बलिदान दिवस पर विशेष नमन- डॉ. दिनेश लाल जांगड़े
एमबीबीएस, एमडी शिशु रोग विशेषज्ञ, प्रदेश भाजपा विशेष आमंत्रित सदस्य एवं सह प्रभारी जगदलपुर अजा मोर्चा डॉ. दिनेश लाल जांगड़े ने प्रेस के माध्यम से डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस 23 जुन पर श्रद्वासुमन अर्पित करते हुए नमन किया। डॉ. दिनेश लाल ने उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्री मुखर्जी जम्मू कश्मीर को भारत का पूर्ण और अभिन्न अंग बनाना चाहते थे। उस समय जम्मू कश्मीर का अलग झण्डा और अलग संविधान था। वहाँ का मुख्यमन्त्री (वजीरे-आज़म) अर्थात् प्रधानमन्त्री कहलाता था। संसद में अपने भाषण में डॉ॰ मुखर्जी ने धारा-370 को समाप्त करने की भी जोरदार वकालत की। अगस्त 1952 में जम्मू की विशाल रैली में उन्होंने अपना संकल्प व्यक्त किया था कि या तो मैं आपको भारतीय संविधान प्राप्त कराऊँगा या फिर इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये अपना जीवन बलिदान कर दूँगा। उन्होंने तात्कालिन नेहरू सरकार को चुनौती दी तथा अपने दृढ़ निश्चय पर अटल रहे। अपने संकल्प को पूरा करने के लिये वे 1953 में बिना परमिट लिये जम्मू कश्मीर की यात्रा पर निकल पड़े। वहाँ पहुँचते ही उन्हें गिरफ्तार कर नज़रबन्द कर लिया गया। 23 जून 1953 को रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गयी। उनके संकल्पों को मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में पुरा किया और उन्हे वास्तविक श्रद्वांजलि अर्पित की। उक्त बातें प्रेस के माध्यम से युवा भाजपा नेता डॉ. दिनेश लाल के द्वारा कही गई।