
सारंगढ़ : आईटीआई में दिया गया अनुकंपा नियुक्ति विवादो के घेरें में?
निगम में कार्यरत कर्मचारियो की बहू को
आईटीआई में दिया गया अनुकंपा नियुक्ति,
आईटीआई संचालक ने अनापत्ति प्रमाण पत्र नही
लेने के कारण किया आपत्ति?
क्या कलेक्टर को अंधेरे में रखकर किया गया
अनुकंपा नियुक्ति का खेल?
जांच और कार्यवाही की मांग?
सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
सारंगढ़ में गत दिनो दिया गया अनुकंपा नियुक्ति विवादो के घेरे मे आ गया है। बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ परिवहन निगम मे कार्यरत कर्मचारी के आकस्मिक निधन होने पर उनकी बहू को अनुकंपा नियुक्ति आईटीआई सारंगढ़ के भृत्य के रिक्त पद पर दिया गया है किन्तु अर्ध शासकीय विभाग के कार्यरत कर्मचारी के मौत होने पर सरकारी विभाग में नियुक्ति को लेकर सवाल खड़े किये जा रहे है। मामले में जांच होने पर ही पता चलेगा कि सही क्या है?
दरअसल गत 14 जुलाई 2025 को कलेक्टर डॉ संजय कन्नौजे ने कलेक्ट्रेट कक्ष में
शारदा थवाईत को कार्यालय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था सारंगढ़ में सेवा देने अनुकंपा नियुक्ति पत्र प्रदान किया है। इस कार्य में कलेक्टर कार्यालय सारंगढ़ के अधीक्षक लक्ष्मीनारायण यादव और स्थापना लिपिक विजय भूमिजन का सराहनीय योगदान रहा था। उल्लेखनीय है कि शासकीय सेवक प्रेमप्रकाश थवाईत (ससुर) सहायक ग्रेड 3 के निधन पर उनके बहु शारदा थवाईत पति स्वर्गीय सुरेश कुमार थवाईत को चतुर्थ श्रेणी में अनुकंपा दी गई है। किन्तु नियुक्ति पत्र दिये जाने के बाद यह नियुक्ति विवादो के घेरे में आ गया है। बताया जा रहा है शिकायत किया गया है
कि जिस विभाग में शासकीय सेवक प्रेमप्रकाश थवाईत (ससुर) सहायक ग्रेड 3 के पद पर कार्यरत थे वह विभाग निगम था तथा अर्ध शासकीय विभाग कहलाता था। ऐसे मे उनके बहू को शासकीय विभाग आईटीआई मे अनुकंपा नियुक्ति प्रदान कर दिया गया है जबकि नियमानुसार अर्धशासकीय से शासकीय विभाग मे अनुकंपा नियुक्ति नही दिया जा सकता है। वही इस मामले मे सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार आईटीआई के संचालक ने भी इस मामले में आपत्ति पत्र प्रेषित किया है। उनकी आपत्ति यह है कि उनके संस्थान में दिया गया अनुकंपा नियुक्ति के पूर्व उनसे अनापत्ति पत्र नही लिया गया है। जिसके कारण से अनुकंपा नियुक्ति विवादो मे आ गया है। वही सूत्र बता रहे है कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के बाद शासकीय सेवक
प्रेमप्रकाश थवाईत (ससुर) सहायक ग्रेड 3 के निधन पर उनके बहू को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान किया गया है।
बहरहाल विवादो मे आया अनुकंपा नियुक्ति के इस मामले मे अब देखना है कि जांच का
आदेश हो रहा है या नही? साथ ही यदि अनुकंपा नियुक्ति गलत विभाग में किया गया है तो इस कार्यवाही को पूर्ण करने वाले कर्मचारियो पर क्या कार्यवाही किया जाता है?