मोदीयुग में फिल्मकारों का लौटता भरोसा-नंदनी वर्मा
सारंगढ। भाजपा महिला मोर्चा सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिलाध्यक्ष नंदनी वर्मा ने आज प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि केन्द्र के मोदी सरकार के इस दौर में इन दिनों जम्मू-कश्मीर में लाइट्स, कैमरा और एक्शन का दौर है। सुरक्षा व्यवस्था बेहतर होने और सरकार की ओर से कई इन्सेन्टिव देने के बाद से जम्मू-कश्मीर में शूटिंग करने के प्रति फिल्मकारों का भरोसा लौट रहा है। फिल्म, वेब सीरीज, सीरियल और डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग की संख्या लगातार बढ़ रही है। यहां 2022 में 300 शूटिंग हुई थी। पर्यटन निदेशक राजा याकूब ने बताया कि इस साल रिकॉर्ड 600 फिल्म और अन्य सीरियल, वेब सीरीज की शूटिंग की उम्मीद है। इस साल अब तक 300 शूटिंग हो चुकी है। मई में शूटिंग के लिए 30 से ज्यादा फिल्मकारों ने अपने आवेदन पत्र दाखिल किए हैं, महीने के अंत तक फिल्म शूटिंग की संख्या और बढ़ने की संभावना है। हाल में श्रीनगर में जी-20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक से कश्मीर को शूटिंग डेस्टिनेशन के रूप में बूस्ट मिला है।
सरकार ने बॉलीवुड सहित कॉलीवुड और सहित अन्य रीजनल फिल्मकारों को आकर्षित करने के लिए ’कश्मीर- द फर्स्ट फिल्म शूटिंग डेस्टिनेशन’ का अभियान लॉन्च किया है। श्रीनगर में हुई जी-20 की बैठक में 17 देशों के 120 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। टूरिज्म वर्किंग ग्रुप में अमेरिकी दल में शामिल हॉलीवुड डेलीगेट्स ने भी कश्मीर में फिल्म शूटिंग के प्रति खासी रुचि जताई है। कश्मीर में इंग्लिश मूवी ’द रेजर्स एज’ (1983) और ’द क्लाइंब’ (1986) की शूटिंग हुई थी। शूटिंग के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस जम्मू-कश्मीर में फिल्म शूटिंग प्रमोशन के लिए 2021 से सिंगल विंडो क्लीयरेंस की पॉलिसी शुरू की गई है। इस पॉलिसी के तहत प्रशासन को अधिकतम दो से चार हफ्ते में फिल्म शूटिंग के लिए अनुमति देना जरूरी है। पांच साल में फिल्म मेकिंग को प्रमोट करने के लिए 500 करोड़ रुपए का बजट आवंटित है। रीजनल सिनेमा की शूटिंग को प्रमोट करने के लिए भी स्पेशल इंसेंटिव रखा है। कुल मिलाकर देखा जाए तो मोदी सरकार में फिर से फिलमकारों की पहली पसंद के रूप में कश्मीर क्षेत्र को पसंद किया जाने लगा है जो पुरे भारत वर्ष के लिए बेहद सुखद विषय है। उक्त बातें प्रेस के माध्यम से भाजपा जिलाध्यक्ष नंदनी वर्मा के द्वारा कही गई।