
नाका नंबर 5 के जर्जर पुल पर बढ़ते जा रहा है
ट्रैफिक का दबाव,नेशनल हाईवे विभाग उदासीन, कभी भी हो
सकता है बड़ा हादसा!
आजादी के पहले का पुल हुआ जर्जर,
घोघरा नाला पर बना है पुल,
महज चंद फीट चौड़ी पुल पर निर्भर है नेशनल
हाईवे,
इसके अलावा नही है कोई वैकल्पिक मार्ग,
सारंगढ़,
सारंगढ़ शहर को रायपुर रोड़ और बरमकेला रोड़ को जोड़ने के लिये आजादी के पूर्व के समय से बना नाका नंबर 5 का पुल जर्जर हो गया है। जिला बनने के बाद लगातार इस पुल पर यातायात का दबाव बढ़ते जा रहा है किन्तु नेशनल हाईवे विभाग इस पुल को लेकर उदासीन है। हरदी से सारंगढ़ शहर होते हुए दानसरा तक के लिये बजट में 34 करोड़ रूपये के जीर्णोद्धार की स्वीकृति मिली है किन्तु इसमें यह जर्जर पुल का जीर्णोद्धार शामिल नही है। सरिया-बरमकेला अंचल और सारंगढ़ विकासखंड़ को पूर्वी क्षेत्र को जोड़ने वाला यह पुल सारंगढ़ नगर पालिका क्षेत्र के अर्न्तगत शहरी क्षेत्र मे स्थित है। तथा राजधानी सहित उड़ीसा प्रांत आवागमन के लिये इस पुल का उपयोग किया जाता है। इसका कोई भी वैकल्पिक पुल भी आस-पास नही है।
पान,पानी और पालगी की नगरी को जिला बने दो वर्ष पूरा हो गया है किन्तु जहा पर बुनियादी सुविधा के लिये त्वरित कार्यवाही और स्वीकृति की जरूरत है वहा पर भी सरकारी विभाग उदासीनता का चादर ओढ़े हुए है। मामला सारंगढ़ के वार्ड क्रमांक 7 के पास पड़ने वाला नाका नंबर 5 का घोघरा नाला पर बना हुआ पुल है। लगभग आजादी के पूर्व समय का बना हुआ इस पुल को लेकर लगातार यातायात का दबाव बढ़ते जा रहा है। लगतार बढ़ते यातायात के दबाव के कारण से यह पुल अब जर्जर होने के साथ-साथ खतरनाक होते जा रहा है। इस पुल के दोनो ओर की दिवाल की ऊंचाई छोटी हो गई है तथा महज 12 फीट चौड़ी इस पुल से यातायात थम सा जाता है। प्रतिदिन सुबह 10 बजे के आसपास इस पुल के पास जाम लगना आम बात है। वही शाम को भी वन-वे वाली स्थिति इस पुल की बनी रहती है। सारंगढ़ नगर पालिका क्षेत्र में आने वाला यह पुल सारंगढ़ के बिलासपुर रोड़ और रायगढ़ रोड़ के वाशिंदो को रायपुर रोड़ और बरमकेला रोड़ से जोड़ती है साथ ही नगर पालिका के तीन से अधिक वार्ड भी पुल के दूसरे छोर की ओर स्थित है। बरमकेला, सरिया, डोंगरीपाली सहित कनकबीरा-मल्दा-नौरंगपुर के सैकड़ो गांव के निवासियो का आवागमन इस पुल से होता है।
वही राजधानी जाने तथा सरायपाली, बसना एवं उड़ीसा जाने के लिये भी इस पुल का उपयोग किया जाता है इससे ज्ञात हो सकता है कि यह कितना महत्वपूर्ण पुल है। किन्तु घोघरा नाला पर बना यह पुल कभी भी बाढ़ आदि आने पर भी यातायात बाधित नही करता है क्योकि घोघरा नाला से लगभग 30 फीट से अधिक ऊंचाई पर इस पुल का निमार्ण किया गया है इसलिये पुल के ऊपर या पुल के समकक्ष बाढ़ का पानी आने का सवाल ही पैदा नही हो रहा है किन्तु इस पुल का जर्जर अवस्था से अब यह पुल लोगो के लिये खतरनाक होते जा रहा है। सारंगढ़ से राजधानी, सरायपाली, उड़ीसा, बरमकेला, सरिया आदि स्थानो के लिये बड़े मालवाहक तथा छोटे मालवाहन वाहनो के साथ-साथ रोज लगभग 100 से अधिक बसो का परिचालन के साथ साथ हजारो लोगो का आना-जाना इस पुल से होता है इस कारण से सारंगढ़ की लिहाज से अति-महत्वपूर्ण यह पुल के स्थान पर नये पुल का निमार्ण और चौड़ी पुल का निमार्ण जरूरी हो गया है। बाईपास के पहले एनएच की भारी वाहने भी इसी से गुजरती थी
रायगढ़-सारंगढ़-सरायपाली नेशनल हाईवे 153 में हरदी से दानसरा तक के लिये 2 साल पहले बनी बाईपास सड़क में अब रायगढ़ की ओर से आने वाली भारी वाहन आवागमन कर रही है किन्तु दो वर्ष पूर्व इसी जर्जर पुल से ही भारी वाहनो का आवागमन होता था और स्थिति काफी ज्यादा जर्जर वाली हो गई थी। बाईपास सड़क का निमार्ण होने के कारण से भारी वाहनो का दबाव काफी कम हुआ है किन्तु जिला मुख्यालय बनने के बाद सारंगढ़ आने वालो की संख्या मे काफी ज्यादा बढ़ोत्तरी हुई है जिसके कारण से इस पुल पर यातायात का दबाव काफी बढ़ गया है।
आखिर कब होगा इस पुल का जीर्णोद्धार? सारंगढ़ रियासत के समय का इस पुल के निमार्ण को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नही है किन्तु
क्षेत्रवासियो के लिये उच्चस्तरीय पुल का सुविधा का लाभ के रूप में यह पुल हमेशा लोगो के जहन में होगा। इस पुल के पास नगर पालिका का चुंगीकर नाका स्थापित था जिसे नाका नंबर 5 का नाम से जाना जाता है इस कारण से इस पुल को भी नाका नंबर 5 का पुल के नाम से बातचीत के समय संबोधित किया जाता है। इस जर्जर पुल के दोनो साईड पर बना वाल भी अब क्षतिग्रस्त हो गया है और पानी का पाईप लाईन गुजरने तथा उसमें लीकेज होने के कारण से यह पुल जर्जर स्थिति की ओर आ गया है। कभी भी बड़ा हादसा होने की संभावना से इंकार नही किया जा सकता है किन्तु अभी तक नेशनल हाईवे पुल-पुलिया विभाग इस जर्जर पुल का संज्ञान नही ले रहा है यह काफी दुर्भाग्यजनक बात है।