
सारंगढ़ अंचल के बड़े कार्यो में “ठेकेदारो” के बेलगाम होने विकास कार्य हुए प्रभावित?
सरकारे कर रही है बड़े कार्य स्वीकृत, ठेकेदार बिलोव में ले लेते है ठेका?
बिलोव दर पर ठेका लेने से काम पूरा नही कर रहे है ठेकेदार?
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला के कार्यो के बड़े ठेकेदार बेलगाम?
सरकारी विभाग नही कस पा रहे है शिकंजा?
सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
सारंगढ़ अंचल में विकास के लिये केन्द्र और राज्य सरकार बड़े कार्यो को स्वीकृति देती है किन्तु ठेकेदारो की मनमानी और नाज नखरे ऐसे है कि बिलोव दर पर ठेका लेने के कारण से ना तो काम पूरा कर रहे है और ना ही सरकारी विभाग ठेका निरस्त कर दूसरे ठेकेदार से काम पूरा करा पा रही है। हालत ऐसे हो गया है कि बरसो गुजरने के बाद भी सड़क-पानी जैसी सुविधाओ को लेकर नया जिला बना सारंगढ़-बिलाईगढ़ तरस जा रहा है।
सारंगढ़ अंचल की सबसे बड़ी समस्या बदहाल सड़क की समस्या है। सारंगढ़ से रायगढ़ और सारंगढ़ से सरायपाली जाने के लिये 90 किलोमीटर लंबी सड़क के लिये केन्द्र सरकार ने नेशनल हाईवे 216 के लिये 496 करोड़ रूपये स्वीकृत कर एरा कंपनी को काम दिया
था, किन्तु 2016 मे प्रारंभ हुआ काम को 2022 में कंपनी अधूरा छोड़कर भाग गई और बचत काम को ग्रोवर कंपनी को दिया गया किन्तु उसने भी काम को अधूरा छोड़कर फरार होने मे भलमनसाहत समझी। वही अब टुकड़ो मे स्वीकृत प्रोजेक्ट मे सालर से सरायपाली तक की सड़क को 87 करोड़ रूपये स्वीकृत कर एनएचआई ने टेंडर निकाला जिसे रायगढ़ के सुभाष अग्रवाल ने 34 प्रतिशत बिलोव दर पर लिया है किन्तु दर कम होने का हवाला देकर काम नही किया जिसके कारण से वर्षाकाल से पूर्व कुछ भी काम इस रोड़ का नही हुआ और सारंगढ़वासी जर्जर सड़क से गुजरने के लिये मजबूर हो गये है।
वही इस नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट का सबसे बड़ा रोड़ा चंद्रपुर में महानदी पर बनने वाला नया पुल भी है। बताया जा रहा है कि 328 करोड़ रूपये मे बिलाईगढ़ से मानिकपुर बरमकेला के लिये इस नया पुल का काम शुरू हुआ है किन्तु गत 5 साल से काम बंद है। इस पुल के नही बनने के कारण से यातायात का पूरा दबाव चंद्रपुर नगर से गुजरने वाली सड़क पर हो गया है और हर दिन यहा पर जाम लगना आम बात हो गया है। महानदी पर नया बनने वाला पुल के लिये भी शासन के द्वारा 328 करोड़ रूपये स्वीकृत कर दिये है फिर भी ठेकेदार के कारण से महानदी पर नया पुल नही बन पाया। वही सारंगढ़ से रायगढ़ रोड़ मे भी कई स्थान पर टुकड़ो मे प्रोजेक्ट के लिये राशी स्वीकृत किया गया है किन्तु यहा पर बिलोव दर पर ठेका हासिल करने वाले ठेकेदारो ने काम शुरू भी नही कर सारंगढ़ अंचल को बदहाल रोड़ से गुजरने के लिये मजबूर कर दिया है। इसी प्रकार से सारंगढ़ शहर भीतर से गुजरने वाली हरदी से सारंगढ़ होकर दानसरा तक जाने वाली सडक के लिये केन्द्र सरकार ने 28 करोड़ रूपये की स्वीकृत प्रदान किया है किन्तु ठेकेदार भारी भरकम बिलोव दर पर ठेका लेने के
कारण से आधा-अधूरा मन से निमार्ण कार्य कर रहा है। जो काम जून माह तक पूरा होना था
वह अभी सिर्फ पटरी वर्क तक सिमित हो गया है। इसके कारण से वर्षाकाल में सारंगढ़ अंचल को जर्जर रोड़ से रूबरू होना पड़ेगा।
सारंगढ़ शहर सहित गांवो में अधूरा है जल-जीवन मिशन? सारंगढ़ ब्लाक में करोड़ो रूपये की स्वीकृति जल-जीवन मिशन के तहत कार्यो को मिली हुई है किन्तु ठेकेदार मनमानी पर उतारू हो गये है। निर्धारित समय को पार करने के बाद भी पचास फीसदी काम नही हो पाया है। करोड़ो रूपये की स्वीकृति मिलने के बाद भी जल-जीवन मिशन का काम गांवो के लिये जी का जंजाल बन गया है। किन्तु ठेकेदारो पर सिर्फ चेतावनी देकर प्रशासन पंगु बनी हुई है। किसी भी ठेकेदार पर कार्यवाही नही हो पा रही है।
सारंगढ़ शहर के लिये जल-जीवन मिशन के तहत साराडीह बैराज से पानी लाने के लिये पूर्व मे 57 करोड़ रूपये की स्वीकृति मिली थी किन्तु आज तक काम पचास फीसदी भी नही हो पाया है। ऐसे में स्वीकृत कार्यो को ठेकेदार ठप्प करके रख दिया है। बरमकेला में 11 करोड़ का पुल निमार्ण अधूरा सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला के बरमकेला मे विक्रमपाली मे किंकारी नाला पर 5 साल से पुल का निमार्ण कार्य चल रहा है। राशी स्वीकृत होने के बाद भी ठेकेकार काम पूरा नही कर रहा है। गत 2 वर्षो से काम बंद पड़ा है किन्तु ठेकेदार पर कार्यवाही करने से सरकारी विभाग लाचार नजर आ रहा है। ऐसे कई निमार्ण कार्य है जो कि स्वीकृत तो है किन्तु ठेकेदारो के कारण से अधर मे अटक गये है।