एक भी प्रोजेक्ट का रेरा में पंजीयन नही,
कालोनाईजर एक्ट के तहत कोई भी कालोनाईजर पंजीकृत नही
कृषि भूमि को प्लाट काटकर बेच दे रहे है भू-माफिया?
सारंगढ़,
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला बनने के बाद अवैध प्लाट की बिक्री करने वालो की चांदी हो गई है। कालोनाईजर एक्ट के तहत सारंगढ़ मे एक भी कालोनी को अनुज्ञप्ति नही मिला है वही रेरा में सारंगढ़ का एक भी प्रोजेक्ट पंजीकृत नही है इसके बाद भी धड़ल्ले से अवैध प्लाट की बिक्री हो रही है। कृषि भूमि को भी अवैध रूप से प्लाटिंग करके यहा पर विक्रय कर दिया जा रहा है। राजस्व विभाग के संरक्षण में हो रहा इस अवैध कारोबार पर नगर पालिका और राजस्व विभाग एक दूसरे का मामला बताकर पल्ला झाड़ ले रहे है।
सारंगढ़ कृषि भूमि को प्लाट बनाकर बिना डायवर्सन के ही विक्रय करने के दर्जन भर से अधिक मामले सामने आ गये है किन्तु एक भी अवैध प्लाट विक्रय पर प्रशासन की कार्यवाही नही हुई है जिसके कारण से शासन के निर्देश के धज्जिया उड़ाकर अवैध प्लाट बेचने वाले माफियाओ की चांदी हो गई है। कृषि भूमि को समतल कराकर चूना मार्किग करके अवैध रूप से प्लाटिंग करके भू-माफिया करोड़ो रूपये का वारा-न्यारा कर रहे है और प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है। ऐसा नही है कि नगर पालिका सारंगढ़ और राजस्व विभाग को इस अवैध खेल की जानकारी नही है सम्पूर्ण जानकारी होने के बाद भी कार्यवाही के मामले में नगर पालिका राजस्व विभाग को और राजस्व विभाग नगर पालिका को कार्यवाही के लिये चिट्ठी लिखकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ले रहे है। सारंगढ़ में भू-माफियाओ के बढ़ते हौंसले के बीच अवैध प्लाट की बिक्री दिन दुनी-रात चौगुनी हो रही है। बिना कालोनाईजर एक्ट के पालन किये और बिना डायवर्सन कराये हुए रेरा मे बिना पंजीयन के सारंगढ़ में अब तक 100 से अधिक प्लाटो की बिक्री हो गई है। सारंगढ़ के प्रतापगंज में आर्दश पेट्रोल पंप के बगल मे कृषि भूमि को समतल कर प्लाट बेचने के लिये खुलेआम बोली लगाया जा रहा है वही प्रतापगंज के ही आधा दर्जन से अधिक स्थानो पर हर दिन प्लाटो की सीमांकन का काम राजस्व विभाग कर रहा है तथा उसके कागजात तैयार कर रहा है। ऐसा ही प्रतापगंज के देवांगन मोहल्ले वाले रोड़ में भी हो रहा है। वही कालेज रोड़ सारंगढ़ तथा पचपेड़ी रोड़ के पास भी कृषि भूमि को समतल कर अवैध रूप से प्लाट काटकर बेचा जा रहा है। प्रस्तावित कलेक्टर की भूमि के पास तो बकायदा सरकारी अधिकारियो को दर्जन भर से अधिक प्लाट बेचा गया है जिसे ना तो टाऊन एंड कंट्री की अनुमति मिली है और ना ही रेरा के तहत ये पंजीकृत है। इसी प्रकार से रानीसागर के पास कई गलियो मे हर दिन अवैध रूप से प्लाटो की बिक्री हो रही है किन्तु नगर पालिका और राजस्व विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा हुआ है। इसी प्रकार से सहसपुर और बावाकुटी मे भी अवैध रूप से कृषि भूमि को समतल कर प्लाट का विक्रय किया गया जा रहा है। अवैध प्लाट का सबसे बड़ा बाजार आजकर गदहाभाटा रोड़ तथा आमाकोनी रोड़ भी हो गया है जहा पर कृषि भूमि को ही विक्रय करने मे भू-माफिया सक्रिय है। वही रायगढ़ रोड़ तथा रायपुर रोड़ मे भी नगर पालिका की सीमा पर धड़ल्ले से अवैध प्लाट की बिक्री किया जा रहा है। ऐसे मे जिला बनने के बाद अवैध प्लाटो के कार्यो में प्रशासन के लगाम लगाये जाने की उम्मीद के विपरीत भू-माफियाओ की सारंगढ़ में अभी चांदी हो गई है। इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार सारंगढ़ का एक भी प्रोजेक्ट को रेरा मे पंजीकृत नही किया गया है अर्थात आवासीय तथा व्यावसायिक प्लाटो का विविधत संगठित बिक्री के लिये सारंगढ़ में किसी को भी अनुमति नही दिया गया है। वही कृषि भूमि को बिना डायवर्सन कराये ही धड़ा-धड़े बेचा जा रहा है। इसके साथ ही सारंगढ़ में एक भी कालोनी को रेरा मे पंजीयन नही कराया गया है और ना ही कालोनाईजर एक्ट के तहत कोई कालोनी पंजीकृत है। ऐसे मे लोगो के आंखो में धूल झोंककर सारंगढ़ में अवैध प्लाटो का काला कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है।
राजस्व विभाग के संरक्षण मे चल रहा है खेल?
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार सारंगढ़ जिला बनने के बाद लगभग 100 से अधिक आवासीय और व्यावसायिक प्लाटो का राजिस्ट्री हो गया है। सबसे खास बात यह है कि जब एक भी प्रोजेक्ट को रेरा से मंजूरी नही मिला है तथा कालोनाईजर एक्ट मे एक भी प्रोजेक्ट पंजीकृत नही है तब कैसे यहा पर धड़ल्ले से अवैध रूप से प्लाटो की बिक्री हो रही है। इस संबंध में सालभर पहले नगर पालिका सारंगढ़ के द्वारा दर्जन भर से अधिक अवैध प्लाट बेचने वालो को नोटिस देकर कार्यवाही शुरू किया गया था किन्तु उसके बाद क्या हुआ इस बात की जानकारी नगर पालिका सारंगढ़ खुद नही दे पा रही है। वही प्रतापगंज जैसे पॉश ईलाके में करोड़ो रूपये का वारा न्यारा अवैध प्लाट के कारण से हो रहा है किन्तु प्रशासन कार्यवाही के स्थान पर भू-माफिया को संरक्षण प्रदान कर रहा है।
बहरहाल देखना यह है कि अवैध रूप से बिक्री होने पर प्लाटो और अवैध कालोनियो पर जिला प्रशासन कब कड़ी कार्यवाही करता है तथा भू-माफिया के रूप मे सफेदपोश चेहरो के मुंह से कब नकाब निकालकर अंचल में नियम और कानून का पालन कराने मे सफल होता है। अभी तो भू-माफियाओ के हौंसले बुलंद चल रहे है तथा हर दिन कृषि भूमि को समतल कर चूना मार्किग कर ग्राहको को लुभाने के लिये प्लाट का विजिट करा रहे है।