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त्यौहार और उत्सव के मौसम में सारंगढ़ शहर अंधेरे में डूबा, उदासीनता की चादर ओढ़े हुए है जवाबदार अधिकारी!

त्यौहार और उत्सव के मौसम में सारंगढ़ शहर अंधेरे में डूबा, उदासीनता की चादर ओढ़े हुए है जवाबदार अधिकारी!

त्यौहार और उत्सव के मौसम में सारंगढ़ शहर अंधेरे में डूबा, उदासीनता की चादर ओढ़े हुए है
जवाबदार अधिकारी!

बारिश में बदहाल सड़क ने किया सोने पर सुहागा,
गणेश उत्सव के साथ त्यौहारो का दौर शुरू
लेकिन शहर डूबा अंधेरें में,
गौरवपथ में अधिकांश लाईट बंद,
बस स्टैंड, रायगढ़ रोड़, रायपुर रोड़ में अधेरा कायम,
तुर्की तालाब गार्डन घनघोर अंधेरे में,
जिला प्रशासन के प्रयास के बाद भी नही सुधर रही है व्यवस्था,

सारंगढ़,
श्री गणेश चतुर्थी के साथ शुरू हुआ त्यौहारो का मौसम में जहा पुराना जिला मुख्यालय रायगढ़ चमकदार रोशनी से चमचमा रहा है तो नया जिला बना सारंगढ़ जिस प्रकार से अंधेरे मे डूबा हुआ है वह मातम का प्रतीक समान दिख रहा है। मुख्य मार्ग रायगढ़ रोड़, बिलासपुर रोड़, रायपुर रोड़ में शाम ढ़लते ही अंधेरे का साम्राज्य हो जा रहा है। जिम्मेदार अधिकारी उदासीनता का चादर ओढ़े हुए है। जवाबदार जनप्रतिनिधि चुप्पी साधे हुए है और जिला प्रशासन सिर्फ निर्देश और चेतावनी दे रहा है किन्तु व्यवस्था मे कोई सुधार नही है पूरा शहर अंधेरे में डूबा हुआ है। सैकड़ो स्ट्रीट लाईट बंद पड़ी है, मानव बल की कमी का रोना नगरीय निकाय रो रहा है, जिला
मुख्यालय की ऐसी बदहाल स्थिति को देखकर जिले के शेष नगरो की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। नया जिला बना सारंगढ़ 3 सितंबर को दो वर्ष पूर्ण कर लिया और तीसरे वर्ष में प्रवेश कर लिया इन दो वर्षो मे जिला बनने के बाद जो परिर्वतन आया है उसमें जिम्मेदार अधिकारियो मे कार्यवाही का डर खत्म होना प्रमुख है। पहले रायगढ़ जिला मुख्यालय के बड़े अधिकारियो के कड़े तेवर से सारंगढ़ के सरकारी अमला में हड़कंप मचा रहता था किन्तु जिस दिन से सारंगढ़ अलग जिला बना है यह भय खत्म हो गया है और अधिकारी-कर्मचारी बेलमाग हो गये है। ताजा मामला सारंगढ़ शहर में प्रकाश व्यवस्था को लेकर है। जिला मुख्यालय सारंगढ़ में शाम 7 बजे भ्रमण पर निकलते ही सबसे पहला अंधेरे का साम्राज्य बदहाल स्थिति को बयां करने के लिये पर्याप्त है। यहा पर मुख्य रूप से तीन रोड़ आते है जिसमे से पहला रोड़ सर्वाधिक व्यस्त और शासकीय कार्यालयो के लिये आना-जाना करने वाला रोड़ के रूप में जाना जाता है वह है बिलासपुर रोड़। बिलासपुर रोड़ को मुख्य रूप से दो भाग मे बांटा गया है जिसमें से एक भाग सारंगढ़ भारतमाता चौक से रानीसागर-जूनाडीह के पास का मुख्य रोड़ तक। यह रोड़ बिलासपुर रोड़ से आने वालो का एक मात्र रास्ता है। यहा से सरसीवां, भटगांव और बिलाईगढ़ जैसे नगर आते है जहा से जिला मुख्यालय के लिये प्रति दिन सैकड़ो लोगो को आवागमन होता है। यहा जूनाडीह के पास से शाम को अंधेरे का साम्राज्य शुरू होता है। भारतमाता चौक के पास खत्म होता है। बीच-बीच मे कुछ खंबो पर लाईट जल रही दिखती है किन्तु रोशनी का अभाव उसमे भी है। यहा निजी प्रतिष्ठानो की लाईटो को कभी बंद कर दिया जाये तो पैदल आवागमन करना कठिन हो जायेगा। राधाकृष्ण अस्पताल के स्ट्रीट लाईट के कारण से कुछ दूरी तक प्रकाश व्यवस्था हो जा रही है अन्यथा घनघोर अंधेरे का साम्राज्य यहा पर छा जाता है। वही पुलिस अधीक्षक कार्यालय, कुटेला, खेलभांठा मैदान परिसर, शासकीय अधिकारी निवास परिसर, वनमंडल कार्यालय, शासकीय कालेज, सहित वार्ड क्रमांक 1 और वार्ड क्रमांक 2, वार्ड क्रमांक 3 तथा वार्ड क्रमांक 10 का बड़ा हिस्सा इस क्षेत्र में बसा हुआ है किन्त अंधेरे में डूबा हुआ इस क्षेत्र की बदहाल प्रकाश व्यवस्था को बहाल कर निरंतर उत्कृष्ठ बनाये रखने मे नगर पालिका सारंगढ़ और वहा पर कार्यरत अधिकारी कर्मचारी फेल है। इस मार्ग पर ही कलेक्ट्रोरेट स्थित है तथा लगभग हर विभाग के लोगो का आना-जाना इस रोड़ से होता है किन्तु बंद पड़ी लाईट यहा पर कोई बड़ा मुद्दा नही है। वही रायगढ़ रोड़ को यहा का सर्वाधिक व्यापारिक रोड़ माना जाता है। यहा पर राजधानी के लिये आवागमन करने वाले गुजरते है, रायगढ़ से रायपुर जाने वाले और रायगढ़ से बिलासपुर रोड़ होकर बलौदाबाजार से होकर राजधानी जाने वाले इस रोड़ का बहुत उपयोग करते है किन्तु वार्ड क्रमांक 3 तथा वार्ड क्रमांक 4 का बड़ा हिस्सा वाले इस रोड़ पर अंधेरा काफी छाया हुआ है। यहा पर खंबो पर लाईट नही लगाया गया है। टेंगनापाली के पास से शुरू होने वाला सारंगढ़ नगरीय निकाय की सीमा से प्रकाश व्यवस्था के नाम पर अंधेरे का साम्राज्य से सारंगढ़ की बदहाल स्थिति प्रारंभ होती है। लगभग दो किलोमीटर के सड़क पूरी तरह से अंधेरे मे डूबा हुआ है। बदहाल सड़क और सकरी सड़क पर अंधेरा व्यवस्था से सारंगढ़ का छबि बहुत ज्यादा धूमिल हो रही है। यहा पर भारतमाता चौक तक निजी दुकानो का लाईट एक घंटे के लिये भी बंद कर दिया जाये तो पूरा रोड़ घनघोर अंधेरे मे डूबा दिखेगा। यहा पर नगर पालिका सिर्फ इसलिये लाईट नही लगा रही है क्योकि यहा पर भाजपा का पार्षद है तथा नगर पालिका में कांग्रेस का सरकार है। ऐसी व्यवहार के कारण से सारंगढ़ बदहाली के दौर में पहुंच गया है। वही भारतमाता चौक से बावाकुटी तक की सड़क भी भीषण अंधेरे मे डूबा हुआ है। यहा पर बस स्टैंड, रायपुर रोड़, स्टेट बैंक, तुर्की तालाब गार्डन, जिला अस्पताल मार्ग, जनपद पंचायत, बीएसएनएल कार्यालय, सिटी कोतवाली, कलेक्टर निवास, एस.पी.निवास, पशु
चिकित्सालय सहित कई शासकीय कार्यालय और रायपुर जाने के लिये नेशनल हाईवे मार्ग है। किन्तु पूर्ण रूप से अंधेरे मे यह डूबा हुआ है। यह स्थान वार्ड क्रमांक 4 और वार्ड क्रमांक 8 का बड़ा हिस्सा को कव्हर करता है। वही वार्ड क्रमांक 5 का भी बड़ा हिस्सा मुख्य मार्ग पर आता है। किन्तु यहा भी प्रकाश व्यवस्था को बरकरार रखने मे नगर पालिका सारंगढ़ असफल रही है। वार्ड क्रमांक 8 में आने वाला तुर्की तालाब गाडर्न की स्थिति पर तो पूरा उपन्यास लिखा जा सकता है किन्तु जवाबदार अधिकारी को कोई मतलब तक नही रह गया है और पूरा तुर्की तालाब अंधेरे मे डूबा हुआ है। ऐसे मे सारंगढ़ त्यौहारो के मौसम में अधेरे मे डूबा हुआ है। हमर सारंगढ़, I love Sarangarh सब अंधेरे मे डूबा? अंधेरगर्दी को ऐसा माहौल शायद की किसी नगरीय निकाय में देखने को मिलेगा जो अभी सारंगढ़ मे दिख रहा है। यहा पर डिस्प्ले साईन बोर्ड के रूप में लाखो रूपये खर्च करके कुछ साईन बोर्ड लगाये गये है उसमे से एक साईन बोर्ड भारतमाता चौक पर लगाया गया है जो कि हमर सारंगढ़ के नाम से है उसको तोड़फोड़ कर दिया गया है। वही तुर्की तालाब के सामने I
love Sarangarh बंद पड़ा है। वही गार्डन के अंदर बनाया गया नया I love Sarangarh भी बंद पड़ा हुआ है। ऐसे में त्यौहारो के मौसम में सारंगढ़ में जहा रोशनी की चकाचौंध होनी चाहिये उसके विपरीत पूरा शहर अंधेर में ऐसा डूबा हुआ है मानो मातम छाया हुआ है।

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