
सुशासन तिहार में सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिलावासी प्रतीक्षा कर रहे है मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का!
अधिकांश जिला में समाधान शिविर मे आ चुके है सीएम साय,
लेकिन अभी तक सारंगढ़ नही आये,
5 मई से 31 मई तक है सुशासन तिहार का समाधान शिविर
सारंगढ़ में लेन्ध्रा, छिंद और भड़ीसार में होना है समाधान शिविर,
सारंगढ़ जिला मुख्यालय में 29 मई को होगा नगर पालिका का समाधान शिविर
सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
छत्तीसगढ़ शासन का सुशासन तिहार के तहत आयोजित हो रहे समाधान शिविर में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का उड़नखटोला अधिकांश जिला में उतर चुका है और उन जिलो के कामकाज की समीक्षा भी हो गई है किन्तु अभी तक उनका उड़नखटोला सारंगढ़ नही आया है। प्रशासन भी बैचेनी के साथ मुख्यमंत्री के आगमन की प्रतिक्षा कर रहा है। हर सप्ताह मुख्यमंत्री के आगमन की हवा उड़ती है और अफसर चौकन्ने हो जाते है किन्तु सीएम साहब का उड़नखटोला सारंगढ़- बिलाईगढ़ से अभी तक दूरी बनाये हुआ है। आज से शुरू होने वाला सप्ताह सुशासन तिहार के समाधान शिविर का अंतिम सप्ताह है। ऐसे मे उम्मीद है कि सीएम सारंगढ़ अब किसी भी दिन सारंगढ़ पधार सकते है।
नया जिला मे लोगो के बीच पहुंचकर प्रदेश सरकार के योजनाओ की हकीकत को नजदीक से जानने का सबसे बढ़िया अवसर सुशासन तिहार के तहत आयोजित हो रहे समाधान
शिविर है। जहा पर ग्रामीणजन बेबाकी के साथ आवेदन निवेदन के साथ अपनी बात रख रहे है। ऐसे में सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला जिसे समस्याओ का गढ़ माना जाता है वहा पर के निवासी भी अपने लाड़ले मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के आगमन की प्रतिक्षा कर रहे है। सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला बने 32 माह से अधिक चुके है लेकिन अभी तक नया जिला का प्रशासन पटरी पर नही आया है। शासकीय कार्यालयो मे अभी भी महत्वपूर्ण विभाग नही खुले है। और प्रशासन को अभी भी सेट होने में समय लग रहा है। ऐसे मे अवसरवादियो की चांदी हो गई है और नया जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ छोटा और विकसित जिला होने के सपने के स्थान पर समस्याग्रस्त जिला के रूप मे अपनी पहचान बना लिया है। अभी भी सारंगढ़-बिलाईगढ जिला के कई विभागो में वर्षो से पदस्थ विवादित अधिकारी अपना कब्जा जमाये हुए है। वही कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार लगातार यहा पर बढ़ते जा रहा है।
सरकारी योजनाओ के अमलीजामा के नाम पर अवैध उगाही लगातार बढ़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रो के पंचायतो में विकास के नाम बड़ा कमीशनखोरी का खेल यहा पर जमकर खेला जा रहा है। छोटा जिला होने के बाद उम्मीद थी कि प्रशसनीक पकड़ मजबूत होगी तथा लापरवाह अधिकारियो की खैर नही होगी। किन्तु ऐसा नही हुआ और वर्षो से पदस्थ घाघ अधिकारी आज भी सरकारी योजना के नाम पर हितग्राहियो को नोचने मे लगे है। बात धान माफिया की किया जाये या वर्षो से पदस्थ खाखी वर्दी के चेहरो का किया जाये सुशासन के नाम पर मनमानी करने पर उतारू हो गये है। नगर पालिका सारंगढ़ की तो बात ही निराली हो गई है यहा पर बुनियादी सुविधा देने मे नगर पालिका असक्षम साबित हुई है प्रकाश व्यवस्था, नाली सफाई व्यवस्था और पानी आपूर्ति जैसे सुविधा प्रदान करने मे नगर पालिका असफल साबित हुई है।
अधिकारियो के बीच जिला प्रशासन का दबाव नही दिख रहा है। राजस्व के भी कार्यो को लेकर मनमानी उगाही की शिकायते सामने आ रही है। पीएम आवास योजना, जल-जीवन मिशन योजना, रोजगार गारंटी योजना, खाद्य सुरक्षा कानून योजना आदि कमाई का साधन बन गये है। जिला प्रशासन का जनर्दशन और आनलाईन शिकायत भी सिर्फ औपचारिकता भर रह गया है यहा पर अधिकांश आवेदन/शिकायत का जांच उसी अधिकारी को दिया जाता है जिसके खिलाफ आरोप लगा हो। ऐसे में सारंगढ़ के मैदानी हालत से मुख्यमंत्री श्री साय को अवगत कराना अति आवश्यक है। इस कारण से सारंगढ़वासी ब्रेसब्री से अपने लाड़ले मुख्यमंत्री श्री साय का इंतजार कर रही है ताकि वास्तविक समस्याओ से उनको अवगत कराया जा सकें।
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