
सारंगढ़ के प्रसिद्ध गार्डन “पुष्प वाटिका” बदहाली के दौर में, एक फीट से अधिक पानी में डूबा हुआ है गार्डन?
डेंगू मच्छर के लिये आदर्श स्थल है पुष्प वाटिका की गदंगी,
नगर पालिका का स्टोर कक्ष के रूप मे उपयोग हो रहा है यहा का सामुदायिक भवन,
पानी में डूबे पड़े है लाखो रूपये के कीमती सामान,
ना कोई प्लान और ना कोई पहल,
पूज्यनीय संत गुरूघासीदास जी की ज्ञान स्थली से लगा हुआ गार्डन बद से बदत्तर,
सारंगढ़,
जिला मुख्यालय स्थित कलेक्टोरेट से महज 100 मीटर की दूरी तथा दैनिक सब्जी बाजार के पास स्थित पूज्यनीय संत गुरूघासीदास की ज्ञान स्थली से लगा हुआ पुष्प वाटिका सारंगढ़ बद से बदत्तर स्थिति में बदहाल पड़ा हुआ है। यहा पर लगभग 1 फीट से अधिक पानी भरा हुआ है। गंदगी से सराबोर और लाखो रूपये के सामानो की बर्बादी को अमलीजामा पहना रहा सारंगढ़ का इस प्रसिद्ध गार्डन रख-रखाव के अभाव में बदहाल हो गया। नगर पालिका सारंगढ़ और जिला प्रशासन के पास इस प्रसिद्ध गार्डन को रख-रखाव करने या कोई ब्लू प्रिंट या प्रस्ताव तक नही है जिसके कारण से सारंगढ़ के इस प्रसिद्ध गार्डन का लाभ शहरवासी नही ले पा रहे है।
दरअसल सारंगढ़ जिला मुख्यालय जरूर बन गया है किन्तु सारंगढ़ मे प्रशासनीक कसावट का अभाव साफ नजर आ रहा है। लाखो रूपये खर्च करके यहा पर गार्डन बनाया जाता है लाखो रूपये कीमती का लाईट और झूला लगाया जाता है किन्तु रख-रखाव का अभाव के कारण से सभी कबाड़ में तब्दील हो जाते है। जवाबदारी और जिम्मेदारी का अभाव साफ तौर पर यहा पर झलक रहा है। एक
समय में सारंगढ़ के इस प्रसिद्ध गार्डन पुष्प वाटिका को लेकर पूरे क्षेत्र मे चर्चा होती थी तथा पूरे ब्लाक के लोग इस गार्डन का लुफ्त उठाने के लिये आते थे। किन्तु प्रशासनीक उदासीनता के कारण से यह गार्डन बद से बदत्तर हो गया है। इस गार्डन की बदहाली के लिये अगर प्रशासनीक अमला जवाबदार है तो सारंगढ़ शहरवासी भी जवाबदार है जो कि इस बदहाल गार्डन को लेकर कोई सवाल तक खड़े नही करते है। ऐसे मे लाखो रूपये खर्च करके बनाया जाने वाला गार्डन और बिजली उपकरण सिर्फ भ्रष्ट्राचार और कमीशनखोरी का साधन ही बनकर रह जायेगें। सारंगढ़ के पुष्प वाटिका गार्डन के अंदर ही संत शिरोमणी गुरूघासीदास जी के ज्ञान स्थली के रूप में पवित्र जैतखंब स्थापित है तथा इसी से लगा हुआ पुष्प वाटिका भी है किन्तु पुष्प वाटिका की स्थिति काफी खराब है। यहा पर चारो ओर लगभग 1 फीट का पानी भरा हुआ है यहा पानी की निकासी की व्यवस्था नही होने के कारण लगभग 6 माह तक यह गार्डन पानी से भरा होता है। जबकि इस गार्डन के ठीक सामने नाली बना हुआ है किन्तु यह पूरी तरह से
मलबा से पटा गया है और पानी की निकासी बंद हो गई है। अगर जेसीबी लगाकर इस नाली का मलबा को निकाल दिया जाये तो यह पुष्पवाटिका का पानी निकास हो जायेगा और गार्डन पहले की तरह से व्यवस्थित हो सकता है। किन्तु इसके लिये कोई प्रयास नही हो रहा है। वही पहले सड़क के ऊपर रहने वाला गार्डन उस समय सड़क के नीचे हो गया जब गौरवपथ का निमार्ण किया गया। गौरव पथ के निमार्ण करने वाला नगर पालिका सारंगढ़ इस गार्डन के पानी निकासी को ध्यान में नही रखा जिसके फलस्वरूप पानी निकासी के लिये कल्वर्ट पुलिया बना देने से ही यह गार्डन पानी जमाव की बड़ी समस्या से फुर्सत हो जाता। किन्तु नगर पालिका सारंगढ़ के उदासीनता से यह गार्डन बदहाली की दौर में है। रायगढ़ के कमला नेहरू गार्डन के तरह विशाल और शानदार लोकेशन में स्थित यह गार्डन सारंगढ़ की शान हुआ करती थी तथा वर्तमान जिला मुख्यालय के पास स्थित इस गार्डन पर विभिन्न स्थानो से आये हितग्राही आरामस्थल के रूप में उपयोग कर सकते थे। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओ के लिये जिला मुख्यालय आने वाले अन्य स्थान के प्रतिभागी तथा उसके परिजनो के लिये भी यह समय काटने और आराम पाने का बेहतरीन स्थल बन सकता है किन्तु इस पुष्ट वाटिका को लेकर नगर पालिका सारंगढ़ और जिला प्रशासन के पास कोई प्रस्ताव नही है। जिसके कारण से शासन के उदासीनता इस गार्डन पर
साफ तौर पर देखने को मिलती है।
लाखो रूपये का लाईट और झूला बर्बाद?
सारंगढ़ जिला मुख्यालय के इस प्रसिद्ध गार्डन पुष्प वाटिका में कई शासकीय आयोजन संपन्न हो सकते है इसका विशाल मैदान और सामुदायिक भवन के साथ कलेक्टोरेट से लगा हुआ इस गार्डन में जिला प्रशासन का आयोजन सफल और शानदार हो सकता है। किन्तु वर्तमान में बदहाल पड़ा इस गार्डन को संवारने का जिम्मा जिला प्रशासन और नगर पालिका को लेना पड़ेगा। इस पुष्प वाटिका को उपयोग सारंगढ़ शहर में शादियो को लेकर किया जाता रहा है। आज भी गर्मी माह में इसका उपयोग शादी-ब्याह के पार्टी के लिये होता है वही कई राजनितिक और प्रशासनीय आयोजन इस गार्डन में हुआ है। किन्तु वर्तमान में यह गार्डन बद से बदत्तर हो गया है। यहा पर लाखो रूपये का लाईट लगाया गया था और पार्षद निधि से झूला लगाया गया था किन्तु रख-रखाव के कारण से उसका कोई अता-पता नही है। पानी भरा होने के कारण से कोई भी इस गार्डन में नही जाना चाहता है इस कारण से यह गार्डन सूनसान पड़ा रहता है जबकि यह दैनिक सब्जी बाजार से लगा हुआ है और यह गौरवपथ मे मेन रोड़ में तथा कलेक्टोरेट से महज 100 मीटर की दूरी पर स्थित है। ऐसे मे इस गार्डन को सीएसआर मद से संवर्धन करने पर यह काफी उपयोगी गार्डन हो सकता है।
जिला मुख्यालय तरस रहा है एक अदद गार्डन को,
सारंगढ़ जिला मुख्यालय में शहरवासियो को घूमने के लिये कोई अच्छा सा गार्डन तक नही है। वाकिंग करने और ओपन जिम के लिये बहुत उपयोगी इस गार्डन को लेकर जिला प्रशासन और नगर पालिका कोई ध्यान नही दे रहा है। यहा पर कंपनियो के सीएसआर या गौण खनिज मद से इस गार्डन को जीर्णोद्धार कराया जा सकता है। यहा पर बहुत कम खर्च में मैदान समतलीकरण तथा विद्युत व्यवस्था
तथा रख-रखाव को संधारित करके गार्डन की रौनक पुन: वापस लाया जा सकता है। तुर्की तालाब गार्डन, राजापारा गार्डन और जेलपारा गार्डन के मुकाबले बेहतर लोकेशन और शानदार पार्किग के साथ यह गार्डन जिला मुख्यालय सारंगढ़ के लिये एक शानदार स्थान साबित हो सकता है। किन्तु इस गार्डन के लिये पहल करने में जनप्रतिनिधि और प्रभावशाली व्यक्ति पीछे रहे है। किसी ने आवाज तक उठाना उचित नही समझे है। ऐसे में पूज्यनीय गुरूघासीदास जी के ज्ञान स्थली से लगा हुआ यह गार्डन सारंगढ़ की शान के स्थान पर उपेक्षा का शिकार हो गया है।