
बरमकेला में कांग्रेस समर्थित “जनपद पंचायत अध्यक्ष” एवं कई बीडीसी का हो सकता है भाजपा प्रवेश?
ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष ने विज्ञप्ति जारी कर लगाया कई आरोप?
रिश्तेदार समिति प्रबंधक पर होने वाली कार्यवाही से बचने भाजपा प्रवेश करने का आरोप?
4 करोड़ से अधिक के केसीसी घोटाला पर कार्यवाही रोकने भाजपा प्रवेश का आरोप?
सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/बरमकेला,
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला में अक्सर चौकाने वाले राजनितिक घटनाक्रम होता है ऐसा फिर एक बार हो रहा है और सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला के प्रमुख ब्लाक बरमकेला के जनपद पंचायत में कांग्रेस समर्थित जनपद अध्यक्ष डां.विद्या चौहान और दर्जन भर बीडीसी कांग्रेस को “टाटा” करके भाजपा में शामिल होने जा रहे है। बताया जा रहा है कि इस मामले की भनक लगने के बाद ब्लाक कांग्रेस कमेटी बरमकेला ने विज्ञप्ति जारी कर जनपद अध्यक्ष पर कई प्रकार के आरोपो की बौझार कर दिया है जिसमे प्रमुख रूप से 4 करोड़ से अधिक राशी के केसीसी बनाने वाले दो रिश्तेदारो को बचाने के लिये भाजपा प्रवेश करने का आरोप बहुत गंभीर है।
दरअसल चार माह पुरानी जनपद पंचायत बरमकेला के ग्रामीण सरकार मे कांग्रेस
समर्थित जनपद सदस्यो ने बहुमत के आधार पर अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर कब्जा जमाया था। किन्तु महज चार माह में ही जनपद अध्यक्ष डां.विद्या चौहान और जनपद सदस्यो का कांग्रेस से मोह भंग हो गया तथा शीघ्र ही इस टीम के भाजपा में जाने की अटकले लगाये जाने लगी। वही इस राजनितिक घटनाक्रम के बीच ब्लाक कांग्रेस कमेटी बरमकेला के द्वारा जारी विज्ञप्ति में राजनितिक उठापटक की तस्वीर लगभग साफ हो गई है। सारंगढ़ विधानसभा और रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अर्न्तगत आने वाला बरमकेला जनपद पंचायत पंचायत मे विराजमान जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती विद्या चौहान अपने 12 बीडीसी के साथ भाजपा प्रवेश करने वाली है। वही इस बदलते घटनाक्रम के बीच कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया है कि जनपद पंचायत के अध्यक्ष अपने रिश्तेदारो को 4 करोड़ रूपये के केसीसी घोटाले में बचाना चाह रहे है इसी कारण से कांग्रेस को छोड़कर भाजपा प्रवेश करने वाले है। जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि बड़े नावापारा समिति के समिति प्रबंधक के तौर पर कीर्तिचन्द चौहान कार्यरत है जो कि जनपद पंचायत अध्यक्ष के जेठ लगते है वही कंठीपाली समिति में मनोज चौहान प्रबंधक के तौर पर कार्यरत है। कांग्रेस की विज्ञप्ति में आरोप लगाया गया है कि बड़े नावापारा समिति में 3.95 लाख रूपये के फर्जी केसीसी का मामला सामने आया था वही कंठीपाली मे भी 25 लाख रूपये का फर्जी केसीसी बनाये जाने का मामला प्रकाश में आया था। आरोप है कि अपने रिश्तेदारो को बचाने के लिये जनपद पंचायत अध्यक्ष डां.विद्या चौहान भाजपा प्रवेश कर रही है।
क्या है ब्लाक कांग्रेस के आरोप?
ब्लाक कांग्रेस कमेटी बरमकेला के द्वारा जारी विज्ञप्ति में लिखा है कि हमारे बरमकेला जनपद मे पिछले 3-4 महिने से कांग्रेस के कार्यकर्ता एवं जनप्रतिनिधि लगातार भाजपा प्रवेश कर रहे हैं। जिससे हमारे पार्टी की छबी भी धूमिल हो रही है परन्तु इसके पिछे के कारणों को भी यदि ध्यान से सोचें और समझें तो पता चलता है कि जो सत्ता लोलुप हैं या जिनकी कोई न कोई भ्रष्टाचार का मामला है वहीं लोग सरकार का लाभ लेने के लिये प्रवेश कर रहे हैं। आप देखेंगे ज्यादातर लोग ठेकेदारी का काम करते हैं जिसमें उज्जवल मिली ,रोहित वर्मा, घनश्याम इजारदार का नाम भी शामिल है। लेकिन हाल ही में जो जनपद पंचायत अध्यक्ष डॉ विद्या किशोर चौहान ने प्रवेश किया है उसके पिछे का प्रमुख दो कारण माना
जा रहा है , पहला यह कि उनके दो जेठ कीर्तिचन्द चौहान एवं मनोज चौहान समिति प्रबंधक बड़े नावापारा एवं कंठीपाली में कार्यरत हैं।
जिनके द्वारा बड़े नावापारा समिति के किसानों के नाम पर फर्जी के सी सी बनाकर 3 करोड़ 95 लाख एवं कंठीपाली समिति के किसानों के नाम पर 25 लाख का फर्जी के सी सी बनाकर पैसे का गबन किया गया है जिसके संबंध में 24 मार्च के समाचार पत्र में प्रकाशित हुई थी। दुसरा कारण यह है कि हमारे अध्यक्ष निर्वाचन के पश्चात 2 जनपद सदस्य का भाजपा पक्ष में चले जाने के कारण 15 वें वित्त की राशि एवं गौण खनिज की राशि में कांग्रेसी सदस्यों को हिस्सा नहीं देने के निर्णय भाजपा सदस्यों द्वारा लेने के भय से पैसा नहीं मिलने से भयभीत होकर भाजपा प्रवेश किया गया है। जब पार्टी बदलना ही है तो कुछ न कुछ आरोप लगाया जाय कहकर विभिन्न प्रकार के बहाने बनाते हुए आरोप लगाया जा रहा है ।
पार्टी के सदस्य सब मिलकर जिसके लिये 22 दिन तक अज्ञातवास काटकर अध्यक्ष बनाये जो जगन्नाथ मंदिर में कल्पवृक्ष के नीचे बैठकर गीता पे हाथ रखकर कसम खाई थी की मैं कांग्रेस पार्टी को 5 साल तक नहीं छोड़ुगी और संगठन के साथ रहकर सभी सदस्यों को साथ लेकर चलुंगी वह महज 4 महिनें में पार्टी छोड़ दी उसका क्या भरोसा । कांग्रेस पार्टी की छबी धुमिल करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है यह प्रवेश केवल और केवल निज स्वार्थ और भ्रष्टाचार से बचने के लिये ही किया गया है। क्योंकि सर्वविदित है कि कितना भी भ्रष्टाचार कर लो और भाजपा प्रवेश कर लिये तो सब पाप धूल जाते हैं भाजपा को आजकल लोग भ्रष्टाचारियों का वाशिंग मशीन कहने लगे हैं।
कांग्रेस संगठन पर उपेक्षा का आरोप?
बरमकेला ब्लॉक में कांग्रेस की जड़ें अब हिलती नजर आ रही हैं। स्थानीय नेतृत्व की अनदेखी और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा से नाराज कांग्रेसजन अब पार्टी छोड़कर भाजपा की ओर रुख कर रहे हैं। जो कभी कांग्रेस का मजबूत गढ़ था, वहां अब "डूबती नैया" की चर्चा आम हो गई है। सूत्रों की मानें तो बरमकेला ब्लॉक में कांग्रेस के कई वरिष्ठ व सक्रिय कार्यकर्ता स्थानीय नेतृत्व की निरंकुशता और पक्षपातपूर्ण रवैये से तंग आ चुके हैं। उनका कहना है कि ब्लॉक के प्रमुख नेता संवादहीनता, मनमानी और गुटबाज़ी की राजनीति कर रहे हैं,
जिससे पार्टी की साख और शक्ति दोनों प्रभावित हो रही है। कई कांग्रेस समर्थक खुलेआम मंचों और बैठकों में अब यह कहने लगे हैं कि यदि पार्टी को बरमकेला में बचाना है, तो मौजूदा नेतृत्व को तुरंत बदलना होगा। उनका कहना है कि अब भी समय है, वरना पार्टी को यहां पूरी तरह से जमीन से उठने में वर्षों लग जाएंगे। इधर, भाजपा ने इस मौके को सुनहरे अवसर की तरह लिया है। कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं और कार्यकर्ताओं को सम्मान व अवसर देकर अपने पाले में लाने में भाजपा लगातार सफल हो रही है। हाल के दिनों में कई प्रमुख कांग्रेस कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हुए हैं,
जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि बरमकेला में कांग्रेस की स्थिति गंभीर है। नेतृत्व पर सवाल, कार्यकर्ता बोले – "अब नहीं तो कभी नहीं" कार्यकर्ताओं का आरोप है कि ब्लॉक स्तर पर कांग्रेस का संचालन पूरी तरह दिशाहीन हो चुका है। जमीनी मुद्दों की अनदेखी, गुटबाजी, और वरिष्ठ नेताओं से संवादहीनता ने कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा दिया है। बरमकेला कांग्रेस अब डूबती नाव जैसी हो चुकी है, जिसे बचाने के लिए सही खिवैया चाहिए," — एक वरिष्ठ कांग्रेसी कार्यकर्ता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा।
असंतोष की इस लहर का सीधा लाभ भाजपा को मिल रहा है। हाल ही में कांग्रेस के कई पुराने कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हुए, जिनका कहना है कि भाजपा उन्हें सम्मान और सक्रिय भूमिका देने को तैयार है, जबकि कांग्रेस में उन्हें केवल "भीड़" समझा गया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि कांग्रेस ने समय रहते बरमकेला ब्लॉक के संगठन में नेतृत्व परिवर्तन नहीं किया, तो आने वाले चुनावों में पार्टी को यहाँ भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।