








नये जिले में कांग्रेस की राजनिति का ध्रुवीकरण : प्रकाश-चंद्रदेव-घनश्याम की बनी तिगड़ी? जिला कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर लाबिंग हुई तेज,
अरूण-उत्तरी जांगड़े की जोड़ी एक तरफ,
चंद्रदेव-प्रकाश-घनश्याम एक तरफ
अरूण मालाकार के लिये सर्मथक लाबिंग में जुटे,
ताराचंद, सूरज तिवारी और शरद यादव की भी तगड़ी दावेदारी
सारंगढ़,
जनवरी माह में चल रही शीतलहर और कड़ाके की ठंड के बीच कांग्रेस की राजनिति अभी गर्म होते जा रही है। रायगढ़ और बलौदाबाजार से अलग होकर बने सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला में रायगढ़ के अलग होने के बाद नये बनने वाले जिलाध्यक्ष के लिये कांग्रेस के नेताओ के बीच शक्ति प्रदर्शन का दौर जारी है। अपनी अजब-गजब राजनिति के लिये पूरे प्रदेश के चर्चा मे रहने वाला सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला के कांग्रेस कप्तान के लिये एक ओर जहा अरूण मालाकार और उत्तरी गनपत की जोड़ी फिर से सीएम का आर्शीवाद के लिये आश्वास्त नजर आ रही है वही दूसरी ओर राजनिति के मंजे हुए खिलाड़ी चंद्रदेव राय-प्रकाश नायक और घनश्याम मनहर की तिगड़ी से राजनितिक माहौल गर्म हो गया है। वही बात करे कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पद के लिये तो अरूण मालाकार की स्वाभाविक दावेदारी के साथ ही ताराचंद पटेल, सूरज तिवारी और शरद यादव के नामो की चर्चा अभी कार्यकर्ताओ के बीच चल रही है।
सारंगढ़ में कांग्रेस की राजनिति की ध्रुवीकरण 5 साल पहले हुआ और रायगढ़ जिले के जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के 2 बार अध्यक्ष बने अरूण मालाकार की दमदारी से कांग्रेस में उनका एकतरफा राज चला। नंदेली के नंदन उमेश पटेल के खास सिपासलाहकार अरूण मालाकार के साथ सत्ता के साथ सारंगढ़ विधायक श्रीमती उत्तरी जांगड़े और उनके पति गनपत जांगड़े की जोड़ी भी विरोधियो पर भारी पड़ी। प्रदेश सरकार के 4 साल पूर्ण होने तथा रायगढ़ और बलौदाबाजार से कटकर अलग जिला बनने के बाद नवगठ़ित सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला मे कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष कौन होगा? यह सवाल अभी कांग्रेस के छोटे-बड़े नेताओ और कार्यकर्ताओ के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। अविभाजित रायगढ़ जिले मे जिलाध्यक्ष रहे अरूण मालाकार नवीन जिले सारंगढ़-बिलाईगढ़ बनने के बाद भी कांग्रेस की कमान को बखूबी सम्हाल सकते है तथा कांग्रेस के सभी छोटे-बड़े नेताओ के पसंद बने हुए है इस दावा के साथ सारंगढ़ विधायक श्रीमती उत्तरी जांगड़े जिलाध्यक्ष अरूण मालाकार के लिये लाबिंग करने मे जुटी हुई है इस बाबत् मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी अपनी ईच्छा से अवगत करा चुकी है। सारंगढ़ विधायक श्रीमती उत्तरी जांगड़े और जिलाध्यक्ष अरूण मालाकार की जुगलबंदी के बीच कांग्रेस को 10 माह बाद विधानसभा चुनाव लड़ना है और नये जिले मे नये राजनिति समीकरण में संसदीय सचिव और बिलाईगढ़ विधायक चंद्रदेव राय नये चेहरे को जिलाध्यक्ष के रूप मे देखना पसंद कर रहे है। ऐसे मे राजनितिक के चतुर खिलाड़ी चंद्रदेव राय ने इस मुहिम में सबसे पहले रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक को विश्वास मे लिया। इन दोनो के बीच विश्वास दिलाने मे कांग्रेस के धाकड़ नेता घनश्याम मनहर की महती भूमिका रही। जिसके कारण से 1 माह में कांग्रेस की अंदरूनी राजनिति में अब सलाह और सहमति जैसे शब्दो का मायाजाल शुरू हो गया। चंद्रदेव राय-प्रकाश नायक और घनश्याम मनहर की इस तिगड़ी से सारंगढ़ कांग्रेस मे अचानक से गर्माहट का माहौल बन गया है तथा कांग्रेस जिलाध्यक्ष की पद जिसे अब तक अरूण मालाकार के लिये सेफ जोन मे बताया जा रहा था वह संघर्ष मे दिखन लगा। नये जिलाध्यक्ष की नियुक्ति जल्द होने की खबर मात्र के बाद से ही बरमकेला के ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष तथा अघरिया समाज के धाकड़ नेता ताराचंद पटेल की लाबिंग भी कांग्रेस के बड़े नेताओ के द्वारा शुरू कर दिया गया। वही सारंगढ़ के दिग्गज कांग्रेसी सूरज तिवारी भी इस पद के लिये अपने आकाओ के द्वार खटखटाने में लग गये है। वही सरिया के दिग्गज नेता शरद यादव का भी नाम इस पद के लिये प्रबल दावेदार मे गिना जाने लगा है। बताया जा रहा है कि इस पद के बहाने सारंगढ़ की कांग्रेस की राजनिति की दशा और दिशा मे वर्चस्व स्थापित करने के लिये संघर्ष अभी और भी तेज होने की उम्मीद है।
कांग्रेस की राजनिति ले रही है करवट?
इस संबंध मे कांग्रेस के सूत्रो ने दावा किया कि वर्तमान में सारंगढ़ अंचल में कांग्रेस की राजनिति में व्यापक बदलाव की बयार दिख रही है। कुछ नेताओ ने बताया कि 4 साल तक विधायक उत्तरी जांगड़े के साथ दिखने वाले कई चेहरे अब नये तिगड़ी क्लब मे अपना स्थान सुनिश्चित करने में जुटे है। वही जिलाध्यक्ष के पद के बहाने राजिनिति में अपना दबदबा स्थापित करने के लिये नित-नये समीकरण बनते हुए दिख रहे है। सारंगढ़ की कांग्रेस की राजनिति में अभी कांग्रेस ही कांग्रेस के लिये पक्ष और विपक्ष की भूमिका अदा कर रहा है। एक ओर बिलाईगढ़ विधायक चंद्रदेव राय और रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक है तो दूसरी ओर सारंगढ़ विधायक श्रीमती उत्तरी जांगड़े और जिलाध्यक्ष अरूण मालाकार है। ऐसे मे दोनो पक्षो के द्वारा दावा किया जा रहा है कि सारंगढ़ मे कांग्रेस संगठन में उनकी दमदारी को वजन मिलना तय है। अब प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व और मुख्यमंत्री सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले मे किसकी लाबिंग को महत्व देते है यह तो कुछ दिनो के बाद ही ज्ञात होगा।
राजनिति के मंजे हुए खिलाड़ी अभी नही खोल रहे है पत्ते?
सारंगढ़ अंचल की कांग्रेस की राजनिति के मंजे हुए खिलाड़ी इस बार के प्रभुत्व की लड़ाई में अंदरखाने में लगे हुए है। राजनिति के चाणक्य माने जाने वाले संसदीय सचिव चंद्रदेव राय, विधायक प्रकाश नायक और सारंगढ़ के दिग्गज घनश्याम मनहर सार्वजनिक प्लेटफार्म पर जिलाध्यक्ष के दावेदारी और उम्मीदवारी पर कोई भी बयान नही दे रहे है और ना ही इस विषय पर कोई बात कर रहे है किन्तु अंदरखाने की आवाज में समीकरण गर्म करने मे जुटे हुए है। वही वर्तमान रायगढ़ के कांग्रेस जिलाध्यक्ष अरूण मालाकार और श्रीमती उत्तरी जांगड़े भी इस दिशा मे सार्वजनिक बयानबाजी से परे है किन्तु संगठन के बड़े नेताओ के पास अपनी ईच्छा से अवगत करा चुके है। ऐसे मे इस ऐपीसोड में कौन बाजी मारेगा? यह तो वक्त ही बतायेगा। किन्तु राजनिति के मंजे हुए खिलाड़ियो से भरी कांग्रेस की राजनिति हमेशा की तरह रोमांच और रोचकता से भरपूर दिख रही है।