
डेढ़ करोड़ की लागत से बना सड़क कुछ ही दिन में क्षतिग्रस्त, घटिया निर्माण देख आक्रोशित हुए ग्रामीण
डामरीकरण के तुरंत बाद ही उभरी दरारें, साइड शोल्डर भी धंसने लगे, ग्रामीणों ने जांच और कार्रवाई की
मांग की
सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/साल्हेओना,
विधानसभा क्षेत्र रायगढ़ अंतर्गत ग्राम पंचायत साल्हेओना में नवनिर्मित डामरीकृत सड़क की गुणवत्ता को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। जिस सड़क का निर्माण कार्य डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक की लागत से कराया गया था, वह पूर्ण होने से पहले ही क्षतिग्रस्त होने लगी है। डामरीकरण के कुछ ही दिन बाद ही सड़क पर दरारें स्पष्ट दिखाई देने लगी हैं, वहीं साइड शोल्डर भी जगह-जगह धंस गए हैं। इन स्थितियों को देखकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है और वे उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं। विधायक निधि से स्वीकृत इस निर्माण कार्य के अंतर्गत दादरपाली ग्राम (ग्राम पंचायत साल्हेओना) में स्थित हनुमान मंदिर से लेकर डीपापारा तक नई डामरीकृत सड़क बनाई गई है। करीब डेढ़ महीने पूर्व इसका
निर्माण प्रारंभ किया गया था। बीते सप्ताह डामरीकरण की प्रक्रिया पूरी हुई, लेकिन शोल्डर निर्माण अभी तक पूर्ण नहीं हो सका है। ग्रामीणों का कहना है कि पूरी सड़क अभी बनी भी नहीं थी, तभी उसमें दरारें पड़ने लगीं। शोल्डर के कई हिस्से धंस चुके हैं, जिनके निशान साफ दिखाई दे रहे हैं। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता के प्रति घोर लापरवाही बरती गई है और घटिया सामग्री का खुलकर प्रयोग किया गया।
सड़क पर किसी भारी वाहन का आवागमन न होने के बावजूद वह क्षतिग्रस्त हो रही है। निर्माण के दौरान ग्रामीणों ने गुणवत्ता को लेकर आपत्तियां दर्ज कराई थीं, लेकिन लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया। परिणामस्वरूप, ठेकेदार को मनमाने ढंग से काम करने की छूट मिल गई। अब जब सड़क की वास्तविक स्थिति सामने आ गई है, ग्रामीणों ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यदि शीघ्र जांच नहीं हुई और जिम्मेदारों को दंडित नहीं किया गया, तो वे आंदोलन करेंगे।
"काम बोलता है" पर अब चुटकी ले रहे ग्रामीण सड़क निर्माण के दौरान क्षेत्र के एक प्रमुख राजनीतिक दल के कार्यकर्ता स्थल पर निरीक्षण करने पहुंचे थे।
उन्होंने सोशल मीडिया पर बड़े नेताओं का नाम लेते हुए पोस्ट की थी — "काम बोलता है!" निर्माण की सराहना करते हुए फोटो और वीडियो भी खूब साझा किए गए थे। अब जब सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं, ग्रामीण उसी नारे पर चुटकी ले रहे हैं। मुरुम की जगह डाली गई मिट्टी, बारिश से धंस रहा शोल्डर सड़क के साइड शोल्डर में लाल मुरुम डालने का प्रावधान था, जिससे सड़क की मजबूती बनी रहती। लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग और ठेकेदार की मिलीभगत से मुरुम की जगह घटिया स्तर की मिट्टी का उपयोग किया गया। पहली ही बारिश में मिट्टी बहने लगी है और शोल्डर कई जगहों पर धंसने लगे हैं, जिससे पूरी सड़क की मजबूती पर प्रश्नचिह्न खड़ा हो गया है।
एसडीओ बोले – निर्माण मेरे पूर्व कार्यकाल का है
सड़क निर्माण को लेकर पूछे जाने पर लोक निर्माण विभाग सारंगढ़ के नवपदस्थ एसडीओ रामदयाल पटेल ने कहा – "मैंने हाल ही में पदभार ग्रहण किया है। यह सड़क निर्माण मेरे आने से पहले हुआ है। अभी तक ठेकेदार ने बिल भी विभाग को नहीं सौंपा है। मैं स्वयं जाकर सड़क की स्थिति का निरीक्षण करूंगा।"