जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़

सारंगढ़ अंचल के रेत घाट की अवधि समाप्त, फिर भी रायल्टी के नाम पर राशी की वसूली?

सारंगढ़ अंचल के रेत घाट की अवधि समाप्त, फिर भी रायल्टी की राशी की वसूली?
700 रूपये की रायल्टी और लोडिंग लिया जाता था
इस कारण से 1500 रूपये की रेती का दर लगता था
अब किसके ईशारे पर 350 रूपये लिया जा रहा?
फिर भी 1500 रूपये पड़ रहा रेती का दाम
सारंगढ़,
सारंगढ़ अंचल में महानदी के रेतघाट का अवधि समाप्त हो गई है तथा रेतघाट को ठेके पर लेने वाले ठेकेदारो का काम खत्म हो गया है। सभी रेतघाट का नये सिरे से नीलामी की प्रक्रिया शुरू होने वाली है फिर भी गत माह भर से सारंगढ़ में रेतघाट से रायल्टी के नाम पर 350 रूपये की अवैध उगाही किया जा रहा है। जिसके कारण से आज भी रेत का मूल्य 1500 रूपये एक ट्राली लग रहा है जो 700 रूपये रायल्टी देने पर लग रहा था। आखिर रेतघाट पर कौन रायल्टी के नाम पर पैसा ले रहा है?
सारंगढ़ में रेत घाट की नीलामी में बरभांठा-जसरा रेत घाट, टिमरलगा रेतघाट तथा धूता रेतघाट को दिया गया था जिसकी दो वर्ष की अवधि अब समाप्त हो गई है। वही इनके अलावा अन्य कई रेतघाट जो कि स्वीकृत नही थे तथा उनको नीलामी नही किया गया था वहा पर भी इन रेतघाटो के ठेकेदारो के गुर्गो के द्वारा रायल्टी का वसूली किया जा रहा था। किन्तु रायल्टी पर्ची देने तथा सबकुछ सामान्य होने के कारण से महानदी मे रेतघाट पर रायल्टी का बड़ा खेल शांति से चल रहा था। किन्तु नवंबर माह में रेत घाट का समय-सीमा समाप्त हो गया और पीटपास खनिज विभाग के द्वारा देना बंद कर दिया गया किन्तु अभी भी रायल्टी के नाम पर 350 रूपये की उगाही रेतघाट पर उपस्थित लोगो के द्वारा किया जा रहा है। वही इस संबंध में ट्रेक्टर मे रेती का परिवहन का कार्य करने वालो ने बताया कि नवंबर माह तक रेत घाट में रेत का लोडिंग और रायल्टी के नाम पर 700 रूपये लिया जाता था। जिसकी रायल्टी पर्ची को अगले ट्रिप मे वापस करने पर 100 रूपये की वापसी किया जाता था। वही कुछ दिनो से रायल्टी पर्ची भी नही दिया जा रहा है और 350 रूपये लिया जा रहा है। किन्तु इस बारे मे वहा पर उपस्थित उगाही करने वालो से सवाल पूछने पर रेत घाट का शीघ्र ही रिनीवल होने की जानकारी देकर फरवरी से फिर से घाट का 700 रूपये का शुल्क लगने की बात कह रह है।
वही इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार सारंगढ़ विकासखंड़ में महानदी के तटीय गांवो से काफी मात्रा मे रेती निकलती है। यह रेती ज्यादात्तर ट्रेक्टर के माध्यम से आपूर्ति होती है। यहा पर रोज लगभग 100 ट्राली से अधिक रेती निकलता है तथा शहर सहित कन्ट्रक्शन सहित कई साईट पर रेती की आपूर्ति किया जाता है। सारंगढ़ विकासखंड बरभांठा-जसरा रेत घाट, धूता रेत घाट तथा टिमरलगा के रेत घाट की ठेका की समय-सीमा खत्म हो गई है तथा रायगढ़ जिला खनिज विभाग रायगढ़ पुराने जिला के सभी 39 रेत घाट की नीलामी करने वाला है। किन्तु समय-सीमा समाप्त होने के बाद भी आखिर रेत घाट पर प्रति ट्रेक्टर 350 रूपये की वसूली कौन कर रहा है? यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है।
700 रूपये से वसूली 350 मे आई फिर भी दाम बरकरार?
सारंगढ़ अंचल में रेती प्रति ट्राली की दर 2019 में 700 रूपये थी किन्तु रेतघाट की नीलामी और कोरोना काल के बाद रायल्टी के 700 रूपये जिसमे से 496 रूपये का रायल्टी तथा 200 रूपये का लोडिंग का चार्ज लग रहा था उससे प्रति ट्रेक्टर ट्राली यहा पर रेती 1500 रूपये मे मिलने लगा। वही बताया जा रहा है कि बरभांठा-जसरा और धूता और टिमरलगा मे रेत घाट की नीलामी के बाद महानदी के अन्य स्थानो से निकाले जाने वाले रेती पर ठेकेदारो ने पहरा बिठा दिया तथा जशपुरकछार जो कि रेती निकलने का बड़ा स्थान था वहा पर भी मुंशी बिठा दिया। जिसके कारण से ट्रेक्टर वाले भी बिना रायल्टी के रेत उठाने से परहेज किय और सारंगढ़ अंचल में रायल्टी के साथ रेती डबल दाम हो गया। किन्तु अब जब रायल्टी पर्ची नही दिया जा रहा है और बिना रायल्टी के रेती को विक्रय किया जा रहा है तब रेती के दामो मे कोई गिरावट नही है। जो रेती रायल्टी में 1500 रूपये ट्राली हो गई वह बिना रायल्टी के 1000 मे तो आ ही जाना था। किन्तु 350 रूपये की अवैध उगाही से अभी भी ग्राहको को 1500 रूपये प्रति ट्राली की रेत का दाम चुकाने पड़ रहे है। आखिर यहा पर 350 रूपये की अवैध उगाही कौन कर रहा है? यह सोचनीय विषय है।
…..या रेत का परिवहन अवैध या 350 रूपये की उगाही अवैध?
सारंगढ़ अंचल के महानदी के रेतघाटो की संचालन का समय-सीमा खत्म होने के बाद रिनिवल नही होने के बाद बिना रायल्टी पर्ची औरी पीट पास के रेत का उत्खनन अब पूर्ण रूप से अवैध की श्रेणी मे आ गया तथा रेत का परिवहन भी अवैध हो गया किन्तु इस उत्खनन और परिवहन के लिये 350 रूपये की उगाही आखिर कौन कर रहा है? तथा इससे शासन के स्थान पर किसके जेब में यह पैसा जा रहा है? यह सोचनीय विषय है। अगर रेतघाट का उत्खनन का समय-सीमा समाप्त हो गया है तो सारंगढ़ में धड़ल्ले से प्रति दिन 100 ट्रिप रेती की उत्खनन और आपूर्ति किसके शह पर हो रही है? और यदि सब कुछ अवैध है तो उसी रेत घाट पर खनन और लोड़िंग के नाम पर 350 रूपये कौन ले रहा है? यह सब सवाल अवैध उगाही से संबंधित है।
बहरहाल देखना यह है कि रेतघाट पर किया जा रहा बड़ा खेल सही है अथवा गलत है? यदि गलत है तो प्रशासन की कार्यवाही क्या गुल खिलायेगी? यदि सही है तो रायल्टी पर्ची क्यो नही दिया जा रहा है?

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