जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़

सारंगढ़ अंचल “कालाधन” का सुरक्षित ठिकाना बना? करोड़ो रूपये का निवेश!
सफेदपोश चेहरो के पास है करोड़ो रूपये की नगदी?

सारंगढ़ अंचल “कालाधन” का सुरक्षित ठिकाना बना? करोड़ो रूपये का निवेश!
सफेदपोश चेहरो के पास है करोड़ो रूपये की नगदी?
नाम मात्र का आईटीआर और करोड़ो रूपये की जमीन?
प्रशासनीक जांच मे नप जायेगें बड़े चेहरे?
सारंगढ़ अंचल में कब आयेगी आईटी और जीएसटी?
जिला बनने के बाद करोड़ो रूपये का जमीन में निवेश?
सारंगढ़,
नया जिला बना सारंगढ़ में जमीनो के भाव एकाएक आसमान पर पहुंच गये है। शहर के चारो दिशाओ मे एक ही कंपनी के द्वारा लगभग 100 करोड़ रूपये से अधिक की जमीन की खरीदी करने के बाद अब बारी मुनाफावसूली की चल रही है। सारंगढ़ में कालाधन का जमकर निवेश हो रहा है और चंद हजार रूपये का आईटीआर जमा करने वाले अपने नाम पर करोड़ो रूपये के जमीन का सौदा कर रहे है। एक ही कंपनी के कुछ सफेदपोश चेहरो के नाम पर लगभग 100 करोड़ से अधिक की प्रापटी के कच्ची कागजात से अब उससे मुनाफाखोरी का जरिया बनाया जा रहा है।
सारंगढ़ अंचल में महज कुछ वर्ष पहले चंद हजार रूपये की जमीनो का भाव जिला बनने के पहले ऊंचा हो रहा था किन्तु कुछ दिनो पूर्व बना जमीन सिडिंकेंट और सितंबर मे बना नया जिला के बाद इस सिडीकेंट का बल्ले-बल्ले हो गया है। चंद हजार रूपये का आईटीआर दाखिल करने वाले अब करोड़ो रूपये के भूमि का सौदा और राजिस्ट्री अपने नाम पर कराने मे लग गये है। एक अनुमान के अनुसार महज 3 माह में ही 100 करोड़ रूपये से अधिक की बेनामी संपत्ति का सारंगढ़ अंतरण किया गया है। बताया जा रहा है कि यहा पर निवेश किया गया धन पूर्ण रूप से कालाधन है। लगभग आधा दर्जन चेहरे यहा पर पूरे प्रदेश से कालाधन को खपाने के लिये अपने रिश्तेदारो को आमंत्रित कर रहे है। सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार कुछ लाख रूपये की ठेकेदारी और माह मे चंद लाख रूपये के जमीन का सौदा करने वाली पार्टी महज 4-5 साल मे ही करोड़ो रूपये का टर्नओव्हर करने लगी। कागजो पर किया जा रहा नाम मात्र का काम के एवज मे करोड़ो रूपये का मुनाफाखोरी साफ ईशारा कर रही है कि दाल मे कुछ काला है। बताया जा रहा है कि जिला बनने के बाद सारंगढ़ में लगातार ब्लैक मनी का निवेश धड़ल्ले से हो रहा है। इस ब्लैक मनी का निवेश का सुरक्षित पनाहगार सारंगढ़ शहर से सटे ईलाके है। अभी हाल मे ही एक ढ़ाबा के पास 16 करोड़ रूपये की 6 एकड़ भूमि का सौदा पक्का किया गया जबकि बिलासपुर रोड़ में एक पंप के पास 15 करोड़ में 4 एकड़ तथा 10 करोड़ में 3 एकड़ की भूमि का भी पक्का सौदा कर भुगतान किया गया है। वही थोड़ी दूर हवाई अड्‌डा के पास 10 करोड़ रूपये की 23 एकड़ भूमि का सौदा किया गया है। वही रायपुर रोड़ में पुलिया के पास 5 करोड़ रूपये की 2 एकड़ तथा रायगढ़ रोड़ में आऊटर मे लगभग 10 करोड़ रूपये का 4 एकड़ भूमि का सौदा किया गया है। इसी प्रकार से नहरपार मे 10 करोड़ रूपये की 7 एकड़ तथा रायपुर रोड़ में 5 करोड़ रूपये की 2 एकड़ भूमि का सौदा पक्का किया गया है। इन सभी में लगभग 100 करोड़ से अधिक की राशी को निवेश किया जा रहा है। सूत्रो की माने तो अंचल के ऐसे-ऐसे व्यक्तियो के द्वारा उक्त करोड़ो रूपये का सौदा किया जा रहा है जिनका आईटीआर नाम मात्र के राशी का है। ऐसे मे अब इंतजार किया जा रहा है ईडी और आईटी का शुभआगमन का। सारंगढ़ अंचल के इन जमीनो की सौदा की खसरा तथा रकबा सहित पूर्ण जानकारी को आईटी को प्रेषित करने की जानकारी मिल रही है। वही इस करोड़ो रूपये के निवेश में बताया जा रहा है कि कालाधन का पूर्ण रूप से निवेश किया गया है तथा पूरा काम कच्ची कागज पर संपन्न हो रहा है।
शहर के आसपास भूमि खरीद बना रहे है साम्राज्य का प्लान?
इस संबंध में सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार सारंगढ़ शहर कें चारो ओर लगभग 100 करोड़ रूपये का और भी निवेश करने की योजना है। ब्लैकमनी के रूप मे निवेश किया जा रहा इस कालाधन से जमकर मुनाफावसूली करने का प्लान बनाया गया है। बताया जा रहा है कि जिला मुख्यालय बनने के बाद सारंगढ़ अंचल में जमीनो की मांग काफी बढ़ने वाली है ऐसे मे बाहर से शो-रूम आदि के लिये सारंगढ़ आने वाली कंपनियो को मनमानी दर पर जमीनो को विक्रय किया जायेगा। वही अवैध रूप से प्लाटिंग करने की भी बाते छनकर सामने आ रही है।
अर्से से नही पड़ा है आईटी का छापा?
सारंगढ़ अंचल व्यापार के मामले में समृद्ध होते जा रहा है। यहा पर दर्जनो व्यापारी है जिनका टर्न ओव्हर करोड़ो रूपये का है किन्तु जब बात टैक्स की आती है तो जीएसटी बचाने के लिये बिना जीएसटी का माल और टैक्स बचाने के लिये कालाधन का निवेश का बड़ा खेल यहा पर हो जाता है। बताया जा रहा है कि सारंगढ़ पर नजर अब जीएसटी और आईटी की है तथा शीघ्र ही आईटी की टीम कुछ युवा ठेकेदारो और चंद जमीन व्यावसायी के यहा पर बड़ी कार्यवाही कर सकते है। बताया जा रहा है कि सारंगढ़ अंचल मे नगदी और कच्ची का लेनदेन और लूज पेपर का बड़ा खेल चलता है तथा हर सौदा सेटिंग में ही हो जा रहा है। ऐसे मे आखिर करोड़ो रूपये का स्त्रोत की जानकारी जीएसटी और आईटी के छापामार कार्यवाही से ही निकलकर सामने आयेगा। इस संबंध में बड़ी पहल भी कुछ लोगो के द्वारा इन एजेंसियो के पास किये जाने की खबरे छनकर सामने आ रही है। वही यहा पर छापामार कार्यवाही होने से निश्चित तौर पर शासन को करोड़ो रूपये का राजस्व मिलने की उम्मीद दिख रही है।

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