
बरमकेला – बडे़ नवापारा मार्ग पर उच्चस्तरीय पुल व पहुंच मार्ग का निर्माण 4 माह से बंद, नहीं हो रही जांच कार्रवाई
सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/साल्हेओना,
लोक निर्माण विभाग की सेतु विभाग की घोर लापरवाही के कारण बरमकेला – बडे़ नवापारा मार्ग पर किंकारी नाला पर उच्चस्तरीय पुल मय पहुंच मार्ग का निर्माण पिछले 4 माह से बंद पडा है। इसके पहले घटिया मिट्टी व पुल निर्माण को लेकर शिकायत किया गया था। जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति के लिए टीम आई और सेम्पल लेकर चली गई। बावजूद इसके विभाग ने अब तक संबंधितों पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं कर रही है। इससे क्षेत्र के लोगों में आक्रोश है। शासन की ओर से किंकारी नाला पर नये पुल व पहुंच मार्ग के लिए तकनीकी स्वीकृति 1163.85 लाख मिला था एवं कार्य की अनुमानित लागत 963 . 00 लाख है। इसके अनुबंधक विशम्बर दयाल अग्रवाल है। निर्माण की शुरुआत धीमी गति में हुई और दो बार समय वृद्धि मिलने के पश्चात भी अब तक अधूरा पडा है। बरमकेला की तरफ और बड़े नवापारा की तरफ बने पहुंच मार्ग में आसपास के खेतों की कन्हार मिट्टी को डाल दिया गया था। अमानक मिट्टी डालने से जगह जगह पर दरारें आ गया।
हालांकि बारिश होने के बाद दरारें नहीं दिख रही है लेकिन पहुंच मार्ग निर्माण में हुई गडबडी अब भी स्पष्ट देखा जा सकता है। निर्माण के दौरान पुल निर्माण हेतु गिट्टी, छड़, सीमेंट, बालू की बिना जांच कराए कर देने के कारण पुल के स्लैब, पिलर में दरारें आ गया है। सारंगढ़ विधायक उत्तरी जांगड़े ने भी जांच के लिए मांग कर चुकी है किंतु जांच की खानापूर्ति करके आगे की कार्रवाई नहीं हो पाया है। आलम यह है कि ठेकेदार ने पिछले 4 माह से निर्माण कार्य बंद कर दिया गया है। क्षेत्र के ग्रामीणों ने उच्चस्तरीय जांच की
मांग दोहराया है और दोषियों पर उचित कार्रवाई करने को कहा है।
निर्माण के दौरान नहीँ दिया ध्यान
किंकारी नाला पुल मय पहु़ंच मार्ग निर्माण के लिए सेतु विभाग के उप अभियंता एस एस तांडे व राखी पटेल को देखरेख का जिम्मा दिया गया । जांच अधिकारी एसडीओ एएल बरेठ, नैमेधन राम भगत व जेपी चौधरी है। जबकि भुगतान अधिकारी के रुप में कार्यपालन अभियंता रमेश कुमार वर्मा को बनाया गया है। इनके देखरेख, जांच होने के बाद भी निर्माण में लापरवाही बरती गई है। अब क्षेत्र के लोगों को पुराने व जीर्ण – शीर्ण पुल पर ही आवागमन करना पड रहा है। जो बारिश में डूब जा रहा है। इस मामले में जांच अधिकारी
नैमेधन राम भगत से पूछने पर कहा कि मेरा ट्रांसफर हो गया है, अब जेपी चौधरी है। मेरा दो नंबर रायगढ़ अनुविभाग था कहकर पल्ला झाड़ लिया । जबकि एसडीओ भगत के कार्यकाल में उनके माध्यम से मिट्टी बिल का एक भुगतान कार्यपालन अभियंता वर्मा के द्वारा कराने का खुलासा विधानसभा प्रश्नकाल के दौरान हो चुका है।
महज 14 – 15 वर्ष में टूटने की आशंका
विक्रमपाली, ऐरीपाली, बड़े नवापारा के ग्रामीण गोपाल पटेल, फुलेश्वर पटेल, जैजैराम पटेल, दुर्गा प्रसाद सिदार, सुदामा सिदार ने आशंका जाहिर कर बताया कि जिस तरह से रायगढ़ के उच्च विश्राम गृह के पास केलो नदी पर बना पुल 15 वर्ष में आवागमन करने लायक नहीं रहा। उसी तरह किंकारी नाला पर निर्माणाधीन पुल भी 14 – 15 वर्ष में टूटने की आशंका है। क्योंकि निर्धारित समय के तीन साल बाद भी निर्माण अधूरा है और जंग खा चुके छड़ का प्रयोग किया गया हैं और जगह – जगह पर अन्य मटेरियल की परतें झड रहे है और दरारें उभर आए हैं ।