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2 लाख कलेक्टर, 2 लाख SDM और 5 लाख मेरा, तभी करने देंगे काम’, रेत माफिया और विधायक के बीच पैसों की डील मचा हड़कंप…

2 लाख कलेक्टर, 2 लाख SDM और 5 लाख मेरा, तभी करने देंगे काम’, रेत माफिया और विधायक के बीच पैसों की डील मचा हड़कंप...

2 लाख कलेक्टर, 2 लाख SDM और 5 लाख मेरा, तभी करने देंगे काम’, रेत माफिया और विधायक के बीच पैसों की डील मचा हड़कंप…

जांजगीर-चांपा। पामगढ़ की कांग्रेस विधायक शेषराज हरबंश का एक कथित ऑडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। इस ऑडियो में विधायक को कथित तौर पर रेत माफिया से पैसों की डील करते हुए सुना जा रहा है। बातचीत में न सिर्फ अफसरों को “सेट” करने की चर्चा है बल्कि मासिक रकम तय करने तक की बातें कही गई हैं।

अफसरों को पैसे देकर “सेट” करने का दावा

वायरल ऑडियो में विधायक शेषराज हरबंश कथित रूप से कहती हैं- “2 लाख कलेक्टर को, 2 लाख SDM को और 5 लाख मेरा… तभी काम करने देंगे।” यानी, कुल 9 लाख रुपये के मासिक भुगतान की चर्चा की गई। इसमें 5 लाख विधायक के हिस्से का और शेष राशि अधिकारियों के लिए बताए जाने का दावा है।

रेत कारोबार को लेकर डील

बातचीत में पामगढ़ क्षेत्र की महानदी से अवैध रेत खनन का जिक्र है। कथित ऑडियो में विधायक और रोशन नाम के एक व्यक्ति के बीच संवाद हो रहा है, जिसमें रेत खनन से जुड़े सौदे और रकम पर सहमति बनती सुनाई देती है। यह भी सामने आया है कि राधेन्द्र नाम के एक अन्य व्यक्ति को एक लाख रुपये देने की बात विधायक की ओर से रखी गई।

हर माह 10 लाख रुपये तक का सौदा

ऑडियो में पूरे सौदे का आंकड़ा 10 लाख रुपये प्रतिमाह तक बताया जा रहा है। इसमें माफियाओं से नियमित रूप से रकम लेने और बंटवारे की बात कही गई है। हालांकि इस ऑडियो की पुष्टि नहीं हुई है और न ही प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने आया है।

प्रेस वार्ता में देंगी सफाई

इस विवाद ने कांग्रेस को असहज स्थिति में ला दिया है। विपक्ष इसे बड़ा मुद्दा बनाते हुए कांग्रेस पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगा रहा है। वहीं, विधायक शेषराज हरबंश ने मामले पर सफाई देने के लिए आज दोपहर 3 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। माना जा रहा है कि वे ऑडियो पर अपनी प्रतिक्रिया देंगी और इसे लेकर पक्ष स्पष्ट करेंगी।

इस ऑडियो के वायरल होते ही पामगढ़ से लेकर पूरे प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है। कांग्रेस के लिए यह मामला मुश्किलें खड़ा कर सकता है, जबकि भाजपा और अन्य विपक्षी दलों को सरकार और विधायकों पर हमला बोलने का नया मौका मिल गया है।

 

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