन,रात बना हुआ है। दिनों में यदि कम तो शाम होते ही मच्छरों का आतंक शुरू हो जा रहा है। मच्छरों के बढ़ते प्रकोप से बच्चों की पढ़ाई समेत अन्य क्रिया कलापों में बाधा उतपन्न हो रही है। वही मच्छरों से बचाव को लेकर कोई भी उपाय नहीं किया जा रहा है।क्षेत्र में कहीं भी कोई फॉगिंग नहीं होने से मच्छरों के प्रकोप और अधिक बढ़ता जा रहा है।शहर की गलियों में नालियां खुली होने के कारण इन नालियों में मच्छरों के लारवा कुछ ज्यादा ही पनप रहे है। आसपास के लोगों को मच्छरों के काटने से मच्छर डेंगू जनित बीमारियों की आशंका सताने लगी है।फिर भी जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि बदलते मौसम से मच्छरों का प्रकोप बढ़ने लगा है। शाम होते ही मच्छरों का आतंक फैल जा रहा है। इस कारण बीमारियों के फैलने की आशंका बढ़ गई है। इसके अलावा जगह जगह गंदगी भी मच्छरों के पनपने की मुख्य वजह है। नगरवासी मच्छरों से बचाव के लिए हर तरह का प्रयोग कर रहे हैं। नगरवासियों ने पालिका से फागिग कराने की मांग की है। गर्मी के साथ ही मच्छरों का भी प्रकोप बढ़ने लगा है। शहर की गंदगी, नाले का गंदा पानी, रोड़ की सड़कों के किनारे लगे कूड़े ढेर से तमाम तरह की समस्या उत्पन्न होती है। सफाई कर्मियों के नियमित रूप से सफाई नहर करने की वजह से गंदगी पसरी रहती है। गली मोहल्लों की नालियां गंदे पानी से उफनती नजर आती है और वह पानी सड़क पर बहता रहता है। इससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ा है। मच्छरों को मारने के लिए कीटनाशक दवाओं के छिड़काव को लेकर नगरीय प्रशासन ने आंखें बंद कर रखी है। मच्छर की बढ़ती संख्या का आलम है कि रात नहीं, दिन में भी इसका प्रकोप जारी रहता है। वहीं संध्या होते ही लोगों का किसी स्थान पर बैठना मुश्किल हो जाता है। घर हो या दुकान, हर जगह मच्छरों का आतंक बढ़ गया है। सुबह हो या शाम मच्छरों का हमला शुरू हो जाता है। इसके चलते संक्रमण का खतरा, बीमारी के भय से लोग दिन में भी मच्छरदानी तथा मच्छर भगाने वाले क्वायल का प्रयोग करते हैं। उधर चिकित्सकों के अनुसार मच्छर मारने वाले क्वायल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। लोगों की मानें तो मच्छरों के बचाव को निजी इंतजाम नहीं किए जाएं तो घंटे दो घंटे भी लोग शांति से बैठ नहीं सकते।
फागिंग मशीन खा रही है धूल, रसायनिक दवाओ का छिड़काव बंद?
सारंगढ़ नगर पालिका के द्वारा शहर के साफ-सफाई व्यवस्था का संचालन किया जाता है किन्तु नालियो की सफाई बहुत कम होने से मच्छरो का प्रकोप काफी बढ़ गया है। लेकिन नगर पालिका के द्वारा फागिंग मशीन का भी संचालन नही किया जा रहा है। वही नालियो की सफाई के साथ-साथ रसायनिक दवाओ का छिड़काव भी नही किया जा रहा है। इसके कारण से नालियो मे मच्छरो का लार्वा काफी बढ़ गया है। इस मामले में नगर पालिका के स्वच्छता अधिकारी और कर्मचारी सफाई व्यवस्था पर ध्यान नही दे पा रहे है।