
ग्राम पंचायत ’’मल्दा अ’’ में समस्याओं का अंबार ग्राम का आखिर कब होगा कायाकल्प सारंगढ़ टाईम्स की विशेष पड़ताल…

सारंगढ़ टाईम्स.
सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले का ग्राम पंचायत मल्दा अ, जहां के ग्रामवासियों को प्रदेश सरकार से बहुत उम्मीदें हैं। दर्जनों समस्याओं के साथ उक्त ग्राम पंचायत में विकास अवरूद्व हो चुका है। ग्राम पंचायत के विकास को लेकर सरपंच लगातार प्रयासरत हैं दैनिक सारंगढ़ टाईम्स की टीम ने जब ग्राउंड में जाकर रिपोर्टिंग की तो कई ऐसी समस्याओ की जानकारी मिली जिनका निराकरण होना अत्यंत आवश्यक है। आईए जानते हैं आखिर ग्राम पंचायत मल्दा अ में कौन कौन सी बुनियादी समस्याएं हैं।
शमशान घाट की आवश्यकता –

ग्राम पंचायत मल्दा अ जहां की आबादी लगभग 4000 के आसपास है वहां पर एक मात्र शमशान घाट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए बना हुआ है लेकिन उक्त शमशान घाट में भी बैठने के लिए किसी प्रकार की कोई व्वयवस्था नही है। इसके अलावा उक्त गांव में निवासरत अन्य समाज के लिए किसी प्रकार के शमशान घाट की कोई व्यवस्था नही है जिसके कारण मृतकों की अंत्येष्टी हेतु ग्राम वासियों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा एक मात्र शमशान घाट में बाउंड्री वॉल भी नही है और साथ में शेड़ भी नही है जिसके कारण बरसात के दिनों में मृतकों के अंत्येष्टी हेतु बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है।
स्कुलों में शौचालय नही है –

उक्त ग्राम पंचायत में प्राईमरी स्कुल और मिडिल स्कुल हैं जिसमें कुल 250 से अधिक विद्वार्थी अध्ययनरत हैं लेकिन विडंबना है कि दोनो ही स्कुल में बाथरूम की कोई व्यवस्था नही है। 250 विद्वार्थियों के लिए एक बाथरूम तक ना होना बेहद ही चिंतनीय विषय है। इस मामले पर शासन प्रशासन को गंभीरता दिखाने की आवश्यकता है। शासन द्वारा अध्ययनरत छात्र छात्राओं के लिए शौचालय सुविधा हो जाने से बहुत राहत मिलेगी।
स्कुल परिसर मे होता है जल भराव, बाउंड्री भी नही –

प्राईमरी स्कुल भवन और मिडिल स्कुल भवन के बीच में लगभग 200 फिट की दुरी है। बरसात के दिनों में उक्त दोनो भवनों के बीच स्थित भुखण्ड़ में बहुत ज्यादा जल भराव हो जाता है जिसके कारण आवाजाही में बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हर साल बरसात के दिनों में जल भराव के कारण स्कुली छात्र छात्राओं को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है जिसका निराकरण होना जरूरी है। इसके साथ ही साथ स्कुल भवनों का बाउंड्री वाल भी नही है जिसके कारण स्कुल प्रांगण को संरक्षित करने में भी बहुत दिक्कत होती है। सैकड़ों प्रकार के फंड होने के बाद भी ग्राम पंचायत विकास से कोसों दुर है। यहां पर एक विषय यह भी है कि वर्ष 2013 में स्कुल प्रांगण में अतिरिक्त कक्ष का निर्माण हो रहा था लेकिन अज्ञात कारणों से उक्त भवन कक्ष का निर्माण अधुरा है, 12 वर्ष पुराने होने के कारण वह अधुरा भवन अब खंडहर का रूप ले चुका है।
ग्राम पंचायत का खार बहुत बड़ा –
ग्राम पंचायत में जो जानकारी छनकर आयी उसके मुताबिक उक्त ग्राम पंचायत का खार बहुत बड़ा है, और खार का क्षेत्र दहिदा, कुम्हारी, कोसीर और पासीद जैसे क्षेत्रों को छुता है लेकिन उक्त खार के क्षेत्र में एक भी हेंडपंप नही है जिसके कारण ग्राम वासियों को पानी संबंधी समस्याओं का बहुत ज्यादा सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों की मानें तो उक्त खार के क्षेत्र में दो हेंडपंप भी खुद जाएं तो काफी हद तक ग्राम वासियों को राहत मिल सकती है।
रेत भी निकलता है लेकिन लाभ नही –

यहां पर यह जानना भी जरूरी है कि उक्त ग्राम पंचायत में रेत भी निकलता है लेकिन उत्खनन पुरी तरह से अवैध रूप से होता है, शासन ने रेतघाट के लिस्ट में भी उक्त ग्राम पंचायत को शामिल नही किया जिसके कारण से गौण खनिज के लाभ से भी ग्राम पंचायत वंचित है। रेत निकल भी रहा है और शासन से लाभ भी नही मिल रहा है। अगर जिला स्तर से ग्राम पंचायत को उक्त घाट को सौंप दिया जाए तो कम से कम ग्राम पंचायत को काफी हद तक राशि का लाभ हो सकता है जिससे ग्राम पंचायत को विकास को सकता है।
बाल उद्वान की है आवश्यकता –
उक्त ग्राम पंचायत में लगभग 300 से अधिक छोटे बच्चे हैं लेकिन छोटे बच्चों के लिए किसी प्रकार से बाल उद्वान की व्यवस्था भी नही है। पुर्व के सरपंच और बीडीसी के द्वारा यदि ग्राम विकास को लेकर कोई सकारात्मक पहल की जाती तो शायद इस ग्राम पंचायत में समस्याओं और अभावों का अंबार नही होता। गौर करने योग्य बात है कि ग्राम पंचायत से लगभग 11 लोग ऐसे हैं जो सीआरपीएफ और सेना में कार्यरत हैं व देश की सेवा कर रहे हैं, लेकिन विडंबना है कि ऐसे ग्राम पंचायत में बाल उद्वान जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है।
ग्राम पंचायत सरपंच ने विकास के साथ और भी विषयों पर की चर्चा –

ग्राम पंचायत सरपंच श्रीमती भुरी बाई लहरे से जब चर्चा की गई तो उन्होने उल्लेखित कई बिंदुओं पर ग्राम पंचायत की समस्याओं की जानकारी प्रेषित की। ग्राम विकास को लेकर लगातार प्रयास करने वाली सरपंच ने ग्राम पंचायत के लाल और सीआरपीएफ में देश की सेवा कर चुके स्व. जितेन्द्र लहरे के बारे में भी बात कही। सरपंच ने बताया कि विगत के वर्षों में ग्राम के लाल सीआरपीफ जवान जितेन्द्र लहरे की ड्युटी के दौरान हार्टअटैक से मृत्यू हो गई थी जिसके बाद उनके परिवार जन की ईच्छा है कि ग्राम पंचायत में उनका एक स्मारक बनाया जाए जिसके लिए दिवंगत सैनिक के परिवार जन स्मारक हेतु जमीन देने हेतु भी तैयार हैं। दिवंगत सीआरपीएफ जवान के परिवार में उनकी पत्नी, दो बच्चे और उनके माता पिता हैं सभी की ईच्छा है कि गांव में उनका एक स्मारक बनाया जाए। इसके अलावा भी सरपंच द्वारा कई विषयों पर टीम सारंगढ़ टाईम्स की टीम के साथ सार्थक चर्चा परिचर्चा की गई।
‘‘मुद्दे की बात‘‘ अभियान के तहत ग्रामीण समस्या पर प्रकाश
जिले के प्रथम दैनिक अखबार सारंगढ़ टाईम्स टीम के द्वारा ’’मुद्दे की बात’’ अभियान के तहत ग्राम पंचायत स्तर तक जाकर वहां की परेशानियों को आम जनता के समक्ष रखा जा रहा है। आने वाले समय में और भी अन्य ग्राम पंचायतों की समस्याओं पर प्रकाश डालने का प्रयास किया जाएगा ताकि ग्राम पंचायतों की समस्याएं शासन प्रशासन के नजर में आये ताकि यथासंभव उनका निराकरण हो सके। बीते अंक में ग्राम पंचायत सिंघनपुर को लेकर खबर कवरेज के संदर्भ में भी काफी संख्या में उत्साहपुर्ण संदेश प्राप्त हुए। आपको हमारा अभियान अच्छा लगे तो अभियान के संदर्भ में अपना संदेश 7987698600 में अवश्य भेजें।



