कलेक्टर धर्मेश साहू ने सारंगढ़ पटवारी उमेश पटेल को किया निलंबित
डिजिटल हस्ताक्षर हटाना महंगा पड़ा पटवारी को
आवेदक के खाते से खसरा नंबर को कर दिया गया विलोपित,
सारंगढ़ अंचल के पटवारियो से आम जनता परेशान,
भूईयां में खसरा संशोधन के सैकड़ो प्रकरण लंबित?
सारंगढ़,
सारंगढ़ अंचल में पटवारियो की मनमानी थमने का नाम नही ले रही है। नया जिला बनने के बाद से पटवारियो की मनमानी और बढ़ गई है और भूईयां साप्टवेयर में खसरा नंबर और नाम आदि मे छेड़छाड़ के मामले काफी बढ़ गये है। एक ऐसे ही शिकायत पर आज कलेक्टर धर्मेश साहे ने कड़ा एक्शन लेते हुए सारंगढ़ शहरी पटवारी उमेश पटेल को निलंबित कर दिया। पटवारी के खिलाफ शिकायत था कि उन्होने नजरी नक्शा विक्रय प्रायोजन के लिये जारी करने के उपरांत डिजिटल हस्ताक्षर हटाया तथा बिना सक्षम अधिकारी के अनुज्ञा के खसरा नंबर को विलोपित कर दिया। इस ममाले मे पटवारी के खिलाफ विभागीय जांच का भी आदेश कलेक्टर ने दिया है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार सारंगढ़ राजापारा निवासी राजेन्द्र प्रसाद यादव पिता स्वं.रामलाल यादव ने अपने नाम की भूमि खसरा नंबर 975/1/व/1 रकबा 0.014 हेक्टयेर के चर्तुसीमा, नजरी नक्शा विक्रय प्रयोजन के लिये प्रदान करने पटवारी उमेश पटेल के पास आवेदन किया था। जिसमें पटवारी ने डिजिटल हस्ताक्षर के साथ उक्त प्रपत्र प्रदान कर दिया। किन्तु बाद मे भूईया साप्टवेयर में डिजिटल हस्ताक्षर गायब हो गया और खसरा नंबर 975/1 को विलोपित कर दिया गया। इस आशय की शिकायत आवेदक ने कलेक्टर धर्मेश साहू से किया जहा पर पूरे मामले में यह पाया गया कि पटवारी उमेश पटेल के द्वारा बिना सक्षम अधिकारी के अनुज्ञा के ही खसरा नंबर 975/1 को विलोपित कर दिया गया और पटवारी उमेश पटेल इस मामले मे दोषी पाये गये। इस कारण से कलेक्टर धर्मेश साहू ने पटवारी उमेश पटेल को छ.ग.सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण, तथा अपील नियम 1966 के धारा -09 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। तथा विभागीय जांच का आदेश दे दिया। निलंबन अवधि में पटवारी उमेश पटेल को अनुविभागीय अधिकारी सारंगढ़ के मुख्यालय निर्धारित किया गया है। इस आदेश के जारी होने के बाद से ही पटवारियो मे हड़कंप मच गया। तथा एक-दूसरे से मोबाईल कर पूरे मामले मे कलेक्टर धर्मेश साहू के कड़े रूख की जानकारी लेते रहे।
भूईयां में खसरा संशोधन के सैकड़ो प्रकरण लंबित?
सारंगढ़ अनुविभाग मे भूईया साप्टवेयर में खसरा नंबर, रकबा संख्या और पट्टेदार के नाम आदि मे संशोधन के सैकड़ो आवेदन लंबित है। ऐसे प्रकरण मे त्वरित कार्यवाही करने के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के मंशा के विपरीत तहसीलदार सारंगढ़ के द्वारा प्रकरणो को जानबूझकर लटकाया जा रहा है। वही पटवारी प्रतिवेदन आने के बाद भी प्रकरण में अकारण सवाल टीप कर प्रकरण को लंबित रख दिया जा रहा है। ऐसे कई मामले मे जिसमे प्रकरण को नस्तीबद्ध नही किया जा रहा है। वही दूसरी ओर लगभग हर पटवारी हल्का नंबर में खरसा नंबर के संशोधन के लगभग दर्जन भर मामले सामने आ रहे है। इस प्रकार से आंकड़ा जोड़ा जाये तो सारंगढ़ तहसील में ही एक हजार से अधिक प्रकरण लंबित हो सकते है। गत दिनो ऐसे मामलो मे त्वरित कार्यवाही के लिये अनुविभागीय अधिकारी सारंगढ़ के द्वारा पटवारियो से समस्त प्रकरणो का एकमुश्त जानकारी प्रतिवेदन मे मंगाकर संशोधन करने का निर्देश दिया गया था किन्तु आज भी तहसील कार्यालय में भूईया साप्टेवेयर में संशोधन के लिये किसान भटक रहे है।
क्या पटवारी कर रहें किसानो को परेशान?
आज जिस प्रकार से कलेक्टर धर्मेश साहू ने पटवारी उमेश पटेल को भूईया साप्टवेयर में आनलाईन रिकार्ड मे छेड़छाड़ कर खसरा नंबर को विलोपित करने का दोषी पाते हुए उनको निलंबित किया है उससे यह सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या सारंगढ़ अंचल में आनलाईन रिकार्ड में छेड़छाड़ सारंगढ़ अंचल से ही हो रहा है? क्या सारंगढ़ अंचल के पटवारी जानबूझकर रिकार्ड मे छेड़छाड़ कर रहे है? क्या भूईयां साप्टवेयर का पासवर्ड किसी शातिर व्यक्ति के पास है जो कि सरकारी रिकार्ड मे छेड़छाड़ कर रहा है? जिसके कारण से संशोधन के लिये किसानो को भटकना पड़ रहा है। राजस्व न्यायालय मे इस मामले मे हर दिन आवेदनो की बाढ़ आ रही है। ऐसे कई सवाल है जिसके कारण से भूईया साप्टवेयर मे रिकार्ड में छेडछाड़ मामले मे जांच के लिये विशेष टीम बनाकर किसानो को राहत प्रदान करने के लिये जिला प्रशासन विशेष पहल करें।