फिल्मो के माध्यम से ही सही लेकिन जागरूकता आ रही- कुंदन कुर्रे
2014से पहले देश में हालात ऐसे थे कि किसी भी समय कहीं पर भी बम धमाके हो जाते थे, कभी भी लव जिहाद के मामले देखने को मिल जाते थे लेकिन उन सभी मामलों को कभी सुनवाई नही होती थी और इन सब विषयों पर जब फिल्में बनाई जाती थी तो भी षडयं़त्रपुवर्क फिल्मों में रोक लगवा दी जाती थी। जब से देश में मोदी जी की सरकार आयी है तब से आपराधिक गतिविधियों में गिरावट तो आई ही है वहीं लगातार संवेदनशील विषयों पर फिल्मकार फिल्म बनाने में भी डर महसुस नही कर रहे हैं। दो वर्ष पुर्व कश्मीर फाईल्स ने जहां दुनिया के सामने कश्मीर के सच से पर्दा उठाया तो वहीं इस साल केरल स्टोरी भी लोगों को जागरूक करने में सफल रही। इसके साथ ही आने वाले समय में बंगाल स्टोरी और वीर सावरकर पर भी फिल्म आ रही है। कुल मिलाकर देखा जाए तो इन नौ वर्षों में आम जनता को सत्य बताने के लिए सत्य दिखाने के लिए फिल्मकारों भी पीछे नही हट रहे हैं। इन फिल्मो के माध्यम से जनता भी जागरूक होते जा रही है। यह भी मोदी सरकार की ही देन है। आज मार्केट में जिस प्रकार से सत्य तथ्यों पर फिल्मकार फिल्म बनाने का हिम्मत दिखा रहे हैं वह मोदी सरकार के द्वारा दिये जा रहे प्रोत्साहन का ही नतीजा है। अगर कश्मीर जैसे आंतकवादी क्षेत्रों की भी बात करें तो जिस स्थान पर 1990 के बाद से फिल्में बननी लगभग बंद हो गई थी वहां पर आज साल में 600 से ज्यादा फिल्में बन रही है। उक्त बातें प्रेस के माध्यम से युवा मोर्चा के पुर्व मण्डल उपाध्यक्ष कुंदन कुर्रे द्वारा कही गई।