जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़

सारंगढ़ अंचल में बिजली की आंख-मिचौली से आम जनता त्रस्त? मेटनेंस के नाम पर हर दिन हो रही है घंटो की कटौती, दिन भर चलता है अवैध कटौती का बड़ा खेल?

सारंगढ़ अंचल में बिजली की आंख-मिचौली से आम जनता त्रस्त? मेटनेंस के नाम पर हर दिन हो रही है घंटो की कटौती, दिन भर चलता है अवैध कटौती का बड़ा खेल?

सारंगढ़ अंचल में बिजली की आंख-मिचौली से आम जनता त्रस्त?
मेटनेंस के नाम पर हर दिन हो रही है घंटो की कटौती,
दिन भर चलता है अवैध कटौती का बड़ा खेल?

कभी डगाल काटने तो कभी तकनिकी खराबी से पब्लिक परेशान?
किसानो को बिजली के लिये खून के आंसू रूला रहा विभाग,
त्यौहारी सीजन मे बंपर बिजली कटौती से लोग हलाकान?
जिला बनने के बाद भी मनमानी रवैया जारी?

सारंगढ़,
सारंगढ़ जिला मुख्यालय में बिजली विभाग की बदहाल व्यवस्था से आम जनता त्रस्त हो गई है। हर दिन हो रही वैध-अवैध बिजली कटौती से मध्यप्रदेश के समय का दौर वापस आते दिख रहा है जहा घंटो कटौती होती थी। बिजली की इस अवैध कटौती के खिलाफ नेताओ के मुंह से एक शब्द तक नही निकल रहा है। सरकारी अधिकारी डिजीटल जनरेटर से अपना एसी शुरू कर आराम फरमा रहे है ऐसे में सारंगढ़ अंचल में बिजली विभाग के खिलाफ बढ़ रहा आक्रोश किसी दिन बड़ा स्वरूप ना ले ले।

अलसुबह 5 बजे हो या देर रात 12 बजे हो सारंगढ़ अंचल में बिजली की घंटो कटौती का कोई मां-बाप नही है। कभी भी तथा किसी भी समय बिजली की कटौती यहा पर किया जा रहा है। कभी मेंटनेंस के नाम पर कटौती किया जा रहा है तो कभी रायगढ़ 220 केव्ही
में खराबी आने का कारण बताकर घंटो की कटौती हो रही है तो कभी फाल्ट रूपी समस्या सामने बताया जा रहा है तो कभी डंगाल और पेड़ो के तने छटाई करने के नाम पर कटौती किया जा रहा है यानि ऐन-केन प्रकरण किसी भी प्रकार से एक दिन मे 6 से 8 घंटे की कटौती का आयोजन सारंगढ़ जिला मुख्यालय में धड़ल्ले से हो रहा है। इस अवैध और अनियंत्रित कटौती से आम जन-जीवन बदहाल हो गया है और लोग हलाकान हो गये है। अक्टूबर माह में भी सुबह लोगो को उमस भरी गर्मी से राहत नही मिल रही है अल-सुबह और देर शाम को अब हल्की ठंड़ी का अहसास हो रहा है किन्तु घंटो की कटौती से लोग बेहाल हो गये है। बिजली पर निर्भर रहने वाले छोटे दुकानदार बिजली विभाग को कोसने के अलावा और कुछ कर नही पा रहे है। लेथवर्क और लगभग मरम्मत के छोटे मोटे सभी दुकान आजकल मशीनी पर निर्भर हो गये है

और सारंगढ़ का बिजली विभाग इन्हे बोहनी तक करने से रोक रहा है। गत सप्ताह सुबह 5 बजे से 10 बजे तक की अचानक कटौती हुई जिसमें रायगढ़, सारंगढ़, सक्ती जिला पूर्ण रूप ब्लैक आऊट रही है। रायगढ़ और सक्ती जिला मे एसएमएस से जानकारी दे दिया गया किन्तु सारंगढ़ जिला के बिजली के उपभोक्ताओ को कोई जानकारी नही दिया गया। सुबह से लाईट बंद रहने के कारण से पानी की भी समस्या सामने खड़ी हो गई। आज भी टाऊन-1 में कई घंटे की विघुत कटौती सारंगढ़ शहर मे रही वही प्रतापगंज और रानीसागर में दो दिन से नया लाईन बिछाया जा रहा है उसके लिये सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक की कटौती किया जा रहा है। ऐसे मे सारंगढ़ टाऊन क्षेत्र में बदहाली की ओर बिजली व्यवस्था है। जिला मुख्यालय बना सारंगढ़ टाऊन में यह स्थिति है तो ग्रामीण वनांचल क्षेत्र में स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।

पानी के लिये मारामारी के बीच बिजली बदहाल?

ग्रामीण क्षेत्र मे भी अपनी फसलो को लेकर ग्रामीण चितिंत है। कई गांवो में धान की फसल को एक पानी की आवश्यकता पड़ रही है और बोर से यह पानी की आपूर्ति हो रही है किन्तु बिजली आपूर्ति की बदहाली के कारण से बोर भी नही चल पा रहे है। कई गांवो में कम वाल्टेज की बड़ी समस्या भी सामने आ रही है जहा पर बोर शुरू ही नही हो पा रहा है। ऐसे में पानी की बड़ी दिक्कत के बीच सारंगढ़ अंचल के किसान बिजली विभाग को सिवाये कोसने के और कुछ नही कर पा रहे है। बिजली के अघोषित कटौती त्यौहारी सीजन मे गांवो मे सर-चढ़कर बोल रहा था तथा जब भी मन लगे गांवो में बिजली की कटौती मनमानी तरीके से किया जा रहा है। ऐसे में
सारंगढ़ अंचल में बिजली की बदहाल व्यवस्था लोगो को हलाकान करके रख दिया है।

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