
सारंगढ़ : ग्वालीनडीह सरपंच मंजूलता का अजजा जाति प्रमाण पत्र निकला “फर्जी”!
अजजा वर्ग का जाति प्रमाण पत्र को लेकर मचा था बवाल?
जाति प्रमाण पत्र को कूटरचना करके बनाया जाना पाया एसडीएम पाली नें,
जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति कोरबा करेगी निर्णय,
सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के ग्राम पंचायत ग्वालिनडीह में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित सरपंच पद पर कथित रूप से फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव जीतने वाली मंजूलता के खिलाफ किया गया शिकायत मे कोरबा जिला के पाली एसडीएम नें जाति प्रमाण पत्र को कूटरचना कर बनाये जाने के शिकायत को प्रमाणित पाया है। मंजूलता के गोंड़ जाति के कथित जाति प्रमाण को निरस्त कर कार्यवाही करने के लिये एसडीएम पाली ने कोरबा के जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति को पत्र लिखा है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार 16 मई को सारंगढ़ विकासखंड़ के ग्राम पंचायत
ग्वालीनडीह के सरपंच मंजूलता के अजजा वर्ग के जाति प्रमाण पत्र के खिलाफ ग्रामवासियों ने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को एक लिखित ज्ञापन सौंपकर जांच और उचित कार्रवाई की मांग की है।ग्रामीणों का आरोप है कि मंजूलता अनुसूचित जनजाति की नहीं हैं। बल्कि वो अनुसूचित जाति से संबंध रखती है, इसके बावजूद भी मंजूलता ने खुद को अनुसूचित जनजाति वर्ग का सदस्य दर्शाकर फर्जी जाति प्रमाण पत्र तैयार करवाया और पंचायत चुनाव में आरक्षित सीट पर चुनाव लड़ी। चुनाव जीतने के बाद अब वे सरपंच पद पर कार्यरत हैं। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया था कि मंजूलता द्वारा प्रस्तुत जाति प्रमाण पत्र की पूरी तरह से जांच की जानी चाहिए, यदि प्रमाण पत्र फर्जी पाया जाता है, तो उन्हें अयोग्य घोषित कर कानूनी कार्रवाई की जाए। ग्रामीणों कहा कहना है कि सरपंच जैसा ज़िम्मेदार पद पर केवल वही लोग आएं जो नियमों के अनुसार योग्य हों। अगर किसी ने फर्जी तरीके से पद हथियाया है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। ग्रामीणो नें मंजूलता द्वारा झूठे एवं फर्जी दस्तावेज के आंधार पर अनुसूचित जनजाति गोंड़ का जाति प्रमाण पत्र खारिज किये जाने एवं दोषी व्यक्ति के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज किये जाने की शिकायत प्रदान किया था जिसके जांच एसडीएम पाली के द्वारा किया गया।
एसडीएम पाली ने बताया कि शिकायत पत्र की प्रति इस कार्यालय को प्रेषित् करते हुए आवेदक दूजराम बंजारे पिता स्व. भजोराम निवासी ग्राम ग्वालिनडीह थाना व तहसील सारंगढ़ जिला सारंगढ़- बिलाईगढ़ (छ.ग.) द्वारा अवगत कराया गया है कि श्रीमती मंजूलता निवासी ग्राम सोढ़, रा.नि.मं.बेरला, तहसील बेरला जिला बेमेतरा (छ.ग.) द्वारा कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर ग्राम केराकछार, तहसील पाली, अनुविभाग पाली, जिला कोरबा (छ.ग.) से अनुसूचित जनजाति वर्ग, जाति गोंड़ का जाति प्रमाण पत्र प्राप्त कर ग्राम पंचायत ग्वालिनडीह, तहसील सारंगढ़, जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ (छ.ग.) में वर्ष 2024-25 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सरपंच पद की उम्मीदवारी की गई है तथा सरपंच पद पर जीत भी हासिल की गई है। उन्होने बताया कि आवेदक द्वारा प्रस्तुत आवेदन में उल्लेखित आवेदन संदर्भ क्र.0704012502002258 (स्थाई जाति प्रमाण पत्र) में ऑनलाईन संलग्न,
दस्तावेजों का मिलान राजस्व अभिलेखों से किए जाने पर यह तथ्य प्राप्त हुआ कि, अनुविभाग पाली, तहसील पाली के ग्राम केराकछार के निवासी रायसिंह द्वारा अपने बच्चों के जाति प्रमाण पत्र हेतु तैयार आवेदन सह दस्तावेजों जिसमें पटवारी प्रतिवेदन, वंशवृक्ष, अधिकार अभिलेख, मिसल एवं अन्य दस्तावेज शामिल हैं
को प्राप्त कर रायसिंह के आवेदन एवं दस्तावेजों में बारीकी से कूटरचना करते हुए ऑनलाईन विशेष मामले आई.डी. का दुरूपयोग करते हुए उक्त आवेदन प्रस्तुत किया गया है। आवेदन संदर्भ क्र.0704012502002258 (स्थाई जाति प्रमाण पत्र) में संलग्न ऑनलाईन उपलब्ध दस्तावेजों की जाँच में यह तथ्य पाया गया कि, अनुविभाग पाली, तहसील पाली के ग्राम केराकछार के निवासी रायसिंह द्वारा अपने बच्चों के जाति प्रमाण पत्र हेतु तैयार आवेदन सह दस्तावेजों जिसमें पटवारी प्रतिवेदन, वंशवृक्ष, अधिकार अभिलेख, मिसल एवं अन्य दस्तावेज शामिल हैं को प्राप्त कर रायसिंह के आवेदन में संलग्न पटवारी द्वारा जारी वंशवृक्ष में बारीकी से कूटरचना करते हुए कंचन सिंह के वारिसान युढ़ऊ, रामसिंह के स्थान पर बुढ़ऊ के वारिस रामसिंह, मकुन्द उर्फ चन्दन एवं विसम्भर पुत्री मंजुलता अवैध रूप से सुधार किया गया है। इसी प्रकार अधिकार अभिलेख में सुधार कर अंतिम पंक्ति में रनमत बाई पि. मकुन्द सिंह साकिन केराकछार के पश्चात् विसम्भर बुढ़ऊ साकिन केराकछार का नाम अवैध तरीके से प्रविष्ट किया गया है। जिसे नियमानुसार खारिज किया जाना उचित है। चूंकि जाति प्रमाण पत्र का निरस्तीकरण का अधिकार जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति को है इसलिये प्रतिवेदन उनको प्रेषित किया गया है।