लाल ईट से बनाया गया था खेल मैदान का दिवाल?
स्तरहीन निमार्ण के बाद भी कोई कार्यवाही नही?
मनरेगा के तहत निमार्ण हुआ था,
पीओ युवराज पटेल के संरक्षण में घटिया निमार्ण जारी?
सारंगढ़,
शासकीय योजनाओ के निमार्ण कार्य में मनमानी की शिकायत जनपद पंचायत सारंगढ में आम बात हो गई है। सारंगढ़ जनपद पंचायत के अर्न्तगत आने वाला ग्राम पंचायत बोईरडीह में मनरेगा के तहत 13 लाख रूपये के लागत से किया गया खेल मैदान का अहाता निमार्ण को निमार्ण एजेंसी ग्राम पंचायत के द्वारा जिस प्रकार से स्तरहीन और गुणवत्ताविहीन बनाया जा रहा था उससे साफ प्रतीत हो रहा था कि जल्द ही यह अहाता भर भराकर गिर सकता है। और हुआ भी ऐसा ही महज 6 माह में ही अहाता का एक बड़ा भाग भरभराकर गिर गया।
इस संबंध में सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार सारंगढ़ जनपद पंचायत अर्न्तगत आने वाला ग्राम पंचायत बोईरडीह में मनरेगा के तहत खेल मैदान का अहाता निमार्ण 13 लाख रूपये की लागत से किया जा रहा था। नागरिक सूचना पटल में दिया गया जानकारी के अनुसार यह कार्य 2 फरवरी 2022 को प्रारंभ किया गया था किन्तु वास्तव में यह निमार्ण कार्य जनवरी माह के प्रथम सप्ताह में ही प्रारंभ कर दिया गया था। वही इस अहाता निमार्ण कार्य में निमार्ण एजेंसी ग्राम पंचायत बोईरडीह के द्वारा लाल ईट का उपयोग किया गया था जबकि शासन के निर्देशानुसार यहा पर फ्लाईऐश ईट का उपयोग करना था वही कालम में छड़ की मात्रा नाम मात्र का डाला गया था जिसके कारण से यह अहाता का निमार्ण स्तरहीन और गुणवत्ताविहीन हुआ था। इस निमार्ण का अवलोकन करने से ही ज्ञात हो रहा था कि यह अहाता बनने के साथ ही जर्जर हो जायेगा और अहाता दिवाल गिर ना जाये। और वही हुआ। फरवरी मे काम शुरू होने के बाद अक्टूबर माह आते-आते ही यह अहाता दिवाल का एक भाग भरभराकर गिर गया।
13 लाख रूपये की लागत से बनाया जाने वाला इस खेल मैदान का अहाता निमार्ण को महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत बनाया गया है तथा इसे 2 फरवरी 2022 को प्रारंभ किया गया था किन्तु इस शासकीय निमार्ण में फ्लाईएश का ईट का उपयोग नही किया गया और लाल ईट से इस अहाता निमार्ण को पूरा किया गया। साथ ही इसमे कालम में नाम मात्र का छड़ डाला गया था जिसके कारण से कम मात्रा मे डाला गया सीमेंट के कारण से बनने के साथ ही यह अहाता जर्जर होकर गिर ना जाये इसका डर सता रहा था और हुआ भी वही। यह अहाता निमार्ण महज 6 माह के अंदर ही भरभरा के गिर गया।
अहाता का निमार्ण स्तरहीन?
इस मामले मे सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार मनरेगा से होने वाले अहाता निमार्ण मे स्तरहीन निमार्ण किया गया है। लाल ईट का प्रयोग तो किया ही जा रहा है साथ ही साथ नाम मात्र का छड़ कालम मे लगाया जा रहा है। प्राक्कलन मे यहा पर 6 छड़ डालना है किन्तु यहा पर कालम में सिर्फ 4 छड़ डाला जा रहा है। वही कांक्रीट भी काफी लचीला बनाया गया है। ऐसे मे बेस कमजोर होने पर महज चंद साल मे ही बोईरडीह का खेल मैदान का अहाता निमार्ण धराशाही होने की आशंका व्यक्त किया गया था और वह सही साबित हुआ। स्तरहीन निमार्ण के कारण से अहाता का गिरना तय था।
बोर खनन से बोर और पंप गायब?
ग्राम पंचायत बोईरडीह में 15वां वित्त से बोर खनन के लिये 70 हजार रूपये की स्वीकृत मिली थी तथा ग्राम पंचायत के द्वारा खेल मैदान मे बोर कराया गया किन्तु इस बोर मे आज तक ना तो पंप डाला गया और ना ही पाईप लगाया गया जिसके कारण से बोर का कोई फायदा खेल प्रेमियो को नही मिल रहा है। बताया जा रहा है कि खेल मैदान मे किया गया इस बोर मे आज तक ग्राम पंचायत बोईरडीह के द्वारा पंप और पाईप नही डाला गया है जिसके कारण से खेल प्रमियो को 70 हजार रूपये की लागत से किया गया बोर का कोई फायदा नही मिलते दिख रहा है।
सारंगढ़ टाईम्स की खबर पर लगी मुहर
11 फरवरी 2022 को सारंगढ़ टाईम्स में ग्राम पंचायत बोईरडीह में खेल मैदान में 13 लाख रूपये के अहाता निमार्ण में गुणवत्ता का ध्यान नही और स्तरहीन निमार्ण को लेकर खबर का प्रकाशन किया गया था किन्तु उसके बाद भी मनरेगा के अधिकारी गहरी नींद में ही सोये रहे जिसका परिणाम यह हुआ कि ग्राम पंचायत के सरपंच ने मनमानी करते हुए इस अहाता का निमार्ण लाल ईट के साथ गुणवत्ताविहीन ढंग से करा दिया जिसके कारण से निमार्ण के महज 6 माह के भीतर ही नवनिर्मित अहाता निमार्ण का एक भाग भर-भराकर गिर गया। अब देखना यह है कि मनरेगा के पीओ युवराज पटेल पूरे मामले में क्या कार्यवाही करते है? निमार्ण एजेंसी ग्राम पंचायत बोईरडीह को गिरा हुआ दिवाल को पुर्ननिमार्ण कर मामले का लीपापोती करने के लिये अवसर प्रदान करते है या निमार्ण एजेंसी के खिलाफ कोई कार्यवाही करते है?