सारंगढ़, सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला के ग्राम पंचायत टिमरलगा में स्थित बापोड़िया ग्रामोद्योग की नई कहानी सामने आई है । यह क्रेशर कई दिनों से बंद है , लेकिन इस क्रेशर के नाम की रॉयल्टी पर्ची से बेखौफ होकर गाड़ियां निकल रही है । आखिर माजरा क्या है , यह समझ से परे है । वैसे तो जानकार बता रहे हैं कि कुछ क्रेशर मालिकों की मिलीभगत से यह नियम के विरुद्ध का खेला-लीला किया जा रहा है । वही बता दें कि गाड़ियां दूसरे क्रेशर से लोड होकर आ रही है , खनिज जांच चौकी में एंट्री भी किया जा रहा है और बेधड़क होकर गाड़ियां बेरियर से जा रही है । आखिर इनकी खदान और क्रेशर कुछ दिनों से बंद है तो माल कहां से आ रहा है ? इसकी जांच माइनिंग विभाग को करनी चाहिए , क्योंकि अगर आप रॉयल्टी पर्ची निकालते हैं तो जिस क्रेशर का रॉयल्टी पर्ची हो उसी क्रेशर से ही माल लोडिंग होकर भी आना चाहिए , लेकिन यहां तो नियम के विरुद्ध काम किया जा रहा है ।
खदान खुदा ही नहीं और माइनिंग विभाग ने दे दिया रॉयल्टी पर्ची
यहाँ एक भी खदान नहीं है और माइनिंग विभाग की मेहरबानी से इसको बेहिसाब रॉयल्टी पर्ची दे दिया गया है । वैसे तो अगर रॉयल्टी पर्ची निकालना हो तो माइनिंग के कई सारे नियम-कायदे को मानना पड़ता है , लेकिन माइनिंग विभाग की मेहरबानी से इनको बेहिसाब रॉयल्टी पर्ची दे दिया गया है और खदान खुदा ही नहीं है । आखिर किसके संरक्षण पर माइनिंग विभाग द्वारा रॉयल्टी पर्ची दिया जा रहा है , यह भी एक जांच का विषय है ।
खसरा नंबर 1787 पर है खदान
इस खसरा नंबर को जब मोबाइल के एप्स द्वारा रकबा 0.652(हे०) को देखा गया तो इसमें खदान तो नाम मात्र का सिर्फ एक कुंवा जैसे खोदकर रखे हुए हैं और रॉयल्टी बेहिसाब निकालें है । अब आगे देखते हैं खबर प्रकाशित होने के बाद माइनिंग विभाग जाग जाती है या फिर सारंगढ़-बिलाईगढ़ कलेक्टर इस पर कुछ कार्यवाही करवाते हैं । वैसे तो अभी कुछ ही दिन पहले कलेक्टर के निर्देशन पर माइनिंग विभाग द्वारा चार क्रेशरों को नोटिस देकर 3 दिन में जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है । अब आगे देखते हैं बापोड़िया ग्रामोद्योग का क्या होता है ।