जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़

सारंगढ़ के सरकारी अस्पताल में ओपीडी : सुबह खुलती है लेकिन शाम को बंद ! बीएमओ सम्हाल नही पा रहे है सरकारी अस्पताल की व्यवस्था,

सारंगढ़ के सरकारी अस्पताल में ओपीडी : सुबह खुलती है लेकिन शाम को बंद ! बीएमओ सम्हाल नही पा रहे है सरकारी अस्पताल की व्यवस्था,

सारंगढ़ के सरकारी अस्पताल में ओपीडी : सुबह
खुलती है लेकिन शाम को बंद !
बीएमओ सम्हाल नही पा रहे है सरकारी
अस्पताल की व्यवस्था,

 

19 डाक्टरो होने के बाद भी शाम को ओपीडी
बंद?
जिला प्रशासन के नाक के नीचे सरकारी
अस्पताल में मनमानी?
भाग-9

सारंगढ़,
सारंगढ़ के सरकारी अस्पताल में 19 डाक्टर पदस्थ होने के बाद भी शाम की ओपीडी मे एक भी डाक्टर उपस्थित नही हो रहा है। बीएमओ डा.आर.एल.सिदार के नियंत्रण मे सरकारी डाक्टर नही है। सारंगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र के बाह्य रोगी विभाग में लिखे समयानुसार सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तथा शाम 5 बजे से शाम 7 बजे तक ओपीडी खुला रहता है। किन्तु स्वास्थगत कारणो से सरकारी अस्पताल में ईलाज कराने आये मरीज और उनके परिजनो ने बताया कि शाम को कोई भी डाक्टर नही आता है इस कारण से ओपीडी बंद रहती है। ऐसे मे जिला मुख्यालय सारंगढ़ में स्वास्थ विभाग की बदहाली कब सुधरेगी? इस सवाल का कोई जवाब
देने वाला नही है। दरअसल सारंगढ़ जिला मुख्यालय में स्वास्थ सुविधाओ को लेकर सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र की स्थिति को लेकर सारंगढ़ टाईम्स लगातार खबरे प्रकाशित कर रहा है। खबरे प्रकाशित होने के बाद स्वास्थ अधिकारी हरकत में आये और भर्ती मरीजो के लिये राऊड करना तथा सुबह के ओपीडी मे डाक्टरो की उपस्थिति करना आदि कार्य करते हुए व्यवस्था मे कसावट लाये है किन्तु अभी भी शाम की ओपीडी संचालित करने मे बीएमओ डां. आर.एल.सिदार असफल रहे है। सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र में वर्तमान मे 19 डाक्टर पदस्थ है जिसमे मेडिकल आफिसर के साथ साथ विशेषज्ञ डाक्टर भी है

किन्तु मरीजो के लिये ओपीडी तक के लिये सरकारी डाक्टरो के पास कोई समय नही है। इस संबंध में सूत्र बताते है कि गत दिनो शाम को अपना ईलाज कराने के लिये गया एक युवक को ओपीडी में ईलाज कराने के लिये काऊंटर से पर्ची कटवानी थी किन्तु सिर्फ इसलिये पर्ची नही काटी गई क्योकि कोई भी डाक्टर वहा पर उपस्थित नही था। ओपीडी पर्ची काटने वालो से युवक को सलाह दिया कि पहले ओपीडी में डाक्टर है या नही? इसको देख लो अगर होगें तो पर्ची काट देगें। युवक के द्वारा जानकारी लेने पर एक भी डाक्टर ओपीडी मे नही था। जिसके बाद उनके ईलाज के लिये पर्ची नही काटी गई। वही गत दिनो कई मरीज के परिजन भी इस बात की जानकारी दिये है कि शाम की ओपीडी में कोई भी डाक्टर नही बैठ रहा है। जिसके कारण से शाम को उपचार कराने के लिये आने वाले मरीजो को सुबह आने का निर्देश स्वास्थ अमला के कर्मचारी देते है। सुबह 9 से 1 और शाम 5 से 7 के ओपीडी का समय इस संबंध में सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र के बाह्य रोगी विभाग के गेट पर ओपीडी का समय लिखा हुआ है। इस लिखा हुआ समय के अनुसार यहा सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक ओपीडी लगता है और शाम को 5 बजे से 7 बजे तक ओपीडी लगता है। ऐसे में शाम की ओपीडी आखिर क्यों नही लग रही है? और ओपीडी में डाक्टर क्यों उपस्थित नही हो रहे है? इस
सवाल को लेकर बीएमओ डा.आर.एल.सिदार से संपर्क करने का प्रयास किया गया किन्तु उनसे संपर्क नही हो पाया।

क्या होता है ओपीडी

ओपीडी का फूलफार्म आउट पेशेंट डिपार्टमेंट होती है। ओपीडी एक मरीज और अस्पताल के कर्मचारियों के बीच का पुल है। यदि किसी मरीज को पहले निरीक्षण के लिए ओपीडी में ले जाया जाता है, तो ओपीडी के डॉक्टर उसे उपचार के संबंधित विभागों में भेज देते हैं, जिसकी मरीज को जरूरत होती है। यह मरीजों के लिए पहला संपर्क बिंदु है। ओपीडी का तात्पर्य उन रोगियों द्वारा प्राप्त चिकित्सा उपचार या परामर्श से है जो अस्पताल में भर्ती नहीं हैं, जब कोई व्यक्ति ओपीडी या आउट पेशेंट परामर्श के लिए जाता है तो उसे उस विशिष्ट बीमारी या बीमारी के इलाज के लिए डॉक्टर या विशेषज्ञ से मिलने की आवश्यकता होती है जिससे वह पीड़ित है। इसमें बीमारी का उपचार और निदान दोनों शामिल हो सकते हैं और दवाएं, टीकाकरण, स्कैन आदि प्रदान करना शामिल हो सकता है।ओपीडी में बिना भर्ती हुए अस्पताल में डॉक्टर से मिल सकते हैं, और इसलिए यह उपचार ओपीडी श्रेणी के अंतर्गत आता है।

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