जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़

सारंगढ़–बिलाईगढ़ जिले में नए चेहरे पर दांव लगा सकती है कांग्रेस? … कांग्रेस जिलाध्यक्ष के लिए दौड़ तेज, ताराचंद पटेल के नाम पर लग सकती है मुहर….

नए जिले में नए चेहरे पर दांव… नए जिले में कांग्रेस जिलाध्यक्ष के लिए दौड़ तेज.
सोशल मीडिया में रोचक चर्चा, पटेल को आंखों का तारा बनाने कार्यकर्ताओं ने लिखा पत्र

अश्वनी साहू /बरमकेला, तीन महीने पहले ही छत्तीसगढ़ के 30वें जिले के रूप में अस्तित्व में आये सारंगढ़-बिलाईगढ़ में कांग्रेेस के नए जिलाध्यक्ष को लेकर राजनैतिक सरगर्मी तेज हो गई है। सूबे में अगले साल विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है। इसे देखते हुए इस बार प्रदेश स्तर पर मजबूत नाम पर विचार हो रहा है, लेकिन इसके पहले ही जिलाध्यक्ष के लिए दौड़ तेज हो गई है और कई नेता व गुट लामबंद भी हो गए हैं। प्रदेश स्तर पर भी संगठनात्मक बदलाव जारी है। प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया को हटाकर पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलेजा को छत्तीसगढ़ का प्रभारी नियुक्ति किया गया है। चर्चा है कि आगामी कुछ दिनों में प्रदेशाध्यक्ष मोहन मरकाम के साथ कई जिलों के जिलाध्यक्ष भी बदले जाएंगे। इन्हीं के साथ ही नए जिलों में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष भी नियुक्त किए जाएंगे। पार्टी स्तर पर मंथन का दौर जारी है। कुछ दावेदारों के नाम भी सामने आए हैं। जिसमें विचार जारी होने की बात कही जा रही है। इधर जिलास्तर से पार्टी पर नेताओं के अलग-अलग गुटों द्वारा दबाव बनाने में लग हुए हैं। रायगढ़ से अलग होकर सारंगढ़ व बलौदाबाजार-भाटापारा से अलग होकर बिलाईगढ़, सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले की राजनीति में भी अब उथल पुथल देखने को मिल रही। अब सारंगढ़ जिले अस्तित्व में आने के बाद स्थानीय कांग्रेस के कई बड़े राजनीतिक पंडितों के राजनीतिक कॅरियर पर ग्रहण लग गए हैं।

गुटों में बंटती नजर आ रही कांग्रेस :

सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के बरमकेला ब्लॉक कांग्रेस की बात करें तो अब कई गुटों मे बंटती नजर आ रही। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक व व्हाट्सएप में देखा जा सकता है। जहां आरोप-प्रत्यारोप और एक-दूसरे पर छींटाकशी कर रहे हैं। सारंगढ़ विधानसभा अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित सीट है। इस विधानसभा के लिए बरमकेला क्षेत्र बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में कांग्रेस का आलाकमान 2023 विधानसभा चुनाव में इस सीट को बरकरार रखने के लिए बरमकेला को दरकिनार नहीं कर सकता। लिहाजा नए जिलाध्यक्ष के लिए मजबूत नामों पर ही विचार कर रही है।


ब्लॉक कांग्रेसाध्यक्ष को अध्यक्ष बनाने की उठी मांग :

बरमकेला ब्लॉक कांग्रेसाध्यक्ष ताराचंद पटेल को जिलाध्यक्ष बनाने की मांग जोर पकड़ रही है। बकायदा इसके लिए स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने सूबे के मुखिया भूपेश बघेल, छत्तीसगढ़ के नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, संसदीय सचिव चन्द्रदेव राय, रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक, सारंगढ़ के पूर्व विधायक पदमा घनश्याम मनहर को भी मांग पत्र देकर जिलाध्यक्ष बनाने के लिए समर्थन मांगा है। बता दें कि ताराचंद पटेल ओबीसी वर्ग से हैं। अघरिया समाज में पदाधिकारी भी हैं और युवा भी। भले ही सारंगढ़ विधानसभा सीट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है, लेकिन बरमकेला का पूरा एरिया ओबीसी बाहुल्य है। इस क्षेत्र के सहयोग बिना सारंगढ़ विधानसभा को जीतना किसी भी पार्टी के लिए मुमकिन नहीं है। 2018 विस चुनाव में बीजेपी यहां पिछड़ गई और चुनाव हार गई। ऐसे में कांग्रेस जिलाध्यक्ष के लिए ओबीसी चेहरे को दरकिनार करना कांग्रेस के लिए किसी खतरे से कम नहीं।


सोशल मीडिया में ऐसी रोचक चर्चा….

सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले को अस्तित्व में आए हुए तीन महीने हो गए, लेकिन अब तक इस नवीन जिले में कांग्रेस जिलाध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हुई है। जबकि इस मामले में बीजेपी कांग्रेस से आगे निकल चुकी हैं और 2023 विधानसभा चुनाव की तैयारी भी शुरू कर दी है। ऐसे में कांग्रेस कार्यकर्ता इस आस में बैठे हैं कि उन्हें उनका नया जिलाध्यक्ष कब मिलेगा? सोशल मीडिया में समर्थक खुलकर अपनी राय रख रहे हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं रोचक बातें भी लिख रहे हैं….चंद्र और प्रकाश के साथ कोई चमक सकता है तो वो तारा है, वहीं कुछ ने लिखा है कि सूरज किसी कोने से निकल आया तो बरमकेला विकासखंडवासी ओबीसी तो फि र ठगे रह जाएंगे। यह लिखा जा रहा है कि शरद पूर्णिमा को अगर मेहनत कि खीर बनाकर छत में टांग दे तो अमृत वर्षा कि संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

तारा के नाम पर बन सकती है सहमति-
विशेष सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार चंद्र देव राय के साथ-साथ प्रकाश नायक ताराचंद पटेल के नाम पर सहमति दे चुके हैं।रही बात सारंगढ़ विधायक उत्तरी जांगड़े की तो उत्तरी जांगड़े भी ताराचंद के नाम पर किसी प्रकार की आपत्ति करने से परहेज करेंगे।विदित हो कि सारंगढ़ विधानसभा में ना केवल बरमकेला बल्कि सारंगढ़ क्षेत्र में भी अघरिया समाज की बहुलता है और अघरिया समाज से कोई व्यक्ति कांग्रेस का जिलाध्यक्ष बनता है तो निश्चित रूप से सारंगढ़ विधानसभा में कांग्रेस को लाभ मिल सकता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button