जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़

ग्राम पंचायत सिंघनपुर झेल रहा उपेक्षा का दंश टीम सारंगढ़ टाईम्स की ग्राउंड रिपोर्टिंग….

ग्राम पंचायत सिंघनपुर झेल रहा उपेक्षा का दंश टीम सारंगढ़ टाईम्स की ग्राउंड रिपोर्टिंग....

ग्राम पंचायत सिंघनपुर झेल रहा उपेक्षा का दंश टीम सारंगढ़ टाईम्स की ग्राउंड रिपोर्टिंग….

सारंगढ़ टाईम्स.सारंगढ़ 
आज हम बात कर रहे हैं सारंगढ़ विधानसभा और सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले के ग्राम पंचायत सिंघनपुर के बारे में, इस गांव की आबादी रहने को तो लगभग 3000 से अधिक है लेकिन विकास के मामले में यह ग्राम पंचायत बहुत पिछड़ चुका है। सरकार किसी की भी रहे लेकिन गांव का विकास आज भी अधुरा है जिसके कारण ग्राम पंचायत वासियों में विकास को लेकर कसक नजर आती है। आखिर कौन से वो कारण है जिसकी वजह से आज ग्राम पंचायत विकास से दुर है आईए जानते हैं वो मुद्दे और प्रयास करते हैं कि इस गांव को विकास का लाभ मिल सके।

जल जीवन मिशन को लेकर ठेकेदार की मनमानी

पुरे देश में केन्द्र सरकार का जल जीवन मिशन को सभी प्रदेश में बहुत ही गंभीरता के साथ लिया जाता रहा है जिसके कारण सभी प्रदेशों समेत सभी जिलों, विधानसभाओं और ग्राम पंचायतों में भी जल जीवन मिशन के तहत लगातार टंकी निर्माण और पाईप लाईन विस्तार का कार्य प्रगति पर है लेकिन ग्राम पंचायत सिंघनपुर में इस योजना को मजाक का विषय बना दिया गया। सिंघनपुर के आसपास पासीद, भाठागांव, भद्रा समेत सभी ग्राम पंचायतों में जहां जल जीवन मिशन का कार्य लगातार प्रगति पर दिखाई देता है तो वहीं सिंघनपुर में अभी तक कुछ भी नही बना है। पुरे देश में जिस योजना को लेकर अधिकारियों में बहुत ज्यादा संवेदनशीलता दिखाई पड़ती है वह योजना सिंघनपुर मे दम तोड़ती नजर आ रही है। मिली जानकारी के अनुसार पुर्व सरपंच की लापरवाही और ठेकेदार की मनमानी के कारण इस ग्राम पंचायत में जल जीवन मिशन का कार्य नही हो पा रहा है जिसके कारण ग्राम वासियों में निराशा का भाव देखने को मिलता है।

क्या कहते हैं सिंचाई विभाग के अधिकारी

इस मामले में जब सिंचाई विभाग के अधिकारी श्रीमान खरे जी से बात की गई तो उन्होने बताया कि ठेकेदार के लापरवाही के कारण टंकी निर्माण का काम रूका हुआ है, पाईप लाईन का काम लगभग हो चुका है। आम लोगों की राहत के लिए साल भर के भीतर टंकी निर्माण पुर्ण हो जाने की बात अधिकारी श्रीमान खरे जी के द्वारा कही गई।

उद्ववहन सिंचाई योजना वर्ष 1997-98 में प्रांरभ लेकिन दो वर्ष में हुआ बंद

बेहद ही आश्चर्य का विषय है कि मध्यप्रदेश शासन में किसानों के सिंचाई के लिए प्रारंभ हुई योजना छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद पुरी तरह से दम तोड़ चुकी है। गौर करने योग्य बात है कि वर्ष 1997-98 में योजना का जब शुभारंभ हुआ था तो उस समय बकायदा उक्त योजना का भवन भी बन चुका था और इंटकवेल भी बन गया था, लेकिन बाद में महज दो वर्ष में ही योजना बंद हो गई। आज भी यदि उक्त योजना को प्रारंभ कर दिया जावे तो 3000 की जनसंख्या वाले ग्राम पंचायत के 1100 एकड़ कृषि भुमि स्वामी किसानों को बहुत लाभ मिलेगा। 27 वर्ष पुराने मध्यप्रदेश सरकार के समय प्रारंभ हुए प्रोजेक्ट को लेकर वर्तमान के नेता कौन सा सकारात्मक कदम उठाएंगे यह तो समय बताएगा लेकिन महज 2 वर्ष योजना चलने के बाद 25 वर्ष तक कोई प्रोजेक्ट बंद पड़ा है वह भी अपने आप में बहुत आश्चर्य का विषय है। भले ही बैराज का निर्माण होने से हजारों किसानों को लाभ मिल रहा हो लेकिन उद्ववहन योजना से कमजोर वर्ग के सैकड़ों किसानों को पानी का लाभ मिलेगा। बंद हो चुके इस योजना की पुर्णता को लेकर क्या प्रयास होते हैं वह भविष्य के गर्भ में है। वर्तमान सरपंच द्वारा हाल के दिनों में लगातार उच्च स्तर पर आवेदन प्रेषित किये जा रहे हैं। उन्हे भरोसा है कि कहीं ना कहीं से यह प्रोजेक्ट फिर से प्रारंभ होगा।

क्या कहते हैं जल संसाधन विभाग के अधिकारी

इस मामले में जब जल संसाधन विभाग के एक्स्क्युटिव ईंजीनियर श्रीमान मिंज जी से बात की कई तो उन्होने बताया कि यह बहुत पुराना प्रोजेक्ट है और हमारे ही विभाग के अंतर्गत आने वाले ईएण्डएम नलकुप एण्ड गेट निर्माण विभाग के द्वारा कार्य किया गया होगा, वहां से आपको ज्यादा जानकारी उपलब्ध हो पाएगी, जल्द ही इस विषय पर जानकारी प्रदान करता हुं।

आखिर क्या कहते हैं सिंघनपुर सरपंच

ग्राम पंचायत की समस्याओं को लेकर ग्राम पंचायत सरपंच श्रीमती ममता हिजया आनंद वर्मा से जब सिलसिलेवार चर्चा की गई तो उन्होने ग्राम पंचायत के विकास को लेकर लगातार प्रयास करने की बात कही। उन्होने बताया कि ग्राम पंचायत में जलजीवन मिशन को लेकर अधिकारियों द्वारा और खासकर ठेकेदार के द्वारा बहुत ज्यादा लापरवाही बरती जा रही है जिसके कारण से ग्राम पंचायत के लोगों को जल जीवन मिशन का लाभ नही मिल पा रहा है। वही किसानों के लिए सिंचाई उद्ववहन योजना भी बहुत लाभकारी साबित होगा लेकिन 27 वर्ष पुराने योजना को लेकर किसी भी स्तर पर अधिकारियों द्वारा गंभीरता नही दिखाई जा रही है, बीते दिनों मेरे द्वारा उच्च स्तर पर आवेदन प्रेषित किये गए हैं आशा है कि ग्राम पंचायत के विकास को लेकर कोई ना कोई सकारात्मक पहल देखने को मिलेगा। अगर 27 वर्ष पुराना कार्य फिर से प्रारंभ हो जाएगा तो लगभग 1100 एकड़ की कृषि भुमि को योजना का लाभ मिलेगा साथ ही साथ और भी अन्य ग्राम पंचायतो तक पानी पहुचेगा।

इस विषय पर सरपंच ने यह भी बताया कि सुशासन तिहार में इस विषय पर आवेदन प्रेषित किया गया था जिसके संदर्भ में विभाग द्वारा पत्र प्राप्त हुआ है जिसमें उल्लेख है कि वर्ष 1997-98 में पासीद डेम से उद्ववहन सिचाई योजना जिसके माध्यम से मुड़ा तालाब और अन्य तालाबों में पानी पहुचाया जाता है जो कि वर्तमान में बंद हो गया है जिसे पुनः चालु करने की मांग की गई है, जो कि स्थल निरीक्षण के उपरांत साध्यता के आधार पर महानदी से मुड़ा तालाब व अन्य तालाब में उद्ववहन सिंचाई योजना से पानी पहुचाना उचित होगा। जिससे महानदी से कोसीर तक पानी पहुंचाया जा सकेगा। अतः कार्य को वर्ष 25-26 के आगामी अनुपूरक बजट में सम्मिलित किये जाने हेतु पत्र व्यवहार प्राप्त हुआ है लेकिन आज पर्यन्त तक इस विषय में कोई सार्थक परिणाम देखने को नही मिले हैं। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा क्षेत्र वासियों के हित में इस योजना को पुनः प्रारंभ किया जावेगा।

सांसद राधेश्याम राठिया भी कर चुके हैं पहल

इस विषय पर सरपंच के आवेदन पर क्षेत्र के सांसद राधेश्याम राठिया भी पहल कर चुके हैं और जल संसाधन मंत्री श्रीमान केदार कश्यप को पत्र लिखकर योजना की सिलसिलेवार जानकारी देते हुए जनहित में योजना प्रारंभ करने का निवेदन कर चुके हैं। साथ ही साथ उक्त कार्य को वर्ष 25-26 के आगामी अनुपूरक बजट में शामिल करने हेतु भी पत्र व्यवहार कर चुके हैं।

जल संसाधन विभाग से आया कलेक्टर महोदय को पत्र

इस मामले में मिली जानकारी के अनुसार बीते दिनों 6 अक्टुबर 2025 को कार्यपालन अभियंता जल संसाधन संभाग रायगढ़ के द्वारा सारंगढ़ बिलाईगढ़ कलेक्टर के नाम पर पत्र जारी करते हुए ग्राम पंचायत सिंघनपुर के उद्ववहन सिंचाई योजना को पुनः चालु कराने एवं महानदी से मुड़ा तालाब एवं अन्य तालाब में पानी व्यवस्था कर किसानों को सिंचाई उपलब्ध कराने के संदभ में आगामी कार्यवाही हेतु पत्र प्रषित किया गया है। जिसके बाद उम्मीद जताई जा रही है कि इस योजना का लाभ क्षेत्र वासियों को आने वाले दिनों में मिल जाएगा।

शिक्षा को लेकर भी पालक चिंतित

ग्राम पंचायत में शिक्षा को लेकर जब चर्चा की गई तो शिक्षा को लेकर भी ग्राम वासियों की चिंता देखने को मिली। वर्तमान में उक्त ग्राम पंचायत में मिडिल स्कुल ही है और तकरीबन 250 के आसपास विद्वार्थी अध्ययनरत हैं। समस्या मिडिल स्कुल के बाद होती है। मिडिल स्कुल के बाद उक्त गांव में हाई स्कुल नही है। आसपास निकटतम हाई स्कुल कोसीर में है जो कि सिंघनुपर से पांच किलोमीटर की दुरी पर स्थित है। ऐसे में कई बच्चे आवागमन सुविधा के अभाव में पढाई भी छोड़ देते हैं। ग्राम पंचायत में हाई स्कुल के खुल जाने से विद्वार्थियों और उनके पालकों को बहुत राहत मिलेगी। इस विषय पर भी जिले के अधिकारियों को संज्ञान लेने की आवश्यकता है।

‘‘मुद्दे की बात‘‘ अभियान के तहत ग्रामीण समस्या पर प्रकाश

जिले के प्रथम दैनिक अखबार सारंगढ़ टाईम्स टीम के द्वारा ’’मुद्दे की बात’’ अभियान के तहत ग्राम पंचायत स्तर तक जाकर वहां की परेशानियों को आम जनता के समक्ष रखा जा रहा है। आने वाले समय में और भी अन्य ग्राम पंचायतों की समस्याओं पर प्रकाश डालने का प्रयास किया जाएगा ताकि ग्राम पंचायतों की समस्याएं शासन प्रशासन के नजर में आये ताकि यथासंभव उनका निराकरण हो सके। आपको हमारा अभियान अच्छा लगे तो अभियान के संदर्भ में अपना संदेश 7987698600 में अवश्य भेजें।

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