टिमरलगा में आयोजित स्वास्थ शिविर में 45 फीसदी मरीज में मिली टीबी का
लक्षण?
बारिश में भी 63 व्यक्तियों ने कराई टीबी और मौसमी बीमारी की जांच
टिमरलगा के शिविर में टीबी के 30 संदिग्ध मरीज पाए गए
सारंगढ़,
दूषित हवा में रहते हुए अपनी जान को जोखिम में डालकर टिमरलगा में निवास कर रहे एक
बड़ी आबादी दूषित हवा के कारण से टीबी बिमारी से ग्रसित है। जिला प्रशासन के द्वारा आज
टिमरलगा में आयोजित स्वास्थ शिविर में भारी बारिश के कारण से मात्र 63 लोगो ने ही अपने
स्वास्थ की जांच कराई किन्तु इसमे 30 व्यक्ति टीबी बिमारी से ग्रस्त पाये गये। लगभग 4
हजार की आबादी वाले टिमरलगा क्षेत्र में निवासरत सभी व्यक्तियो की स्वास्थ की जांच करने
पर भयावह आंकड़े सामने आ सकते है। आज जांच कराने वाले व्यक्तियो मे 45 फीसदी लोगो
को दूषित हवा के कारण से टीबी होने का संदेह होने पर जांच सैम्पल वेरीफाई विशेषज्ञो को
करने के लिये दिया गया है।
कलेक्टर धर्मेश साहू के निर्देशन में टिमरलगा में आयोजित शिविर में बारिश होने पर भी
63 व्यक्तियों ने टीबी और मौसमी बीमारी की जांच कराई, जिसमें टीबी के 30 संदिग्ध मरीज पाए गए। इस
जांच में जो संदिग्ध हैं, उनका वेरिफाई जांच सेम्पल पैथोलॉजी से जुड़े स्वास्थ्यकर्मी और डॉक्टर चेक
करेंगे। टीबी के मरीज होने पर इलाज, रोकथाम के उपाय और दवा का सेवन आदि की प्रक्रिया प्रारंभ करेंगे।
जिले के खनिज और स्वास्थ्य विभाग तथा क्रेशर उद्योग समूह के सामूहिक योगदान से माइनिंग क्षेत्र के
नागरिकों के स्वास्थ्य को देखते हुए बुधवार 31 जुलाई को टिमरलगा उप स्वास्थ्य केंद्र में शिविर
आयोजित किया गया। इस शिविर में टीबी स्क्रीनिंग आउटरीच एवं मौसमी बीमारी का इलाज जांच सुबह
11 बजे से शाम तक किया गया। इसमें अधिकतर क्रेशर उद्योग समूह के महिला पुरूष, खनिज और
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी तथा क्रेशर उद्योग समूह से जुड़े नागरिक, स्वास्थ्य विभाग के
समस्त आरएचओ महिला एवं पुरुष, सीएचओ पर्यवेक्षक, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी सहित अन्य
चिकित्सा सहायक अविनाश , गिरिजा लहरे, दिनेश और सरिता बरेठ शामिल थे।
क्या है टीबी की बिमारी
ट्यूबरक्लोसिस, क्रोनिक संक्रामक संक्रमण है जो एयरबॉर्न बैक्टीरिया माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस
के कारण होता है। यह आमतौर पर फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन लगभग कोई भी अंग इससे
प्रभावित हो सकता है। ट्यूबरक्लोसिस मुख्य रूप से तब फैलता है जब लोग एक ऐसे व्यक्ति द्वारा दूषित
हवा में सांस लेते हैं जिसे सक्रिय बीमारी है। तपेदिक (टीबी) एक संक्रामक संक्रमण है जो आमतौर पर
आपके फेफड़ों पर हमला करता है। यह आपके शरीर के अन्य भागों, जैसे आपके मस्तिष्क और रीढ़ की
हड्डी में भी फैल सकता है। माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक एक प्रकार का बैक्टीरिया इसका
कारण बनता है। यह जीवाणु 3 मिलियन वर्ष से भी अधिक पुराना माना जाता है।टीबी माइकोबैक्टीरियम
ट्यूबरकुलोसिस नामक जीवाणु के कारण होता है । इसके कीटाणु हवा के माध्यम से फैलते हैं और
आमतौर पर फेफड़ों को संक्रमित करते हैं, लेकिन शरीर के अन्य भागों को भी संक्रमित कर सकते हैं।
हालांकि टीबी संक्रामक है, लेकिन यह आसानी से नहीं फैलता है। इसे पकड़ने के लिए आपको आमतौर पर
किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में बहुत समय बिताना पड़ता है जो संक्रामक हो।
खनन प्रभावित क्षेत्र में लगाया जाये व्यापक स्तर पर स्वास्थ शिविर
टिमरलगा, गुड़ेली, हिच्छा, छर्रा, धौरादरहा, बंजारी सहित आधा दर्जन से अधिक गांवो में लगभग
20 हजार से अधिक की आबादी निवासरत है। यहा पर स्थापित क्रेशर और चूना भट्ठा के
कारण से हवा में प्रदूषण की मात्रा काफी ज्यादा हो गया है। अस्थमा और टीबी के मरीजो की
संख्या यहा पर हजारो मे हो सकती है। आज जिस प्रकार से स्वास्थ शिविर में 45 फीसदी
मरीजो में टीबी का लक्षण पाया गया है उससे साफ प्रतीत हो रहा है कि सारंगढ़ के खनिज
प्रभावित क्षेत्र मे लोगो का स्वास्थ स्तर काफी निम्न स्तर पर है। शासन को करोड़ो रूपये का
राजस्व देने वाला टिमरलगा-गुड़ेली क्षेत्र में ना तो साफ पानी की व्यवस्था है और ना ही शुद्ध
हवा में सांस लेने की आजादी है। ऐसे मे जिला प्रशासन को खनन प्रभावित हर गांव में स्वास्थ
शिविर लगाकर अस्थमा और टीबी के बिमारियो के बारे मे लोगो को पता करके समुचित उपचार
की व्यवस्था करना चाहिये।
छत्तीसगढ़ से उड़ीसा होकर बंगाल ले जा रहे गौवंश तस्कर के आरोपी आये डोंगरीपाली पुलिस के सपड़ में
7 गौवशं की हुई मौत, 37 गौवंश की कर रहे थे तस्करी
स्थानीय भाजपा नेताओ के सक्रियता से सपड़ाये गौवंश तस्कर
डोंगरीपाली पुलिस ने किया अपराध पंजीबद्ध
सारंगढ़/बरमकेला,
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला के बरमकेला क्षेत्र से मवेशी तस्कर कंटेनर में क्रूरता से लादकर 37
गोवंश ले जा रहे थे लेकिन पुलिस ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। पुलिस ने एक आरोपित
को पकड़ा है। वहीं दो अन्य लोग मौके से भागने में कामयाब हो गए। वहीं सात गोवंश की मौत
हो गई। माना जा रहा है कि कंटेनर के अंदर दम घुटने की वजह से मौत हुई होगी। बताया जा
रहा है कि कंटेनर को तस्करों द्वारा छत्तीसगढ़ से ओडिशा के रास्ते बंगाल ले जाया जा रहा था।
गोवंश पकड़ने का मामला सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के डोंगरीपाली थाना क्षेत्र का है।
\ पुलिस से जानकारी के मुताबिक, डोंगरीपाली के थाना प्रभारी एके बेक को
मुखबिर ने सूचना दी कि एक कंटेनर में गोवंश को लदकर बरमकेला से लेंध्रा होते हुए
डोंगरीपाली के रास्ते ओडिशा तरफ ले जाया जा रहा है, जिस पर डोंगरीपाली पुलिस की टीम
बिरनीपाली बैरियर के पास नाकेबंदी कर वाहनों की जांच कर रही थी। इसी दौरान रायपुर नंबर
की सीजी 04 एनक्यू 1895 के चालक ने पुलिस को देखते ही कंटेनर की स्पीड बढ़ा दी और
बैरियर को दौड़ते हुए आगे बढ़ गई। पुलिस ने पीछा कर कंटेनर को पकड़ा। इस दौरान 2 आरोपी
घने जंगल का फायदा उठाकर भागने में कामयाब हो गए। वहीं एक आरोपित को पकड़ गया।
पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम संजय सिंह निवासी हरियाणा बताया। पुलिस पूछताछ में
आरोपी ने कोई जानकारी पुलिस को नहीं दी है।
आरोपी के खिलाफ दर्ज किया गया है मामला
"आरोपी के विरुद्ध पशु कृषक संरक्षण अधिनियम और पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मामला
पंजीबंध्द कर लिया गया। जिसमें दो और आरोपी फरार है। उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।
अजीत बेग, थाना प्रभारी
डोंगरीपाली.
गौ तस्करी की खुली चुनौतियां: बरमकेला से बुर्ला तक की कहानी
भारत में गौ तस्करी एक गहरी चिंता का विषय बन चुकी है, जो न केवल कानून व्यवस्था के
लिए चुनौती पेश करता है, बल्कि धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी इसे लेकर
संवेदनशीलता बनी रहती है। हाल ही में, छत्तीसगढ़ के बरमकेला से लेकर बुर्ला तक हुए एक बड़े
गौ तस्करी मामले ने इस मुद्दे को एक बार फिर से ज्वलंत बना दिया है। यह घटना न केवल
तस्करी के नेटवर्क की क्रूरता को उजागर करती है, बल्कि सुरक्षा और कानून व्यवस्था की
खामियों को भी सामने लाती है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार बीती रात बरमकेला से सैकड़ों गायों की तस्करी की
सूचना मिली, जिसने इलाके में हलचल मचा दी। स्थानीय लोगों ने सूचना दी कि बरमकेला से
गायों को एक बड़े पैमाने पर तस्करी के लिए ले जाया जा रहा है। इस पर कार्रवाई करने के
लिए भाजपा नेता मनीष नायक, तरुण अग्रवाल और देव ने शाम से ही पैकिन ढाबा पर पहुंचकर
ट्रकों की निगरानी शुरू की। ढाबा के पास दो कंटेनर ट्रक खड़े मिले—एक CG 04 और दूसरा UP
70 सीरीज का था। सूचना के अनुसार, ट्रकों में गायों को भरकर बरमकेला से ले जाने की
योजना थी। देर रात तक हम ट्रकों का इंतजार करते रहे, लेकिन पहला ट्रक तौसीर मार्ग से
कुम्हारी नाला के पास निकलते ही, जब मनीष नायक, तरुण अग्रवाल और देव ने ट्रक को रोकने
का प्रयास किया, तो ट्रक ने उन्हे रौंदने का प्रयास किया और तेजी से भाग निकला।
कठिन प्रयासों के बावजूद ट्रक का पीछा
मनीष नायक, तरुण अग्रवाल और देव ने तुरंत डोंगरीपाली के शुभम साहू को फोन किया और
ट्रक को रोकने के लिए सहायता मांगी। शुभम और उनकी टीम ने डोंगरीपाली स्कूल के पास
मुख्य सड़क पर बैरिगेट लगाकर ट्रक को रोकने की कोशिश की। हालांकि, ट्रक ने बैरिगेट को
तेजी से तोड़ते हुए निकलने में सफलता प्राप्त की। हमने फिर डोंगरीपाली थाना को फोन किया
और ट्रक को रोकने का अनुरोध किया। लेकिन ट्रक की गति इतनी अधिक थी कि वह चेक
पोस्ट पर लगे बैरिगेट को भी तोड़ते हुए निकल गया। पुलिस की गाड़ी के साथ, मनीष नायक,
तरुण अग्रवाल और देव ने सोहेला थाना को भी सूचित किया, लेकिन ट्रक की गति इतनी तेज
थी कि वहां भी इसे रोकना संभव नहीं था।
भयानक घटनाक्रम और पुलिस की प्रतिक्रिया
ट्रक ने बरगढ़ टोल टैक्स के बैरियर को भी तोड़ते हुए भागने की कोशिश की। टोल की गाड़ियाँ
भी युवाओ को ट्रक का पीछा करने में सहायता करने लगीं। आखिरकार, ट्रक ने बुर्ला मार्ग पर
जाकर अपनी यात्रा समाप्त की और वहां से चालक और सहयोगी भाग गए। हमने एक व्यक्ति
को पकड़ा और पुलिस के सहयोग से गायों को डोंगरीपाली थाना ले जाया गया। जब कंटेनर
खोला गया, तो हमें 70-80 गायें मिलीं, जिनमें से 7 गायें मृत अवस्था में थीं। यह दृश्य न
केवल दिल दहला देने वाला था, बल्कि तस्करी के नेटवर्क की क्रूरता और निर्लज्जता को भी
दर्शाता था।
पुलिस की कार्रवाई और सुधार की आवश्यकता
इस घटना के बाद, पुलिस ने तस्करी के मामले में प्राथमिक कार्रवाई की, लेकिन सवाल यह
उठता है कि क्या हम तस्करी के इस नेटवर्क को पूरी तरह से समाप्त कर सकते हैं? क्या
हमारी कानून व्यवस्था और सुरक्षा तंत्र इस तरह की घटनाओं को रोकने में पूरी तरह सक्षम हैं?
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मौजूदा सुरक्षा और कानून व्यवस्था में कई खामियाँ हैं
जिन्हें सुधारने की अत्यंत आवश्यकता है।
समाज और सरकारी प्रयास
गौ तस्करी जैसी समस्याओं के समाधान के लिए समाज और सरकार दोनों को एकजुट होकर
प्रयास करने की आवश्यकता है। समाज के प्रत्येक वर्ग को गौ तस्करी के खिलाफ जागरूकता
फैलाने, इसके खिलाफ संघर्ष करने और कानून के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने की आवश्यकता
है। वहीं, सरकार को भी तस्करी के नेटवर्क को खत्म करने और तस्करों के खिलाफ कठोर
कार्रवाई करने की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए।
बरमकेला से बुर्ला तक की गौ तस्करी की यह घटना हमें याद
दिलाती है कि गौ तस्करी एक गंभीर मुद्दा है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इस
तरह की घटनाओं से न केवल मानवता पर सवाल उठता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि हमारे
सुरक्षा और कानून व्यवस्था तंत्र में सुधार की सख्त आवश्यकता है। समाज और सरकार को
मिलकर इस समस्या का स्थायी समाधान खोजने की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए, ताकि
भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके और मानवता की रक्षा की जा सके।
बरमकेला अंचल में मानसून की सेकंड फेज की शुरुआत से बदला मौसम, हुई अच्छी बारिश
साल्हेओना,
मानसून की शुरुआत काफी निराशाजनक बीता और पूरे आषाढ़ महीना सूखा गुजर गया। सावन महीने के
पहले दिन बारिश से हुई थी । लेकिन उसके बाद से कोई खास वर्षा नहीं हो रही थी ऐसे में बुधवार को
मानसून की सेकंड फेज लगते हवा की दिशा में बदलाव आया और आसमान में मेघमय दिखाई दिया।
सुबह 10 बजे अच्छी बारिश होने से किसानों के चेहरे में चमक आ गया है और पिछड रहे खेती किसानी
कार्य में तेजी आने की उम्मीद जता रहे हैं।
किसानों को सावन महीने से बड़ी उम्मीदें टिकी हुई है। आषाढ़ महीना सूखा सूखा
बीता। इससे खेती किसानी पिछड़ा हुआ है। अब तक रोपाई का कार्य आधा हो जाना चाहिए था। किंतु
किसानों के खेतों में पर्याप्त मात्रा में पानी का जमाव नहीं होने से धान थरहा की रोपण करते नहीं बन रहा
है। हालांकि बोरपंप के सहारे किसान रोपाई करने में लगे हुए है। इसी बीच बुधवार को भारी बारिश की
चेतावनी दी गई और मध्यम वर्षा हुई। सुबह से आसमान में काले घने बादल आ गए थे । प्रातः 10 बजे
कुछ देर तक झमाझम बारिश होने से किसानों की उम्मीदें बढ़ गई है। रोपाई करने वाले किसानों के लिए
राहत देने वाली साबित हुई। मौसम में बदलाव आने से किसानों के चेहरे में चमक आ गया है। तहसील
सरिया क्षेत्र में अब तक रोपाई का कार्य पिछड़ा हुआ है। फिर भी अगले एक दो दिन में भारी बारिश की
चेतावनी की सूचना पाकर किसान गदगद है। मानसून की प्रथम फेज पूरी तरह से फेल रहा और अब सेकंड
फेज में अच्छी बारिश होने की उम्मीद जताई जा रही है। हरेली त्योहार के बाद भी रोपाई का कार्य चलता
रहेगा।
खेती किसानी की लागत बढ़ा
राज्य सरकार ने धान की समर्थन मूल्य बढ़ा दी है। वही धान उत्पादन का लागत मूल्य भी महंगा होता जा
रहा है। साल्हेओना के वरिष्ठ कृषक निराकार पटेल ने बताया कि प्रतिवर्ष कृषि मजदूरों की कीमत बढने से
किसानों को खेती महंगा हो गया है। धान रोपाई के लिए प्रति एकड़ 5600 रुपए देना पड रहा है। वही दैनिक
मजदूरी 350 रुपए ले रहे हैं। जबकि खेतों की जोताई प्रति एकड़ 1200 और कीचड़, कोपर 1400 रुपए ट्रैक्टर
मालिक ले रहे हैं । चूंकि खेतों में खरपतवार की निंदाई – गुडाई का सीजन प्रारंभ नहीं हुआ है। फिर भी
अन्य काम काज के लिए मजदूरों की जरूरत पड रहा है।
विधायक उत्तरी जांगड़े ने 3 दिवस में क्षेत्र के किसानों को खाद उपलब्ध नही होने पर आंदोलन की
दिया चेतावनी
विधायक उत्तरी जांगड़े ने गाताडीह,कोसीर,जशपुर में खाद् की समस्या को लेकर जिला कलेक्टर को
लिखा पत्र
खेती किसानी के समय में खाद उपलब्ध नहीं होने को लेकर विधायक ने जताया नारजगी
सारंगढ़,
सारंगढ़ विधायक श्रीमती उत्तरी जांगड़े लगातार गाताडीह सहित कोसीर,जशपुर, केंद्र में अब तक खाद नहीं
पहुंचने को लेकर जिला कलेक्टर को पत्र लिखा है उन्होंने कहा है कि वर्तमान में खेती किसानी का दिन चल
रहा है और किसान खाद के लिए परेशान है ।इसी कड़ी में उन्होंने किसानों के हित में एक और पत्र जिला
कलेक्टर को लिखा है जिसमें उन्होंने कहा
है कि गाताडीह,कोसीर,जशपुर धान खरीदी केंद्र में तत्काल यूरिया, डीएपी, सुपरफास की व्यवस्था हो ताकि
किसानों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो उल्लेखनीय हो कि जब से गाताडीह सेवा सहकारी समिति में
घोटाले की खबर चली है तब से क्षेत्र किसान चिंतित है कि यदि हम खाद ले कि नहीं हमारे नाम पर फर्जी
ऋण न चढ़ जाए इसलिए किसान भयभीत है। इन सब को विधायक श्रीमती उत्तरी जांगड़े ने प्रेस के
माध्यम से भरोसा दिलाते हुए कहा की क्षेत् के सभी किसान भाई अपने-अपने सोसाइटी में खाद बीज एवं
केसीसी का उठाव करें इस संदर्भ में कहीं भी किसी प्रकार की परेशानी आती है तो हम सदैव साथ खड़े रहेंगे।
छत्तीसगढ़ के बीएड डिग्री धारकों को बड़ा झटका : सुप्रीम कोर्ट ने रिव्यू याचिका ख़ारिज की,
सहायक शिक्षक के पद के लिए किया अयोग्य घोषित
बिलासपुर, छत्तीसगढ़ में प्रायमरी में पढ़ाने के लिए बीएड धारकों के दावे को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है। जहां
11 अगस्त 2023 को जहां बीएड डिग्रीधारी देवेश शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ़ रिव्यू याचिका
दायर की थी। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त 2023 में अपने दिए गए फैसले को सही ठहराया है। जिसमें
सहायक शिक्षक के पद पर बीएड को अयोग्य और असंवैधानिक घोषित किया गया था और डीएलएफ
डिप्लोमा को ही योग्य घोषित किया गया था।
बीएड डिग्री धारियों ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी रिव्यू याचिका
उल्लेखनीय है कि, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को बदलने बीएड डिग्री धारियों ने सुप्रीम कोर्ट मे रिव्यू
याचिका दायर की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रिव्यू याचिका को खारिज कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब बीएड डिग्रीधारियों के सहायक शिक्षक पद मे शामिल होने के सारे रास्ते
बंद हो गया है।
छत्तीसगढ़ की शिक्षक भर्ती में चल रहा है विवाद
छत्तीसगढ़ मे भी शिक्षक भर्ती 2023 में यह विवाद चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले मे यह साफ तौर
पर कहा है कि, 11 अगस्त के फैसले के बाद बीएड धारकों को अपॉइंटमेंट नहीं दिया जा सकता है। जबकि
छत्तीसगढ़ देश मे केवल इकलौता राज्य है, जहां बीएड डिग्रीधासरकों को सहायक शिक्षक के पद पर की गई
नियुक्ति 11 अगस्त के बाद दी गई है। सहायक शिक्षक पद के लिए विभाग द्वारा पहला नियुक्ति पत्र 20
सितंबर 2023 के बाद दिया गया है।
हाईकोर्ट ने दिया था 6 हप्तों में बाहर निकालने के दिए थे निर्देश
इस मामले को लेकर डिप्लोमाधारियों का कहना है कि, सहायक शिक्षक पद पर केवल डिप्लोमाधारियों का
अधिकार है। इसमें बीएड वाले अवैध रूप से नौकरी कर रहे हैं। हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए 2
अप्रैल को 6 सप्ताह के भीतर बीएड डिग्रीधारकों को साहसिक शिक्षक के पद से बाहर करने का निर्देश दिया
था। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने 2 अप्रैल के आदेश का राज्य सरकार को परिपालन करने का निर्देश दिया है।
जिसका अब तक राज्य सरकार ने पालन नहीं किया है।
फोटो- सुप्रीम कोर्ट का फाईल फोटो लगा देगें।
आबकारी टीम ने सरायपाली इलाके में 235 लीटर कच्ची शराब और दो स्कूटी जब्त की
सरायपाली,
महासमुंद जिले में मदिरा के अवैध परिवहन एवं विक्रय पर रोक लगाने के उद्देश्य से संचालित सघन
जांच-पड़ताल के अभियान के दौरान आबकारी विभाग की टीम ने सरायपाली इलाके में दो अलग-अलग
मामलों में 235 लीटर कच्ची महुआ शराब और परिवहन में प्रयुक्त दो स्कूटी को जब्त किया है। जब्त दोनों
स्कूटी की कीमत लगभग एक लाख 67 हजार रूपए है।
सरायपाली वृत्त की आबकारी टीम ने ग्राम बेलमुंडी में गश्त दौरान बेलमुंडी गौठान के पास रोड में स्कूटी
सवार गूंज राम खूंटे एवं शिबो बरिहा को रोककर तलाशी ली। स्कूटी में रखी बोरी में एवं डिक्की से 150
लीटर हाथ भट्टी कच्ची महुआ शराब बरामद हुई। जिसे जब्त कर आरोपियों के विरुद्ध धारा
34(2),46(2)(1) के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर आरोपी शिबो राम बरिहा को गिरफ्तार कर न्यायिक
अभिरक्षा में भेजा गया, जब कि तलाशी के दौरान गूंज राम खूंटे मौका देखकर फरार हो गया। इसकी तलाश
की जा रही है।
आबकारी विभाग की टीम ने स्कूटी एक्टिवा क्रमांक सीजी 06 एक्स 2384 में सवार करण जोल्हे एवं धर्मेंद्र
खूंटे को रोककर तलाशी शुरू की। इसी दौरान दोनों गाड़ी को छोड़कर फरार हो गए। स्कूटी में रखे जूट बोरी
एवं डिक्की की जाँच करने कुल 85 लीटर हाथ भट्टी कच्ची महुआ शराब मिली, जिसे स्कूटी सहित जब्त
किया गया। फरार आरोपियों के विरुद्ध धारा 34(2),46(2)(1) के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में
लिया गया है। फरार आरोपियों की पतासाजी की जा रही है। इस कार्रवाई में आबकारी उप निरीक्षक
सरायपाली दरसराम सोनी, आरक्षक राज किशोर पाण्डेय, खिनीराम खुटे एवं कमल पटेल आदि शामिल
थे।
नये सीएचएमओ ने लिया चार्ज और कुछ घंटे बाद
ही कलेक्टर ने थमा दिया नोटिस!
सारंगढ़ में सीएचएमओ रहे डां.अवधेश पाणीग्राही
ने सक्ती जिला में सीएचएमओ का पदभार
लिया
सारंगढ़/सक्ती,
प्रभार लेने के कुछ घंटे बाद ही कलेक्टर ने प्रभारी सीएमएचओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
उनके एक आदेश को विधि सम्मत नहीं पाए जाने पर कलेक्टर ने यह कार्रवाई की। जानकारी के अनुसार
सारंगढ़ जिले के सीएचएमओ रहे डां.अवधेश पाणीग्राही ने सक्ति जिले के सीएमएचओ के रूप में
बुधवार को दोपहर पूर्व सीएमएचओ डॉ सूरज सिंह राठौर से पदभार ग्रहण किया। पदभार ग्रहण करते ही
डा. पाणिग्रही ने एक आदेश निकालते हुए डॉ सूरज सिंह राठौर को प्रभारी बीएमओ पद से हटाते हुए
कोंडागाँव जाने के लिए कार्य मुक्त कर दिया । इस कार्रवाई को पूर्वाग्रह से प्रेरित पाए जाने पर कलेक्टर ने
नव पदस्थ सीएमएचओ को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा कि पदभार ग्रहण करने से पूर्व
बिना कलेक्टर के समक्ष उपस्थिति और बिना जानकारी के नियम विरुद्ध डॉ सूरज सिंह राठौर को
कोंडागाँव के लिये कैसे कार्य मुक्त करने का आदेश जारी किया गया। नोटिस में यह भी कहा गया है कि
सीएमएचओ का यह आदेश उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना एवं शासकीय कार्यों के प्रति
उदासीनता को प्रदर्शित करता है जो की छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण 1965 के नियम 3 के विपरीत है।
इस संबंध में तीन दिवस के भीतर उनसे जवाब मांगा गया है। वहीं कलेक्टर ने एक पृथक आदेश जारी
करते हुए डा सूरज सिंह राठौर को चिकित्सा अधिकारी सक्ती पद के लिए आदेशित किया है।