
सुशासन तिहार में आवेदन का मज़ाक – CMO ने दिए भ्रामक और गलत जवाब देते हुए आवेदन को किया निराकृत।
जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़, नगर पंचायत बिलाईगढ़: छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाए जा रहे सुशासन तिहार के तहत जनता की समस्याओं के समाधान के उद्देश्य से किए गए आवेदन अब सवालों के घेरे में हैं। वार्ड वासियों और समाज सेवक अरुण ग्रेवाल द्वारा दी गई जनहित से जुड़ी समस्याओं पर नगर पंचायत बिलाईगढ़ सीएमओ की ओर से की गई कार्यवाही एवं जवाब न केवल निराशाजनक हैं, बल्कि हकीकत से कोसों दूर प्रतीत होते हैं।
1. सरकारी बोरिंग पर गुमराह करने वाला जवाब:
जहाँ सरकारी बोरिंग खुद चुका है और उसमें बोरिंग या बोर मशीन लगाने के लिए आवेदन किया गया था, जिसे सीएमओ ने “सूखा घोषित” करते हुए आवेदन को निराकृत कर दिया। जबकि वास्तविकता यह है कि नवीन खुदाई किए स्थल में आज तक न बोर लगा है और न ही बोरिंग । इस भीषण गर्मी में मुहल्लेवासी निस्तारी के लिए पानी की समस्या से जूझ रहे रहे है जहां मशीन लगाने से स्थानीय जनता को जल संकट से निजात मिल सकता है।
2. स्ट्रीट लाइट की समस्या पर झूठी और मनगढ़त जानकारी:
वार्ड 10 सारथीपारा स्कूल पीछे से तालाब जाने वाली रास्ता में 3 वर्ष पूर्व लगे खाली खंभा में स्ट्रीट लाइट लगाने आवेदन किया था जिस पर मु. न. पा. अधिकारी के द्वारा यह जवाब देते हुए आवेदन को निराकृत कर दिया गया कि आपके द्वारा सुशासन तिहार 2025 अंतर्गत ईपीएफ के संबंध में आवेदन प्रस्तुत किया गया है । प्लेसमेंट कर्मचारी ठेका पद्धति से नगर पंचायत कार्यालय में कार्य करते है । इस संबंध में पूर्ण जानकारी ठेकेदार से प्राप्त की जा सकती है। सूचनार्थ प्रेषित । सीएमओ के द्वारा इस तरह की कार्यवाही घोर लापरवाही और स्वेच्छाचारिता को प्रदर्शित करता है साथ ही शासन की महत्वकांक्षी सुशासन तिहार में समस्याओं की अनदेखी का प्रतीक है।
3. तालाब की सफाई एवं पचरी मरम्मत को ‘अनुपयोगी’ बताया गया:
नगर का प्रमुख तालाब, बंबुरहा तालाब सारथीपारा पचरी जहाँ स्थानीय नगरवासी नहाने-धोने और अन्य निस्तारी कार्य करते हैं, उसकी पचरी मरम्मत के लिए आवेदन किया गया था। लेकिन CMO ने इस मांग को यह कहकर खारिज कर दिया कि “यह उपयोगी नहीं है”। यह जवाब सीएमओ की निष्क्रियता और आम नागरिकों की जीवन शैली और ज़रूरतों की कमी को दर्शाता है।
(4) सुशासन तिहार में अधिकारी रहे नदारद
कार्यालय नगर पंचायत प्रांगण बिलाईगढ़ में सुशासन तिहार 2025 अंतर्गत दिनांक 8/4/25 से 11/4 /25 तक विभिन्न समस्याओं का आवेदन प्राप्त करने हेतु शिविर लगाया गया था। जहां सिर्फ दो महिला प्लेसमेंट कर्मचारियों के भरोसे छोड़ दिया गया था उक्त अवधि में ना नोडल अधिकारी आए और ना ही सीएमओ साहब झांकने गए। अधिकारियों के अनुपस्थिति का नजारा कार्यालय में लगे सीसीटीवी फुटेज से स्पष्ट देखी जा सकती है।
तत् संबंध में सुशासन तिहार नोडल अधिकारी को कार्यवाही हेतु आवेदन दिया गया था जिसका आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुआ और न ही प्रस्तुत किए आवेदन का जवाब देना जरूरी समझा जो जांच का विषय है।
(5) इसी तरह सुशासन तिहार अंतर्गत, नगर पंचायत बिलाईगढ़ को
3 से 8 अप्रेल तक के अवधि में सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त आवेदनों की जानकारी समय सीमा के भीतर देने का अनुरोध किया था किंतु प्रभारी नोडल अधिकारियों ने आवेदन पर कोई कार्यवाही नहीं किया और न ही कोई जवाब प्रस्तुत किया। जिम्मेदार अधिकारियों का इस प्रकार का कृत्य अपने दायित्वों के प्रति उदासीनता, स्वेच्छाचारिता और घोर लापरवाही को प्रदर्शित करता है।
जनता में आक्रोश:
इन गैर-जिम्मेदाराना और तथ्यहीन जवाबों से स्थानीय नागरिकों में भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि अगर सुशासन तिहार का यही स्वरूप है, जहाँ समस्याएं अनसुनी और गलत जवाब देकर टाल दी जाती हैं, तो इसका उद्देश्य ही सवालों के घेरे में है।
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