मां अम्बे डेवलेपर्स ने गलत जानकारी देकर हासिल किया विकास अनुज्ञा?
प्लान के नक्शे मे बताया 12.92 मीटर चौड़ी सड़क?
जबकि वास्तविक में है महज 4 मीटर सड़क,
नगर पालिका सारंगढ़ ने गलत जानकारी को किया प्रमाणित,
शासकीय भूमि के अवैध अतिक्रमण और फर्जी जानकारी देने के बाद भी कार्यवाही पर सवाल?
सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
सारंगढ़ नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 2 मे स्थित मदर टेरसा कालोनी मे सिंचाई विभाग की जमीन को पाटकर जबरन रास्ता बनाने वाले कालोनाईजर मां अम्बे डेवलेपर्स ने कालोनी विकास अनुज्ञा के लिये दिये आवेदन मे ही गलत जानकारी शासन को दिया। अपने आवेदन मे इस डेवलेपर्स ने 12.92 मीटर चौड़ी सड़क दर्शाया है जबकि वास्तविक में महज 4 मीटर की चौड़ी सड़क यहा पर स्थित है। वही अपने
आवेदन को सही बताने के लिये ही मां अंबे डेवलेपर्स के पार्टनरो के द्वारा शासकीय नहर को पाटकर इसे 42 फीट चौड़ा सड़क बना दिया है। हैरानी की बात यह है कि इस कार्य के लिये कालोनाईजर के द्वारा कलेक्टोरेट के लिये आबंटित जमीन को भी नही छोड़ा और शासकीय भूमि पर भी अवैध कब्जा कर लिया है। गलत जानकारी देकर हासिल किये कालोनी विकास अनुज्ञा को अभी तक प्रशासन के द्वारा निरस्त नही करने से अवैध प्लाटिंग करने वालो के हौंसले बुलंद है।
इस संबंध मे मिली जानकारी के अनुसार सारंगढ़ के पटवारी हल्का नंबर 28 में खसरा नंबर 15055,15055/1,127/3, 127/1 ख,128/3,143/1 की भूमि रकबा 98920 वर्गफीट यानि 2 एकड़ से अधिक स्थित है। यह भूमि मां अंबे डेवलेपर्स के संजय भूषण पांड़े, नरेश केजड़ीवाल, विनोद अग्रवाल, पुरषोत्तम अग्रवाल, राजेश केजड़ीवाल, महेन्द्र केजड़ीवाल, सुनील केजड़ीवाल के नाम पर है। इन्होने इस भूमि पर कालोनी विकसित करने के लिये अनुज्ञा के लिये आवेदन एडीएम कार्यालय मे आनलाईन लगाया है। जिसमे कुल दो कालोनी मां अंबे डेवलेपर्स फेस-1 तथा मां अम्बे डेवलेपर्स फेस-2 है। मां अंबे डेवलेपर्स के द्वारा कालोनी विकास अनुज्ञा प्राप्त करने के
लिये जो आवेदन प्रस्तुत किया गया है उसमे गलत जानकारी देने का मामला प्रकाश में आया है। सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार कालोनी विकास अनुज्ञा आवेदन मे आवेदको ने यहा पर 12.92 मीटर चौड़ी सड़क की जानकारी देकर कालोनी विकास अनुज्ञा प्राप्त किया है जबकि वास्तविक मे यहा पर महज 4 मीटर चौड़ी सड़क है। अर्थात महज 13 फीट चौड़ी सड़क को अपने आवेदन मे 43 मीटर चौड़ी सड़क बताकर विकास अनुज्ञा हासिल किया है। अब अपने जानकारी को सही बताने के लिये मां अंबे डेवलेपर्स के पार्टनरो के द्वारा शासकीय नहर को पाट कर उसे समलत कर आम रास्ता बना दिया वही इसके साथ ही इससे लगे शासकीय भूमि कलेक्टोरेट सारंगढ़ के कंपोजिट बिल्डिंग की भूमि पर भी अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। किन्तु आज तक इस कालोनाईजर पर कार्यवाही नही हुई है।
गलत जानकारी देकर हासिल किया विकास अनुज्ञा?
इस संबंध मे सूत्रो से प्राप्त जानकारी के अनुसार मां अंबे डेवलेपर्स के पार्टनर संजय भूषण पांड़े के द्वारा कालोनी विकास अनुज्ञा के लिये निर्धारित प्रपत्र में प्रस्तुत आवेदन के अनुसार इस प्रस्तावित कालोनी के लिये सड़क की चौड़ाई 12.92 मीटर यानि 43 फीट चौड़ी सड़क बताई है। नगर पालिका सारंगढ़ के अधीन आने वाले इस क्षेत्र मे नगर पालिका सारंगढ़ के सीएमओ राजेश पांड़े ने इस कालोनी विकास के अनुज्ञा के लिये दिये एनओसी को जांच करना तक उचित नही समझा और आंख मूंद कर मां अंबे डेवलेपर्स के पार्टनर के द्वारा दिये आवेदन को सही बताकर कालोनी विकास अनुज्ञा के लिये फारर्वड़ कर दिया। मामले मे सरकारी नहर को पाटकर 12 फीट चौड़ी सड़क को 43 फीट चौड़ी करने का मामला सामने आया तो पूरा मामला खुलकर सामने आ गया। गलत जानकारी देकर कालोनी विकास अनुज्ञा हासिल करने वाले मां अंबे डेवलेपर्स के इस अनुज्ञा के निरस्त होने तथा पार्टनरो के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की कड़ी कार्यवाही से भू-माफियाओ को फर्जीवाड़ा पर यहा विराम लग सकता है।
कब होगी भू-माफियाओ पर कार्यवाही?
सारंगढ़ के इस चर्चित कालोनी विकास अनुज्ञा मे मामले मे अब यह बात पूरी तरह से साफ हो चुकी है कि 12 फीट चौड़ी सड़क को कागजो पर 43 फीट चौड़ी बताने के लिये ही शासकीय नहर और कलेक्टोरेट के लिये आबंटित भूमि पर भू-माफियाओ ने अवैध कब्जा किया है। किन्तु प्रशासन आखिर इस मां अंबे डेवलेपर्स को दिये अनुज्ञा तथा अवैध अतिक्रमण के मामले मे क्यों कार्यवाही नही कर रही है? यह समझ से परें है। देखना यह है कि शासन के द्वारा दिया गया कालोनी विकास अनुज्ञा को राजस्व विभाग कब निरस्त करता है।
प्रस्तावित कलेक्टोरेट की जमीन पर भू-माफियाओ की गिद्ध दृष्टि?
बताया जा रहा है कि सारंगढ़ नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 2 में कलेक्टोरेट कंपोजिट बिल्डिंग सारंगढ़ के नाम पर दर्ज भूमि खसरा नंबर खसरा नंबर 109/1,109/2, 109/3,114/2, 120, 121, 122/1,122/2, 123, 124/1,124/2, 131 शामिल नं. 143/2, 132, 133 कुल खसरा नंबर 14 तथा कुल रकबा 5.878 हेक्टेयर यानि लगभग 14 एकड़ भूमि है। इस भूमि के लगभग 15 फीट से अधिक चौड़ाई की शासकीय भूमि तथा जलसंसाधन विभाग के सरकारी नहर खसरा नंबर 133/2 को पाटकर मां अंबे डेवलपर्स सारंगढ़ के द्वारा आम रास्ता बना दिया गया है। इसके लिये नगर पालिका और सिंचाई विभाग और राजस्व विभाग से कोई अनुमति नही लिया गया है। इस बहुमूल्य भूमि पर भू-माफियाओ की गिद्ध दृष्टि लगी हुई है। तथा ऐन-केन प्रकरण इसकी भूमि पर अवैध रूप से कब्जा करना चाहते है। नया जिला बना सारंगढ में प्रस्तावित कलेक्टोरेट की सरकारी भूमि पर जब भू-माफिया नजर डाल सकते है तो बाकि सरकारी भूमि की बात करना बेमानी है।